जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने रविवार (7 सितंबर, 2025) को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया. हालिया उच्च सदन चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी में उनके खिलाफ इस्तीफे की मांगें तेज हो गई थीं. अब लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) में नए नेता के लिए संघर्ष शुरू हो गया है. इस प्रक्रिया में कई नेता सामने आ रहे हैं, जिनमें साने ताकाइची, शिंजिरो कोइज़ुमी, योशिमासा हयाशी, योशीहिको नोडा और युइचिरो तामाकी प्रमुख हैं. चुनाव के बाद संसद में वोटिंग कर नए प्रधानमंत्री का चयन होगा.
साने ताकाइची – जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने की राह पर
साने ताकाइची (उम्र-64 साल) एलडीपी की वरिष्ठ नेता हैं. वे रूढ़िवादी विचारधारा के लिए जानी जाती हैं और पिछली बार इशिबा से नेतृत्व के लिए मुकाबला कर चुकी हैं. अगर वे चुनी जाती हैं तो जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री बनेंगी. साने ने आर्थिक सुरक्षा और आंतरिक मामलों में मंत्री के तौर पर कार्य किया है.
शिंजिरो कोइज़ुमी – सबसे युवा प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद
शिंजिरो कोइज़ुमी (उम्र-44 साल) राजनीतिक परिवार से आते हैं और सुधारक के तौर पर जाने जाते हैं. उन्होंने जापान में भ्रष्टाचार से पार्टी की छवि सुधारने का प्रयास किया है. कोइज़ुमी ने पर्यावरण मंत्री के तौर पर भी काम किया है और जलवायु नीति को प्रभावी बनाने के पक्षधर रहे हैं.
योशिमासा हयाशी – सरकार का मुखर प्रवक्ता
योशिमासा हयाशी (उम्र-64 साल) मुख्य कैबिनेट सचिव रहे हैं. उन्होंने रक्षा, विदेश और कृषि मंत्रालय संभाले हैं. अंग्रेजी में धाराप्रवाह और विदेश नीति में विशेषज्ञ, हयाशी बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति की स्वतंत्रता बनाए रखने के पक्ष में हैं. वे एलडीपी नेतृत्व चुनाव में दो बार भाग ले चुके हैं.
योशीहिको नोडा और युइचिरो तामाकी
योशीहिको नोडा (उम्र-68 साल) संवैधानिक डेमोक्रेटिक पार्टी (CDP) के नेता हैं और पूर्व प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं. उन्होंने उपभोग कर को बढ़ाकर राजकोषीय कड़ापन को समर्थन दिया था. हाल ही में उन्होंने खाद्य पदार्थों पर अस्थायी कर कटौती की मांग की और बैंक ऑफ जापान की प्रोत्साहन योजना को धीरे-धीरे समाप्त करने की वकालत की.
युइचिरो तामाकी (उम्र-56 साल) दक्षिणपंथी डेमोक्रेटिक पार्टी फॉर द पीपल (DPP) के सह-संस्थापक हैं. वे वित्त मंत्रालय के पूर्व अधिकारी रह चुके हैं. तामाकी टैक्स कटौती, टैक्स छूट और लोगों की आय बढ़ाने के पक्षधर हैं. वे देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने, विदेशी भूमि अधिग्रहण पर सख्त नियम लागू करने और नए परमाणु संयंत्र बनाने के भी समर्थन में हैं. साथ ही, वे बैंक ऑफ जापान की मौद्रिक नीति को सतर्क तरीके से समाप्त करने की सलाह देते हैं.
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