क्या है दरगाह हजरतबल का विवाद? क्यों की गई तोड़-फोड़, जिस पर मचा बवाल, श्रीनगर में हुई FIR

Dargah Hazratbal Shrine Row: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में दरगाह हजरतबल को लेकर विवाद जारी है। नवीनीकरण के बाद दरगाह के फाउंडेशन स्टोन पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ अंकित होने पर आपत्ति जताई गई। विवाद के चलते दरगाह के अंदर राष्ट्रीय प्रतीक को पत्थरों से क्षतिग्रस्त करते हुए तोड़-फोड़ भी की गई, जिसके बाद विवाद गरमा गया। पुलिस ने मामले में FIR दर्ज करके CCTV फुटेज के आधार पर तोड़-फोड़ करने वालों की धरकपड़ शुरू कर दी है। 10 से ज्यादा लोग हिरासत में लिए गए हैं, जिनसे पूछताछ की गई है।

क्यों खास है दरगाह हजरतबल?

बता दें कि श्रीनगर में डल झील के किनारे बनी दरगाह हजरतबल इस्लाम और मुसलमानों का पवित्र तीर्थ स्थल है। यहां पैगंबर मुहम्मद की पवित्र रेलिक (मोई-ए-मुक्कदस, उनके बाल) संरक्षित किए गए हैं। ईद-ए-मिलाद-उन-नबी समेत कई मौंकों पर हजारों श्रद्धालु दरगाम पर नमाज पढ़ने और दुआ मांगने के लिए आते हैं। हाल ही 1968 के बाद दरगाह हजरतबल में सबसे बड़ा नवीनीकरण किया गया है, जिसका उद्घाटन 3 सितंबर 2025 को जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष दरख्शां अंद्राबी द्वारा किया गया था।

दरगाह को लेकर क्यों छिड़ा विवाद?

बता दें कि दरगाह हजरतबल के नवीनीकरण के बाद उद्घाटन समारोह में फाउंडेशन स्टोर को लेकर विवाद हुआ। लोगों ने फाउंडेशन स्टोन पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ अंकित करने पर आपत्ति जताई है। स्थानीय लोगों ने अशोक स्तंभ अंकित करने को इस्लामी सिद्धांतों और ‘तौहीद’ (ईश्वर की एकता) के खिलाफ माना। जम्मू-कश्मीर के लोगों का कहना है कि इस्लाम में मस्जिदों या पवित्र स्थलों पर मूर्तियों या प्रतीकों को अंकित करना धार्मिक भावनाओं का अपमान है।

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5 सितंबर को हुई दरगाह में तोड़-फोड़

बता दें कि अशोक स्तंभ अंकित करने को लेकर जताई गई आपत्ति आक्रोश में बदल गई। 5 सितंबर 2025 को ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर प्रदर्शनकारी उग्र हो गए और उन्होंने दरगाह में घुसकर फाउंडेशन स्टोन को पत्थर मार-मार कर तोड़ दिया, जिससे विवाद गहरा गया। वहीं विरोध प्रदर्शन और तोड़-फोड़ की घटना के बाद श्रीनगर में पुलिस सुरक्षा बढ़ा दी गई। प्रदेश की शांति भंग करने, दंगा और उपद्रव फैलाने एवं आपराधिक साजिश रचने की धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।

विवाद पर क्या बोले उमर अब्दुल्ला?

बता दें कि दरगाह के फाउंडेशन स्टोन को लेकर छिड़े विवाद पर जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने अशोक स्तंभ अंकित करने को गलत बताया और कहा कि धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रीय प्रतीक का इस्तेमाल करना अनुचित है। वक्फ बोर्ड को ऐसा करने की जरूरत ही नहीं थी। इसके लिए बोर्ड को माफी मांगनी चाहिए।

BJP सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस बयान की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि दरगाह के फाउंडेशन स्टोन पर राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ अंकित होने पर सवाल उठाकर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान बताया है। उन्होंने कहा कि उमर अब्दुल्ला को दरगाह में तोड़-फोड़ की निंदा करनी चाहिए थी।

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