मंगलवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने की कीमतें नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं. डॉलर के कमजोर होने और अमेरिकी फेडरल रिजर्व से ब्याज दर घटाने की उम्मीदों ने इस तेजी को और बल दिया. घरेलू और वैश्विक बाजारों में सोने-चांदी की मांग लगातार बनी हुई है.
सुबह 9:50 बजे अक्टूबर वायदा सोना ₹1,10,229 प्रति 10 ग्राम पर 0.05% ऊपर कारोबार कर रहा था. कारोबार के दौरान यह ₹1,10,530 तक पहुंचा, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है. दिसंबर वायदा सोना और आगे बढ़ा और ₹1,11,450 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया. खुदरा बाजार में भी 24 कैरेट सोना ₹870 बढ़कर ₹1,11,930 प्रति 10 ग्राम हो गया.
चांदी ने भी मारी छलांग
सोने की तरह चांदी में भी तेजी देखने को मिली. एमसीएक्स पर दिसंबर वायदा चांदी 0.16% चढ़कर ₹1,29,630 प्रति किलो पर पहुंच गई. कारोबार के दौरान यह ₹1,29,720 तक गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.
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ग्लोबल पर भी सोना-चांदी चमक रहे हैं. स्पॉट गोल्ड 1.1% बढ़कर $3,680.80 प्रति औंस पर पहुंच गया और थोड़ी देर के लिए $3,685.39 तक चला गया. वहीं, अमेरिकी दिसंबर वायदा सोना $3,719 प्रति औंस पर 0.8% ऊपर बंद हुआ.
डॉलर कमजोरी और फेडरल रिजर्व की पॉलिसी से मिला सहारा
डॉलर इंडेक्स 0.10% गिरा, जिससे सोना विदेशी खरीदारों के लिए और सस्ता हो गया. यही वजह है कि मांग और बढ़ी और सोने के दाम ऊंचाई पर पहुंच गए. अब निवेशकों की नजर 17 सितंबर को होने वाली अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी बैठक पर है.
मार्केट को उम्मीद है कि फेड इस बार 25 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती करेगा. अमेरिकी जॉब डेटा भी कमजोर आया है. अगस्त में नौकरी की रफ्तार धीमी रही और बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3% हो गई. हालांकि, महंगाई 2.9% पर बनी हुई है जो फेड के 2% लक्ष्य से ज्यादा है. इस वजह से गहरी दर कटौती (50 बेसिस प्वाइंट) की संभावना कम लग रही है.
गोल्ड लोन कंपनियों पर सोने की बढ़त का असर
सोने की कीमतों में तेजी का सीधा फायदा गोल्ड लोन कंपनियों को मिल रहा है. सोने का मूल्य बढ़ने से उनके पास रखे गए गिरवी (कोलेटरल) का दाम बढ़ जाता है. इससे डिफॉल्ट का रिस्क घटता है और कर्ज देने की क्षमता बढ़ती है.
IIFL फाइनेंस का शेयर 3.5% उछलकर ₹455.10 पर पहुंच गया. पिछले छह महीनों में यह 38% चढ़ चुका है. मणप्पुरम फाइनेंस (Manappuram Finance Ltd) 2% बढ़कर ₹295.05 पर बंद हुआ. छह महीनों में इसमें 42% की तेजी आई है. मुथूट फाइनेंस 1.5% चढ़कर ₹2,980 पर पहुंचा और पिछले छह महीनों में 28% ऊपर गया है. मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने के ऊंचे दाम इन कंपनियों के लिए बड़ा फायदा लेकर आएंगे. इनके पास लोन बुक बढ़ाने और मुनाफा सुधारने का अच्छा मौका है.
आगे क्या होगा सोने का रुख?
एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर फेड 25 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती करता है और डॉलर कमजोर रहता है तो निकट भविष्य में सोने की चमक बरकरार रह सकती है. हालांकि, महंगाई अभी भी चिंता का विषय है.
अगर यह फेड के लक्ष्य से ऊपर बनी रहती है तो ब्याज दरों में बड़ी कटौती की संभावना कम होगी, जिससे सोने की तेजी पर थोड़ी लगाम लग सकती है. फिर भी, वैश्विक अनिश्चितताओं और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच निवेशक सोना-चांदी जैसे सुरक्षित साधनों में निवेश बढ़ा रहे हैं.
खबर से जुड़े FAQs
Q1. एमसीएक्स पर सोना नए रिकॉर्ड स्तर पर क्यों पहुंचा?
डॉलर की कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों के कारण सोने की मांग बढ़ी और दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे.
Q2. अभी एमसीएक्स पर सोना और चांदी का क्या भाव है?
सोना अक्टूबर वायदा ₹1,10,530 प्रति 10 ग्राम और चांदी दिसंबर वायदा ₹1,29,720 प्रति किलो तक पहुंच गई.
Q3. डॉलर कमजोर होने से सोने की कीमत पर क्या असर पड़ता है?
जब डॉलर कमजोर होता है तो विदेशी खरीदारों के लिए सोना सस्ता हो जाता है, जिससे अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ती है और कीमत ऊपर जाती है.
Q4. सोने की बढ़त से किन कंपनियों को फायदा हुआ है?
मुथूट फाइनेंस, मणप्पुरम फाइनेंस और आईआईएफएल फाइनेंस जैसी गोल्ड लोन कंपनियों के शेयर चढ़े क्योंकि सोने के बढ़ते दाम से उनकी जमानत की वैल्यू बढ़ती है और डिफॉल्ट का रिस्क घटता है.
Q5. निकट भविष्य में सोने का रुझान कैसा रह सकता है?
अगर फेडरल रिजर्व 25 बेसिस प्वाइंट की दर कटौती करता है और डॉलर कमजोर बना रहता है, तो सोना मजबूत रह सकता है. हालांकि, महंगाई (इन्फ्लेशन) ऊंची रही तो तेजी थोड़ी सीमित हो सकती है.
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