उपराष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग से विपक्षी इंडिया गठबंधन में शामिल पार्टियों में खलबली मची है. सवाल है कि आखिर किन-किन सांसदों ने एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को वोट किया. इस बीच कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इसके तीन पहलू हैं. पहला- लालच, दूसरा- विश्वासघात और तीसरा- नेतृत्व की विफलता. यह गंभीर मामला है.
चंडीगढ़ से सांसद मनीष तिवारी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई से कहा, ”सभी पार्टियों के लीडरशिप को इसकी जांच करनी चाहिए और आत्ममंथन करना चाहिए.” बीजेपी नेताओं का दावा है कि 30 से 40 सांसदों ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार राधाकृष्णन को वोट दिया.
VIDEO | Congress leader Manish Tewari says, “Cross-voting has three dimensions. First, there is greed, second is a breach of trust, and third is the failure of leadership. It is a serious matter…”
BJP leaders had claimed that at least 15 opposition members voted for the NDA… pic.twitter.com/XAxRJTOWCX
— Press Trust of India (@PTI_News) September 11, 2025
हरदीप पुरी ने क्या कहा?
बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुधवार (10 सितंबर) को विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वे यह बताने में असमर्थ हैं कि पेपर बैलट के इस्तेमाल के बावजूद उनके लगभग 35 सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को वोट कैसे दिया.
पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा, ”कांग्रेस और उसके कुछ सहयोगी अक्सर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) पर संदेह जताते रहे हैं और चुनावों में पेपर बैलट की वापसी की मांग करते रहे हैं. उपराष्ट्रपति चुनाव पेपर बैलट का उपयोग करके हुआ था, और जीत का अंतर बताता है कि कई विपक्षी सांसदों ने अपने आधिकारिक उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी का समर्थन नहीं किया होगा.”
बता दें कि विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 320 वोट मिलने की उम्मीद थी, लेकिन उन्हें 300 वोट ही मिले. चुनाव में 15 वोट अवैध करार दिए गए. एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट मिले. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार (12 सितंबर) को राधाकृष्णन को पद की शपथ दिला सकती हैं.
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