Vishwakarma Puja 2025: इस साल की विश्वकर्मा पूजा बेहद खास मानी जा रही है, 17 सितंबर 2025 को यह पर्व तीन महत्वपूर्ण संयोगों के साथ मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से कार्यक्षेत्र में उन्नति, व्यापार में वृद्धि और जीवन में समृद्धि आती है.
पूजा की तिथि और महत्व: इस बार विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2025, बुधवार को मनाई जाएगी. बिहार, झारखंड और पूर्वी भारत के कई इलाकों में इस दिन कारखानों, दुकानों, गाड़ियों और मशीनों की सफाई कर भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है. लोग अपने औजारों और उपकरणों को दिव्य शक्ति मानकर उन्हें पूजते हैं और काम की शुरुआत करते हैं.
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और व्यक्ति को पितृ ऋण से मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है. यही नहीं, इस दिन पूजा करने से व्यापार में वृद्धि, काम में सफलता और जीवन में समृद्धि आती है.
तीन शुभ संयोग:
- इंदिरा एकादशी – इस साल 17 सितंबर को इंदिरा एकादशी भी है. यह दिन पितरों को सद्गति देने के लिए बेहद खास माना जाता है.
- सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश – इसी दिन रात 1:54 बजे सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे.
- विश्वकर्मा पूजा – शिल्प और निर्माण कार्य के देवता भगवान विश्वकर्मा की पूजा पूरे देश में कारखानों, फैक्ट्रियों, दुकानों और कार्यालयों में की जाएगी.
शुभ समय:
- महा पुण्य काल: सुबह 5:36 से 7:39 तक
- विशेष अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:15 से 12:25 तक
- शुभ समय: सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक
इस तरह 17 सितंबर 2025 का दिन श्रद्धा और विश्वास का अद्भुत संगम लेकर आएगा. इंदिरा एकादशी, सूर्य का राशि परिवर्तन और विश्वकर्मा पूजा का यह अनोखा मेल इसे और भी खास बना देगा.
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