शेयर बाजार (Stock Market) में कंपनियां समय-समय पर अपने निवेशकों को खुश करने और अपनी मार्केट पोज़िशन मजबूत करने के लिए कई कदम उठाती हैं. इनमें स्टॉक स्प्लिट, बोनस शेयर और डिविडेंड सबसे अहम कॉरपोरेट एक्शन माने जाते हैं. ये कदम न केवल निवेशकों को इनाम देने का तरीका हैं, बल्कि बाजार में कंपनी के ग्रोथ और मजबूती का भी संकेत देते हैं. आइए इन्हें आसान भाषा में समझते हैं.
स्टॉक स्प्लिट क्या होता है?
स्टॉक स्प्लिट का मतलब है कि कंपनी अपने मौजूदा शेयरों को कई छोटे हिस्सों में बांट देती है. इससे हर शेयर की कीमत कम हो जाती है, लेकिन कंपनी की कुल वैल्यू पर कोई फर्क नहीं पड़ता.
उदाहरण के लिए, अगर किसी कंपनी का 2-1 स्टॉक स्प्लिट होता है, तो आपके पास अगर 10 शेयर ₹1,000 के थे, अब आपके पास 20 शेयर ₹500 के हो जाएंगे. निवेश का कुल मूल्य ₹10,000 ही रहेगा, लेकिन शेयर अब ज्यादा किफायती हो गए.
ट्रेडर्स को क्या फायदा?
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लिक्विडिटी बढ़ती है- ज्यादा शेयर उपलब्ध होने से खरीद-बिक्री आसान हो जाती है.
कीमत किफायती बनती है- छोटे निवेशक भी आसानी से खरीद सकते हैं, जिससे डिमांड बढ़ती है.
प्राइस मूवमेंट की संभावना- शेयर की पहुंच बढ़ने से नए निवेशकों की एंट्री हो सकती है, जिससे कीमत बढ़ सकती है.
कंपनियां क्यों करती हैं स्टॉक स्प्लिट?
जब किसी कंपनी का शेयर बहुत महंगा हो जाता है और छोटे निवेशक खरीदने से कतराने लगते हैं, तब कंपनी शेयर को सस्ता और आकर्षक बनाने के लिए स्टॉक स्प्लिट का ऐलान करती है.
बोनस शेयर क्या हैं?
बोनस शेयर का मतलब है कि कंपनी अपने पुराने शेयरधारकों को मुफ्त में नए शेयर देती है. ये शेयर कंपनी के मुनाफे या रिजर्व से दिए जाते हैं. उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 50 शेयर हैं और कंपनी 1-1 बोनस देती है, तो आपको 50 और शेयर फ्री में मिलेंगे, यानी आपके पास कुल 100 शेयर हो जाएंगे.
ट्रेडर्स को क्या फायदा?
फ्री में ज्यादा शेयर- निवेशक बिना पैसा खर्च किए और शेयर पाते हैं.
पोर्टफोलियो वैल्यू बढ़ने का मौका- अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है तो ये शेयर निवेश का मूल्य बढ़ा सकते हैं.
कंपनी की मजबूती का संकेत- बोनस शेयर बताता है कि कंपनी का मुनाफा अच्छा है और वो शेयरधारकों को रिवार्ड देना चाहती है.
कंपनियां क्यों देती हैं बोनस शेयर?
कंपनी बोनस शेयर देकर अपने रिजर्व का फायदा शेयरधारकों तक पहुंचाती है. इससे कंपनी की साख बढ़ती है और निवेशकों का भरोसा भी मजबूत होता है.
डिविडेंड क्या होता है?
डिविडेंड यानी कंपनी अपने मुनाफे का एक हिस्सा कैश के रूप में शेयरधारकों को देती है. ये नियमित अंतराल (जैसे हर तिमाही या सालाना) पर दिया जाता है और लंबे समय के निवेशकों और रिटायर लोगों के लिए एक भरोसेमंद आय का स्रोत बन जाता है.
ट्रेडर्स को क्या फायदा?
नियमित कमाई- डिविडेंड शेयर रखने पर आपको लगातार आय देता है.
कंपनी की मजबूती का संकेत- डिविडेंड देने वाली कंपनियां आमतौर पर मजबूत और मुनाफे वाली होती हैं.
स्टॉक प्राइस सपोर्ट- डिविडेंड शेयरों को आकर्षक बनाता है, जिससे उनकी कीमत स्थिर रहती है.
कंपनियां क्यों देती हैं डिविडेंड?
कंपनियां अपने मुनाफे को शेयरधारकों तक पहुंचाने और भरोसा बढ़ाने के लिए डिविडेंड देती हैं. ये कंपनियों को स्थिर और मजबूत दिखाने का तरीका भी है.
निवेशकों पर असर
इन तीनों कॉरपोरेट एक्शन का असर निवेशकों पर अलग-अलग होता है-
लिक्विडिटी बढ़ती है- स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर से बाजार में ज्यादा शेयर उपलब्ध हो जाते हैं.
पोर्टफोलियो वैल्यू बढ़ती है- बोनस शेयर और डिविडेंड से पोर्टफोलियो का मूल्य बढ़ सकता है.
पॉजिटिव मार्केट सेंटिमेंट- ये कदम कंपनी की ग्रोथ और मजबूती का संकेत देते हैं.
जोखिम का पहलू- ज्यादा शेयर आने से प्रति शेयर कमाई (EPS) घट सकती है, इसलिए निवेशकों को कंपनी की लंबी अवधि की ग्रोथ को भी ध्यान में रखना चाहिए.
क्यों करती हैं कंपनियां ये ऐलान?
शेयरधारकों को रिवार्ड देना- बोनस शेयर और स्टॉक स्प्लिट से कंपनी कैश रिजर्व पर असर डाले बिना निवेशकों को फायदा देती है, जबकि डिविडेंड कैश के रूप में इनाम है.
पब्लिक पार्टिसिपेशन बढ़ाना- शेयरों की कीमत कम करके कंपनियां छोटे निवेशकों को भी आकर्षित करती हैं.
बाजार में मजबूती का संदेश- ये कदम दिखाते हैं कि कंपनी आत्मविश्वास से भरी है और उसका बिजनेस मजबूत है.
खबर से जुड़े FAQs
Q1. स्टॉक स्प्लिट क्या होता है?
स्टॉक स्प्लिट में कंपनी अपने शेयरों को छोटे हिस्सों में बांटती है ताकि उनकी कीमत कम हो और ज्यादा निवेशक उन्हें खरीद सकें.
Q2. बोनस शेयर कैसे मिलते हैं?
बोनस शेयर कंपनी अपने मुनाफे या रिजर्व से निवेशकों को मुफ्त में देती है. यह शेयरधारकों के भरोसे को बढ़ाने का तरीका है.
Q3. डिविडेंड का मतलब क्या है?
डिविडेंड कंपनी के मुनाफे का हिस्सा है जो निवेशकों को कैश के रूप में दिया जाता है.
Q4. क्या स्टॉक स्प्लिट से निवेशक का मुनाफा बढ़ता है?
स्टॉक स्प्लिट से निवेश का कुल मूल्य नहीं बदलता, लेकिन शेयर सस्ते हो जाते हैं और ट्रेडिंग में आसानी होती है, जिससे मुनाफे की संभावना बढ़ सकती है.
Q5. कंपनियां बोनस शेयर क्यों देती हैं?
कंपनियां बोनस शेयर देकर अपने रिजर्व का फायदा शेयरधारकों को देती हैं और बाजार में अपनी मजबूती का संदेश देती हैं.
(डिस्क्लेमर: यहां स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस द्वारा दी गई है. ये जी बिजनेस के विचार नहीं हैं. निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)
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