उपराष्ट्रपति चुनाव: जगदीप धनखड़ ने अचानक क्यों दिया था इस्तीफा? क्या है पद छोड़ने की इनसाइड स्टोरी

Jagdeep Dhankhar suddenly resign Inside Story: जगदीप धनकड़ ने 21 जुलाई 2025 को संसद से शुरू हुए मानसून सेशन के पहले दिन अचानक शाम में अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को सौंप दिया था। इस्तीफे में उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा देने की बात कही थी। इस्तीफे को अगले ही दिन स्वीकार भी कर लिया गया। जगदीप धनखड़ का विदाई भाषण भी नहीं हुआ और इस मामले पर बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की चुप्पी और विपक्ष के सवालों ने कई अटकलों को जन्म दे दिया। हालांकि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बाद में दोहराया कि धनखड़ का इस्तीफा पूरी तरह से स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण था और इसका कोई अन्य अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें: NDA के राधाकृष्णन को कड़ी टक्कर देंगे विपक्ष के उम्मीदवार, इंडिया गठबंधन के नेताओं ने कही ये बात

—विज्ञापन—

पीएम मोदी की पोस्ट, कांग्रेस के सवाल

पीएम मोदी ने धनखड़ के इस्तीफे पर सोशल मीडिया पर लिखा कि “जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।” वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, “पिछले 15 घंटे का घटनाक्रम बहुत आश्चर्यजनक है। भारत के इतिहास में यह पहली बार है कि उपराष्ट्रपति ने इस्तीफा दिया और आनन-फानन में इसे स्वीकार भी कर लिया गया। अगर वे इसका उल्लेख करें कि परिस्थितियां क्या थीं, तो जो सच्चाई है, वह 146 करोड़ भारतीय जान पाएंगे।”

—विज्ञापन—

यह भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति चुनाव: ‘लाखों की सैलरी, फ्री विदेशी टूर’, देश के दूसरे बड़े पद पर क्या-क्या मिलती हैं सुविधाएं?

इस्तीफे का एक कारण ये भी

कहा जा रहा है कि धनखड़ विपक्ष के प्रति हाल के दिनों में अचानक नरम हो गए थे। जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग का प्रस्ताव उन्होंने जिस तेजी से स्वीकार किया, उसने सत्ता पक्ष को चौंका दिया। बताया जाता है कि बीजेपी नेतृत्व को इसकी भनक तक नहीं थी और पार्टी के कई नेता इससे असहज हो गए थे। सूत्रों के मुताबिक, धनखड़ बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा और किरेन रिजिजू की अनुपस्थिति से भी नाराज थे। यही बात उनके फैसले की एक बड़ी वजह मानी जा रही है।

यह भी पढ़ें: ‘लोकतंत्र सहयोग पर पनपता है, टकराव पर नहीं…’, व्हिप पर बोले उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी

धनकड़ के इस्तीफे पर क्यों उठे सवाल

जगदीप धनकड़ के इस्तीफे पर सवाल उठने की वजह यह भी थी कि उनके पांच साल के कार्यकाल के सिर्फ़ दो साल शेष थे। 21 जुलाई की सुबह सक्रिय दिख रहे खुशमिजाज धनकड़ ने अचानक शाम को इस्तीफा दे दिया, जबकि 22 जुलाई को उनका आधिकारिक कार्यक्रम उपराष्ट्रपति के तौर पर जयपुर में प्रस्तावित था। धनकड़ ने कुछ सप्ताह पहले ही सार्वजनिक रूप से कहा था कि वह अपना कार्यकाल पूरा करने की योजना बना रहे हैं। ऐसे में अचानक दिए उनके इस्तीफे पर सवाल उठने लाजमी थे।

यह भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA के पास साफ बहुमत, फिर विपक्ष किसके दम पर कर रहा है जीत का दावा?

Read More at hindi.news24online.com