नेपाल की राजधानी काठमांडू में सोमवार (08 सितंबर, 2025) को हजारों युवा सड़कों पर उतर आए और सरकार के द्वारा 26 लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगाने के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन किया. प्रदर्शन मुख्य रूप से जनरेशन-Z के युवा कर रहे हैं, जो न केवल सोशल मीडिया बैन से नाराज हैं, बल्कि देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ भी विरोध जता रहे हैं.
प्रदर्शन की शुरुआत और पुलिस से झड़पें
सुबह 9 बजे माइटिघर क्षेत्र में प्रदर्शनकारियों ने इकट्ठा होकर विरोध जताया. उनके हाथों में बैनर थे जिन पर ‘भ्रष्टाचार बंद करो, सोशल मीडिया नहीं’, ‘सोशल मीडिया पर बैन हटाओ’ और ‘युवा भ्रष्टाचार के खिलाफ’ जैसे नारे लिखे थे. प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय ध्वज लहराया और राष्ट्रगान गाया.
पुलिस का कड़ा रुख, अब तक 18 लोगों की मौत
प्रदर्शन बढ़ता गया और जब कुछ प्रदर्शनकारी संसद भवन के पास की प्रतिबंधित जोन में प्रवेश करने की कोशिश करने लगे, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए आंसू गैस, वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया. इस दौरान कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई और लगभग 50 से ज्यादा लोग घायल हो गए. घायल प्रदर्शनकारियों को सिविल अस्पताल, एवरेस्ट अस्पताल और अन्य नजदीकी स्वास्थ्य सुविधाओं में भर्ती कराया गया है.
#UPDATE | Nepal Police says, “Nine people have lost their lives as Protest turned violent in Kathmandu as people staged a massive protest against the ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites, leading to clashes between police and protesters” https://t.co/2gM8GGjJdx
— ANI (@ANI) September 8, 2025
कई क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू, सेना सड़क पर उतरी
प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही देश की संसद के गेट से तोड़फोड़ की वैसे ही प्रदर्शन हिसंक हो गया. इसके बाद प्रशासन ने काठमांडू के अहम सरकारी क्षेत्रों में कर्फ्यू लागू कर दिया है. इसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति निवास, प्रधानमंत्री कार्यालय, सिंग्धु दरबार, और अन्य संवेदनशील सरकारी क्षेत्र शामिल हैं. यह कर्फ्यू दोपहर 12:30 बजे से रात 10 बजे तक लागू है. राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू लगाने के बाद सेना को तैनात कर दिया गया.
#WATCH | Nepal | Protestors vandalise the Parliament gate as the protest turned violent in Kathmandu, as people staged a massive protest against the ban on Facebook, Instagram, WhatsApp and other social media sites, leading to clashes between police and protesters pic.twitter.com/dkh9Mg7BGc
— ANI (@ANI) September 8, 2025
सोशल मीडिया बैन की वजह
सरकार ने 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन इसलिए लगाया क्योंकि ये प्लेटफॉर्म्स स्थानीय नियमों के तहत रजिस्ट्रेशन नहीं करवा रहे थे. इनमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स, यूट्यूब, व्हाट्सऐप, लिंक्डइन, रेडिट जैसे बड़े प्लेटफॉर्म शामिल हैं. सरकार ने कंपनियों को रजिस्ट्रेशन, शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त करने, और संपर्क प्वाइंट बनाने की समय सीमा दी थी.
अभी तक की स्थिति
प्रदर्शन तेजी से नेपाल के अन्य बड़े शहरों में भी फैल चुका है. सरकार का दावा है कि बैन हटाने का फैसला तभी लिया जाएगा, जब ये प्लेटफॉर्म्स नियमों का पालन करेंगे. वहीं प्रदर्शनकारी इसे अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला बता रहे हैं और इसे वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
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