बिना तार के कैसे चलता है वाई-फाई? 99% लोगों को नहीं पता इसके पीछे की तकनीक

वाई-फाई का पूरा नाम Wireless Fidelity है. यह तकनीक डेटा को हवा में भेजने और पकड़ने के लिए रेडियो वेव्स का इस्तेमाल करती है. जिस तरह रेडियो स्टेशन से निकली तरंगें आपके रेडियो तक पहुंचकर आवाज में बदल जाती हैं उसी तरह वाई-फाई राउटर से निकली तरंगें आपके मोबाइल या कंप्यूटर तक पहुंचती हैं और वहां इंटरनेट सिग्नल में बदल जाती हैं. यह प्रक्रिया इतनी तेज होती है कि हमें किसी तरह की देरी महसूस ही नहीं होती.

वाई-फाई का पूरा नाम Wireless Fidelity है. यह तकनीक डेटा को हवा में भेजने और पकड़ने के लिए रेडियो वेव्स का इस्तेमाल करती है. जिस तरह रेडियो स्टेशन से निकली तरंगें आपके रेडियो तक पहुंचकर आवाज में बदल जाती हैं उसी तरह वाई-फाई राउटर से निकली तरंगें आपके मोबाइल या कंप्यूटर तक पहुंचती हैं और वहां इंटरनेट सिग्नल में बदल जाती हैं. यह प्रक्रिया इतनी तेज होती है कि हमें किसी तरह की देरी महसूस ही नहीं होती.

जब आप वाई-फाई इस्तेमाल करते हैं तो सबसे पहले इंटरनेट आपके घर या ऑफिस में मौजूद ब्रॉडबैंड कनेक्शन या मोबाइल नेटवर्क से राउटर तक पहुंचता है. राउटर उस इंटरनेट सिग्नल को डिजिटल डेटा से रेडियो वेव्स में बदल देता है. ये तरंगें हवा में फैलती हैं और आपके डिवाइस का वाई-फाई रिसीवर उन्हें पकड़ लेता है. इसके बाद रिसीवर इन रेडियो वेव्स को फिर से डिजिटल डेटा में बदल देता है और इसी तरह आपका फोन या लैपटॉप इंटरनेट से जुड़ जाता है.

जब आप वाई-फाई इस्तेमाल करते हैं तो सबसे पहले इंटरनेट आपके घर या ऑफिस में मौजूद ब्रॉडबैंड कनेक्शन या मोबाइल नेटवर्क से राउटर तक पहुंचता है. राउटर उस इंटरनेट सिग्नल को डिजिटल डेटा से रेडियो वेव्स में बदल देता है. ये तरंगें हवा में फैलती हैं और आपके डिवाइस का वाई-फाई रिसीवर उन्हें पकड़ लेता है. इसके बाद रिसीवर इन रेडियो वेव्स को फिर से डिजिटल डेटा में बदल देता है और इसी तरह आपका फोन या लैपटॉप इंटरनेट से जुड़ जाता है.

वाई-फाई मुख्य रूप से दो तरह की तरंगों का इस्तेमाल करता है. पहला है 2.4 गीगाहर्ट्ज बैंड जिसकी खासियत यह है कि इसकी रेंज ज्यादा होती है लेकिन स्पीड थोड़ी कम रहती है. दूसरा है 5 गीगाहर्ट्ज बैंड, जो ज्यादा तेज स्पीड देता है लेकिन इसकी रेंज थोड़ी सीमित होती है.

वाई-फाई मुख्य रूप से दो तरह की तरंगों का इस्तेमाल करता है. पहला है 2.4 गीगाहर्ट्ज बैंड जिसकी खासियत यह है कि इसकी रेंज ज्यादा होती है लेकिन स्पीड थोड़ी कम रहती है. दूसरा है 5 गीगाहर्ट्ज बैंड, जो ज्यादा तेज स्पीड देता है लेकिन इसकी रेंज थोड़ी सीमित होती है.

यही वजह है कि अगर आप राउटर से दूर चले जाते हैं या बीच में दीवारें आ जाती हैं तो वाई-फाई सिग्नल कमजोर हो सकता है. आजकल नई तकनीकें जैसे Wi-Fi 6 और Wi-Fi 7 और भी ज्यादा तेज और भरोसेमंद कनेक्टिविटी देती हैं.

यही वजह है कि अगर आप राउटर से दूर चले जाते हैं या बीच में दीवारें आ जाती हैं तो वाई-फाई सिग्नल कमजोर हो सकता है. आजकल नई तकनीकें जैसे Wi-Fi 6 और Wi-Fi 7 और भी ज्यादा तेज और भरोसेमंद कनेक्टिविटी देती हैं.

अगर वाई-फाई न होता तो हर डिवाइस को इंटरनेट के लिए तार से जोड़ना पड़ता जिससे न सिर्फ जगह-जगह तारों का जाल बिछ जाता बल्कि मोबाइल और लैपटॉप जैसे पोर्टेबल डिवाइस का इस्तेमाल भी आसान नहीं होता. वाई-फाई ने इंटरनेट को सचमुच मोबाइल और आसान बना दिया है. अब आप किसी भी जगह बैठकर नेट सर्फिंग कर सकते हैं, वीडियो कॉल कर सकते हैं, ऑनलाइन क्लास जॉइन कर सकते हैं या फिर मनोरंजन का आनंद ले सकते हैं.

अगर वाई-फाई न होता तो हर डिवाइस को इंटरनेट के लिए तार से जोड़ना पड़ता जिससे न सिर्फ जगह-जगह तारों का जाल बिछ जाता बल्कि मोबाइल और लैपटॉप जैसे पोर्टेबल डिवाइस का इस्तेमाल भी आसान नहीं होता. वाई-फाई ने इंटरनेट को सचमुच मोबाइल और आसान बना दिया है. अब आप किसी भी जगह बैठकर नेट सर्फिंग कर सकते हैं, वीडियो कॉल कर सकते हैं, ऑनलाइन क्लास जॉइन कर सकते हैं या फिर मनोरंजन का आनंद ले सकते हैं.

वाई-फाई हमारी जिंदगी को न केवल ज्यादा स्मार्ट बनाता है बल्कि हमें पूरी तरह से कनेक्टेड भी रखता है. यह तकनीक हवा में फैली रेडियो वेव्स की मदद से डेटा को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक पहुंचाकर हमें बिना तार के इंटरनेट का अनुभव कराती है. यही कारण है कि वाई-फाई आज की डिजिटल दुनिया की सबसे जरूरी तकनीकों में से एक बन चुका है और आने वाले समय में इसके और भी तेज व सुरक्षित रूप देखने को मिलेंगे.

वाई-फाई हमारी जिंदगी को न केवल ज्यादा स्मार्ट बनाता है बल्कि हमें पूरी तरह से कनेक्टेड भी रखता है. यह तकनीक हवा में फैली रेडियो वेव्स की मदद से डेटा को एक डिवाइस से दूसरी डिवाइस तक पहुंचाकर हमें बिना तार के इंटरनेट का अनुभव कराती है. यही कारण है कि वाई-फाई आज की डिजिटल दुनिया की सबसे जरूरी तकनीकों में से एक बन चुका है और आने वाले समय में इसके और भी तेज व सुरक्षित रूप देखने को मिलेंगे.

Published at : 16 Sep 2025 03:41 PM (IST)

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