अमेरिकी टैरिफ पर भारत ने अभी तक कोई कड़ा एक्शन नहीं लिया, लेकिन अमेरिका से बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। शुक्रवार दोपहर अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत से रिश्ते को लेकर नई टेंशन हो गई है। रिश्ता खोने तक की चिंता जाहिर की है। वहीं देर रात अमेरिका के कॉमर्स सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने भारत को लेकर अपनी खीज निकाली है। हॉवर्ड ने कहा कि मुझे लगता है कि 1 या 2 महीने में भारत माफी मांगने के लिए तैयार होगा और बातचीत करने के लिए अमेरिका आएगा। भारत कहेगा कि उन्हें खेद है।
हॉवर्ड ने बताई वजह
भारत से माफी मांगने की उम्मीद लगाए बैठे अमेरिकी कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड ने इसके पीछे की वजह बताते हुए कहा कि ब्रिक्स समूह में रूस और चीन ने नई दिल्ली को एक स्वर बनाया है। इसलिए, मुझे लगता है कि भारत बातचीत के लिए आएगा। कहा कि भारत कहेगा कि उन्हें खेद है और भारत वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ समझौता करने की कोशिश करेंगे।
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ट्रंप तय करेंगे कि मोदी से कैसे निपटा जाए
हॉवर्ड ने अपनी खीज निकालते हुए आगे कहा कि भारत राष्ट्रपति ट्रंप के साथ समझौता करने की कोशिश करेगा। फिर ये ट्रंप पर निर्भर होगा वे पीएम मोदी से कैसे निपटते हैं। कहा कि समझौते के लिए मोदी डोनाल्ड की डेस्क पर आएंगें।
BRICS को लेकर दी गीदड़ भभकी
कॉमर्स सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने BRICS पर भारत को गीदड़ भभकी देते हुए कहा कि भारत को अमेरिका का समर्थन करने या रूस व चीन के साथ गठबंधन करने के बीच किसी एक का चुनाव करना होगा। BRICS में रूस और चीन के बीच यही एक विकल्प है।
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टैरिफ का बचने का बताया उपाय
हॉवर्ड ने भारत को टैरिफ से बचने का उपाय देते हुए कहा कि BRICS में या तो डॉलर का समर्थन करो, अमेरिका का समर्थन करो, अपने सबसे बड़े ग्राहक अमेरिकी उपभोक्ता समर्थन करो। या फिर मुझे लगता है कि आपको (भारत) 50% टैरिफ देना होगा। टैरिफ विवाद पर हॉवर्ड ने कहा कि देखते हैं यह कब तक चलता है।
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