
दिन के समय खाना पाचन के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. रिसर्च बताती है कि प्राकृतिक रोशनी में भोजन करने से पाचन बेहतर होता है, ब्लड शुगर कंट्रोल रहता है और शरीर की बायोलॉजिकल क्लॉक मजबूत होती है. यही वजह है कि Mira Kapoor भी कोशिश करती हैं कि उनका खाना दिन में ही हो.

सूरज की रोशनी से शरीर को विटामिन D मिलता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है. इसके साथ ही धूप मूड अच्छा करती है क्योंकि इससे सेरोटोनिन हार्मोन बनता है. यही हार्मोन भूख और तृप्ति को भी कंट्रोल करता है, जिससे ओवरईटिंग की संभावना कम हो जाती है.

आयुर्वेद के अनुसार हर इंसान का शरीर तीन दोषों पर चलता है वात, पित्त और कफ. वात शरीर की गतिविधियों जैसे सांस, दिल की धड़कन और मूवमेंट को नियंत्रित करता है. पित्त पाचन और मेटाबॉलिज्म से जुड़ा होता है, जबकि कफ शरीर को ताकत, स्थिरता और इम्यूनिटी देता है. अगर व्यक्ति अपना दोष समझ ले तो अपने खान-पान और दिनचर्या को उसी हिसाब से मैनेज कर सकता है.

अभ्यंग यानी ऑयल मसाज आयुर्वेद की एक पुरानी और असरदार पद्धति है. इसमें शरीर को गर्म और पोषक तेलों से मसाज किया जाता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है, स्किन हेल्दी रहती है और स्ट्रेस भी कम होता है. Mira Kapoor का मानना है कि यह शरीर और दिमाग दोनों को रिलैक्स करता है.

ऑयल मसाज करने से शरीर की थकान दूर होती है, त्वचा सॉफ्ट रहती है और नींद अच्छी आती है. यह इमोशंस को शांत करता है और शरीर को अंदर से एनर्जी देता है. हफ्ते में कम से कम एक दिन अभ्यंग करने की सलाह दी जाती है, जिससे शरीर को गहराई से पोषक मिल सके.

इन तीन आयुर्वेदिक प्रैक्टिस से शरीर और मन में संतुलन बना रहता है. सूरज के साथ खाना पाचन और मेटाबॉलिज्म सुधारता है, अपना दोष समझना लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाता है और ऑयल मसाज शरीर को रिफ्रेश करता है.

Mira Kapoor कहती हैं कि आयुर्वेद शरीर को समझने का एक नक्शा है. अगर हम छोटे-छोटे बदलाव जैसे समय पर खाना, दोष के अनुसार डाइट और हफ्ते में एक दिन ऑयल मसाज को अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें तो हेल्थ और लाइफ क्वालिटी दोनों बेहतर हो सकती हैं.
Published at : 14 Sep 2025 12:20 PM (IST)
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