Nepal Gen Z Protest: नेपाल में जारी राजनीतिक संकट सिर्फ़ एक सामाजिक असंतोष नहीं है, बल्कि ग्रहों की चाल से जुड़ा एक गहरा संकेत भी है. शनि और राहु की मीन राशि में युति ने सत्ता की जड़ों को हिला दिया, जबकि बुध और मंगल की टकराहट ने युवाओं को सड़कों पर उतार दिया.
प्रधानमंत्री का इस्तीफा, सोशल मीडिया बैन और Gen-Z का आंदोलन बताता है कि यह परिवर्तन केवल शुरुआत है. गुरु का मिथुन में होना नए नेतृत्व का संकेत तो देता है, लेकिन फिलहाल विभाजन और मतभेद की स्थिति भी गहरी होगी. ज्योतिषीय गणना साफ कहती है कि नेपाल को आने वाले वर्षों में और बड़े बदलाव झेलने होंगे.
सत्ता और जनता के बीच की खाई गहरी होगी!
नेपाल इस समय एक ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां राजनीति, समाज और युवाओं की आकांक्षाएं आपस में टकरा रही हैं. प्रधानमंत्री का इस्तीफा, सोशल मीडिया पर पाबंदी और सड़कों पर Gen-Z की गूंज यह बताती है कि सत्ता और जनता के बीच की खाई गहरी हो चुकी है.
सवाल उठता है कि क्या यह सब महज एक राजनीतिक असंतोष है, या इसके पीछे ग्रहों की भी कोई भूमिका है? ज्योतिषीय गणना हमें संकेत देती है कि नेपाल की यह उथल-पुथल फिलहाल रुकने वाली नहीं, बल्कि आने वाले गहरे बदलावों का प्रारंभ है.
नेपाल के युवाओं का आंदोलन अचानक फूट पड़ा. सोशल मीडिया पर लगे प्रतिबंध ने इसे चिंगारी दी, लेकिन भीतर का गुस्सा इससे कहीं ज़्यादा पुराना है.
शनि ने असंतोष को धीरे-धीरे बढ़ाया और राहु ने दी हवा
नेपो किड्स यानी नेताओं के बच्चों का वर्चस्व और भ्रष्टाचार ने वर्षों से दबे असंतोष को धीरे-धीरे भर दिया था. जब राहु और शनि एक साथ मीन राशि में आए, तो यह विस्फोटक परिस्थिति बनी.
ज्योतिष ग्रंथ कहते हैं कि जब राहु शनि के साथ हो, सत्ता की जड़ें हिलती हैं और जनता का असंतोष मुखर हो जाता है. यही कारण है कि अचानक प्रधानमंत्री को कुर्सी छोड़नी पड़ी और अंतरिम सरकार की चर्चा शुरू हो गई.
ज्योतिषीय दृष्टि से इस पूरे घटनाक्रम का सबसे दिलचस्प पहलू बुध और मंगल की स्थिति है. बुध संवाद और सूचना का कारक है, जबकि मंगल ऊर्जा और संघर्ष का प्रतीक है.
जब ये दोनों टकराते हैं, तो जनसंवाद विद्रोह का रूप ले लेता है. नेपाल में यही हुआ. युवाओं ने सोशल मीडिया पर लगाई गई रोक को अपनी आज़ादी पर हमला माना और मंगल की ऊर्जा ने इसे सड़क पर आंदोलन में बदल दिया. इसीलिए यह आंदोलन केवल तकनीक का सवाल नहीं रहा, बल्कि आत्मसम्मान और अस्तित्व का प्रश्न बन गया.
गुरु ने पैदा की वैचारिक क्रांति
गुरु इस समय मिथुन राशि में हैं. मिथुन की प्रकृति द्वैत मानी जाती है. इसका प्रभाव यह है कि आंदोलन में एक नई सोच और वैचारिक क्रांति तो दिखाई दे रही है, लेकिन यह एकजुट नहीं हो पा रहा.
युवा अलग-अलग गुटों में बंटे हुए हैं और नेतृत्व को लेकर सहमति नहीं बन पा रही. यही कारण है कि नेपाल में इस समय कोई एक ऐसा चेहरा सामने नहीं आ पा रहा, जो पूरे आंदोलन को दिशा दे सके. गुरु की यही स्थिति संकेत करती है कि बदलाव तो आएगा, लेकिन पहले बिखराव और मतभेद का दौर झेलना होगा.
चंद्र ग्रहण ने किया आग में घी का काम
7-8 सितंबर 2025 चंद्र ग्रहण के बाद नेपाल में जो उथल-पुथल बढ़ी, वह भी संयोग मात्र नहीं थी. ग्रहण काल हमेशा से सत्ता, राजनीति और सामाजिक संरचनाओं पर गहरा असर डालता आया है.
पुराणों में उल्लेख है कि ग्रहण के बाद राजा की कुर्सी डोलती है और प्रजा का असंतोष मुखर होता है. नेपाल में 7 सितंबर का ग्रहण मानो इस पूरे आंदोलन का ज्योतिषीय ट्रिगर साबित हुआ. उसी के बाद प्रदर्शन तेज हुए, हिंसा बढ़ी और आखिरकार सत्ता का पतन सामने आया.
अब सवाल यह है कि आगे क्या होगा? ज्योतिष कहता है कि 2025 का यह संकट केवल प्रारंभ है. शनि और राहु की संयुक्त स्थिति बताती है कि अस्थिरता लंबे समय तक बनी रहेगी.
साल 2026 होगा बदलाव का साल
2026 में न्याय और संविधान से जुड़ी नई बहसें होंगी. युवा पीढ़ी अपनी मांगों को और तीव्र करेगी और यह आंदोलन नेपाल के लोकतंत्र की जड़ों को हिला देगा.
स्थिरता का संकेत तभी मिलेगा जब गुरु और शनि की अनुकूल स्थिति बनेगी, और वह समय 2027 के आसपास आएगा. तब तक नेपाल को अस्थायी सरकारों, नेतृत्व विवाद और सामाजिक अशांति का सामना करना पड़ सकता है.
ज्योतिषीय उपाय भी इस समय महत्वपूर्ण माने जा सकते हैं. युवाओं की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देने के लिए बुध-मंगल साधना की आवश्यकता है. यदि यह ऊर्जा हिंसा की ओर जाएगी तो हालात और बिगड़ेंगे, लेकिन यदि इसे सकारात्मक शक्ति में बदला गया तो यही Gen-Z नेपाल के भविष्य का निर्माण करेगी.
संपूर्ण परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो नेपाल आज इतिहास के ऐसे मोड़ पर खड़ा है, जहां राजनीति और ज्योतिष दोनों एक ही कहानी कह रहे हैं. राजनीति बताती है कि जनता बदलाव चाहती है, और ज्योतिष बताता है कि समय का चक्र भी परिवर्तन की मांग कर रहा है.
शनि-राहु सत्ता को चुनौती दे रहे हैं, बुध-मंगल युवाओं की क्रांति को हवा दे रहे हैं, और गुरु यह संकेत दे रहे हैं कि नए नेतृत्व का उदय अवश्य होगा, लेकिन विभाजन और संघर्ष के बाद. यही कारण है कि ज्योतिषीय गणना साफ कहती है कि अभी तो शुरुआत है, नेपाल को और गहरे बदलाव झेलने होंगे.
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