बिना टेंडर के ही दिया गया NRHM के आरोपी को 92 लाख का काम, मुकेश श्रीवास्तव, तत्कालीन गोंडा-बहराइच के CMO समेत 5 पर FIR

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में दशकों से भ्रष्टाचार की पठकथा लिखने वाले NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव और उसके सहयोगियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। मुकेश और उसके सहयोगियों के खिलाफ FIR दर्ज की गयी है। इसमें मुकेश और उसके सहयोगियों की करतूत उजागर हो गयी है। इससे साफ पता चलता है कि, आखिर ये सभी कैसे भ्रष्टाचार का सिंडिकेट चलाते हैं। ये FIR जांच के बाद दर्ज की गयी है, जिसमें सामने आया कि, बिना टेंडर के ही गोंडा में लाखों का काम मुख्यचिकित्सा अधिकारी की मदद से मुकेश के पिता की कंपनी को हासिल हो गया।

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उत्तर प्रदेश के अयोध्या सेक्टर (सतर्कता अधिष्ठान) थाने में NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव, उसके पिता राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव, चिनहट के विकल्पखंड निवासी बहराइच के तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी संतोष कुमार, महानगर निवासी तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी जनपद गोण्डा डॉ. आभा आशुतोष और गोंडा के ठठराही बाजार, करनैलगंज निवासी रामचंद्र सोनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। इसमें बताया गया कि, मुकेश श्रीवास्तव, सुरेश सिंह मुख्य चिकित्साधिकारी जनपद बहराइच और मुख्य चिकित्साधिकारी जनपद गोण्डा के विरूद्ध गलत दवा कारोबार के सम्बंध में खुली जांच कराये जाने के आदेश उ0प्र0 सतर्कता अधिष्ठान को दिये गये थे, जिसकी खुली जांच की गयी।

खुली जांच से पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हलधर मऊ व कटरा बाजार में प्रशासनिक भवन व आवासों के मरम्मत व स्थल विकास कार्य हेतु अवर अभियन्ता राम मनोहर मौर्या द्वारा स्टीमेट तैयार किया गया। बजट की मांग करते हुए तकनीकी स्वीकृति महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य उ०प्र० को प्रेषित किया गया। इसके बाद 6.11.2017 को इन्हें 9204216.00 का बजट प्राप्त हुआ। तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा बिना टेण्डर कराये जनपद बलरामपुर के वित्तीय वर्ष 2015-16 के निविदा पर नियम विरुद्ध तरीके से मेसर्स आर.पी.ग्रुप आफ कन्सट्रक्शन बहराइच से दुरभिसंधि कर अनुचित लाभ प्राप्त करने की नियत से कार्य अनुबन्ध किया गया है। आरोप है कि, इस अनुचित लाभ प्राप्त करने की नियत से उन्होंने ये कार्य अनुबंध किया। इसके बाद ​नियमों के विपरित इस फर्म ने इस काम को 05-08-2017 से 15-01-2018 के मध्य पूर्ण किया गया था।

मुकेश के लिए तत्कालीन CMO ने जमकर किया खेल
जांच में सामने आया कि, मुकेश श्रीवास्तव के लिए तत्कालीन मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संतोष कुमार श्रीवास्तव ने जमकर नियमों की अनदेखी की। दरअसल, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हलधर मऊ व कटरा बाजार में प्रशासनिक भवन व आवासों के मरम्मत के लिए गोंडा में अवर अभियंता उपलब्ध होने के बाद भी बहराइच में नियुक्ति अवर अभियंता की देखरेख में काम किया गया।
कार्य की एम.बी. बहराइच के अवर अभियन्ता राम कुशल वर्मा द्वारा की गयी है।

NRHM के आरोपी पर मेहरबान रहे स्वास्थ्य विभाग के अफसर
जांच में सामने आया कि, NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव पर अफसरों की मेहरबानी जमकर हुई। डॉ. सतीश कुमार तत्कालीन अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण देवीपाटन मण्डल गोण्डा, डॉ. आभा अशुतोष, डा. सन्तोष कुमार श्रीवास्तव, तत्कालीन मुख्य चिकित्सा अधिकारी गोण्डा और रामकुशल वर्मा तत्कालीन अवर अभियन्ता जनपद बहराइच ने ​अनुचित लाभ के लिए नियम के विरुध मुकेश श्रीवास्तव का साथ देते रहे।

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पिता के नाम पर मुकेश श्रीवास्तव ने बनाई फर्म
यही नहीं, मुकेश श्रीवास्तव ने पिता राजेंद्र प्रसाद के नाम पर मेसर्स आर.पी. ग्रुप आफ कन्सट्रक्शन नाम की फर्म बनाई थी। खाता संख्या की जांच हुई तो और चौंकाने वाले मामले सामने आया, जिसमें सामने आया कि, 416613.00 रुपया आरोपी के पिता की फर्म के खाते से आरोपी मुकेश श्रीवास्तव ने प्राप्त किया है। जांच में कहा गया कि, इसके लिए डॉ. सतीश कुमार (मृतक), डॉ. आभा आशुतोष, डॉ. सन्तोष कुमार श्रीवास्तव, रामकुशल वर्मा (मृतक), राजेन्द्र प्रसाद श्रीवास्तव और मुकेश श्रीवास्तव उर्फ ज्ञानेन्द्र प्रताप श्रीवास्तव दोषी हैं।

करीब दो दशक से चल रहा मुकेश का राज
बता दें कि, स्वास्थ्य विभाग में NRHM के आरोपी मुकेश श्रीवास्तव का राज पिछले दो दशक से चल रहा है। इसके खिलाफ कई गंभीर शिकायतें हुईं। इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग में उसका एकक्षत्र राज बना हुआ है। यही नहीं, मुकेश अब अपने करीबियों की कंपनियों पर काम कर रहा है। उत्तर प्रदेश के करीब दो दर्जन जिलों में मुकेश अपने और अपने करीबियों के कंपनियों की मदद से काम करने में जुटा हुआ है।

 

 

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