Nails Haram in Islam: इस्लाम में नाखून बढ़ाना सुन्नत नहीं है, बल्कि नाखून काटना सुन्नत है. पैगंबर मुहम्मद ने प्राकृतिक स्वभाव के एक हिस्से के रूप में नाखून काटने पर जोर दिया था और इसे 40 दिनों से ज्यादा नहीं बढ़ाना चाहिए.
लंबे नाखून इस्लाम में रखने की इजाजत नहीं हैं, क्योंकि यह स्वच्छता के सिद्धांतों के खिलाफ है और वुजू के दौरान पानी को नाखूनों तक पहुंचने से रोक सकता है, जिससे प्रार्थना अधूरी हो सकती है.
इस्लाम में नाखून बढ़ाना हराम
इस्लाम में, नाखून बढ़ाना पैगंबर मुहम्मद की सुन्नत या फितरत के खिलाफ माना जाता है, हालांकि इसे सीधे तौर पर हराम नहीं माना जाता है. पैगंबर मुहम्मद सल्लाहु अलैहि व सल्लम ने मुसलमानों को 40 दिनों के भीतर नाखून काटने का आदेश दिया है और इसे फितरत या प्राकृतिक स्वभाव का हिस्सा माना गया है.
लंबे नाखून बढ़ने से वुजू के दौरान पानी उंगलियों तक नहीं पहुंचा पाता, जिससे वुजू अधूरा या अमान्य हो सकता है और यह स्वच्छता के सिद्धांतों के भी खिलाफ है.
नाखून काटना पैगंबर मुहम्मद की सुन्नत
- नाखून काटना फितरा है: इस्लाम में, नाखून काटना फितरा (प्राकृतिक मानवीय स्वभाव) का हिस्सा है और इसे प्रोत्साहित किया जाता है.
- स्वच्छता का महत्व: इस्लाम स्वच्छता को बढ़ावा देता है और लंबे नाखून गंदगी जमा कर सकते हैं, जो स्वच्छता के विपरीत हैं.
- पैगंबर का आदेश: पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने 40 दिनों के भीतर नाखून काटने का आदेश दिया है, जो सुन्नत का हिस्सा है.
नाखून बढ़ाना पैगंबर मुहम्मद की सुन्नत के खिलाफ क्यों?
- स्वास्थ्य और सफाई: लंबे नाखूनों में मैल जमा हो सकता है, जिससे सफाई ठीक से नहीं हो पाती है.
- वुजू पर प्रभाव: लंबे नाखूनों के नीचे मैल जमा हो सकता है और वुजू के दौरान पानी पूरी तरह से वहां तक नहीं पहुंच पाता है. अगर वुजू अधूरा रह जाए, तो नमाज़ भी मान्य नहीं होती है.
- फितरा के खिलाफ: 40 दिनों से ज्यादा नाखून न काटना फितरा के खिलाफ जाना माना जाता है, हालांकि यह हराम नहीं है बल्कि मकरूह है.
- गैर-मुस्लिमों की नकल: कुछ विद्वानों का कहना है कि लंबे नाखून बढ़ाना दरिंदों और गैर-मुस्लिमों की नकल है, जो ठीक नहीं है.
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