Jane Street vs SEBI: जेन स्ट्रीट की याचिका पर आज शुरू होगी सुनवाई, सेबी की कार्रवाई से मिलेगी राहत! – jane street vs sebi faces off with india market regulator in court

Jane Street vs SEBI: अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ग्रुप (Jane Street Group) और भारत के मार्केट रेगुलेटर SEBI के बीच चल रहे मामले में तीन जजों की अपील्स कोर्ट आज सुनवाई शुरू करेगी। मार्केट की नजरें इस पर बनी हुई हैं क्योंकि इसका दुनिया के सबसे इक्विटी डेरिवेटिव्स मार्केट पर गहरा पड़ सकता है। सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) में जस्टिस पीएस दिनेश कुमार की अगुवाई में इस बात पर विचार किया जाएगा कि सेबी ने जुलाई माह में जो अंतरिम आदेश जारी किया था, उसके खिलाफ जेन स्ट्रीट की अपील स्वीकार की जाए या नहीं। इस अंतरिम आदेश में अमेरिकी ट्रेडिंग कंपनी पर हेराफेरी का आरोप लगाया गया है और कार्रवाई की गई है जिसके खिलाफ जेन स्ट्रीट ने पिछले हफ्ते अपील किया था। जेन स्ट्रीट का कहना है कि उसे बचाव के लिए अहम डॉक्यूमेंट्स का सेबी ने एक्सेस देने से इनकार कर दिया और जेन स्ट्रीट ने अपील की सुनवाई पूरी होने तक सेबी की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है।

क्या हो सकता है आज?

न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक उम्मीद की जा रही है कि अगर कोर्ट इस बात को तय करने के लिए और अधिक समय मांगता है कि सेबी कुछ डॉक्यूमेंट्स जेन स्ट्रीट के साथ साझा न करके उसके बचाव का रास्ता बंद कर रहा है तो इस पर जेन स्ट्रीट सेबी को जांच रोकने के लिए कहने का अनुरोध कर सकता है। आमतौर पर पहली सुनवाई में एक रोडमैप तय होता है, जिसमें कोर्ट सेबी को बाद में आरोपों का जवाब देने के लिए बुलाता है।

मुंबई के लॉ फर्म सराफ एंड पार्टनर्स के पार्टनर अभिराज अरोड़ा के मुताबिक फिलहाल तो जेन स्ट्रीट और सेबी, दोनों का मुख्य ध्यान अंतरिम रोक के सवाल पर है। उनका मानना है कि ट्रिब्यूनल से अंतरिम राहत मिल सकती है और सेबी को जेन स्ट्रीट की अपील का जवाब देने का निर्देश मिल सकता है।

जेन स्ट्रीट ने सेबी और दुबई के हेज फंड मैनेजर मयंक बंसल के बीच ईमेल समेत कुछ डॉक्यूमेंट्स का एक्सेस मांग रही। मयंक बंसल के साथ सेबी के मेल का एक्सेस जेन स्ट्रीट ने इसलिए मांगा है क्योंकि माना जा रहा है कि इसी ने सेबी के अमेरिकी फर्म के भारत में ट्रेड को लेकर जानकारी दी थी। जेन स्ट्रीट और एनएसई के बीच के ईमेल का भी एक्सेस मांगा है। न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग के मुताबिक जेन स्ट्रीट ने आरोप लगाया है कि जांच में अप्रांसगिक कहकर इनका एक्सेस उसे नहीं मिला।

अपनी अपील में कंपनी ने यह भी कहा कि सेबी का सर्विलांस डिपार्टमेंट पहले ही उसकी ट्रेडिंग एक्टिविटी की समीक्षा कर चुका है और दिसंबर में उसे किसी भी तरह की हेराफेरी का कोई सबूत नहीं मिला था। एनएसई ने भी एक महीने पहले ऐसा ही माना था। माइंडस्प्राइट लीगल की मैनेजिंग पार्टनर अक्षया भंसाली का कहना है कि सेबी यह कह सकता है कि जो इंटर्नल कम्युनिकेशंस हुए हैं, वह इस साल की शुरुआत में दूसरी जांच शुरू करने के उनके फैसले से अलग है। अक्षया के मुताबिक सेबी यह भी कह सकता है कि अंतरिम आदेश का एनएसई की रिपोर्ट से कोई कनेक्शन नहीं था।

मामले पर क्यों है मार्केट की नजर?

जेन स्ट्रीट और सेबी के बीच कोर्ट में चल रहे मामले पर मार्केट की नजर इसलिए लगी हुई हैं क्योंकि जंप ट्रे़डिंग (Jump Trading), सिटाडेल सिक्योरिटीज (Citadel Securities), और आईएमसी ट्रेडिंग (IMC Trading) जैसी अन्य कंपनियों पर असर पड़ सकता है। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि भारत का डेरिवेटिव मार्केट दुनिया भर के हाई-स्पीड ट्रेडिंग फर्मों के लिए काफी आकर्षक हो गया है। इस साल की शुरुआत में सेबी की एक रिपोर्ट के मुताबिक रिटेल ट्रेडर्स को वित्त वर्ष 2025 में फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) में करीब $1200 डॉलर का नुकसान हुआ था और इसका फायदा मुख्य रूप से ट्रेडिंग फर्मों को मिला।

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