PM Modi and Donald Trump relationship: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन की मानें तो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच व्यक्तिगत तालमेल अब खत्म हो चुका है। उन्होंने चेतावनी दी कि ट्रंप के साथ व्यक्तिगत संबंध नेताओं को उनकी नीतियों से नहीं बचाते। एक जर्मन अखबार ने तो यहां तक लिखा था कि ट्रंप ने पीएम मोदी को चार बार फोन किए जो मोदी ने नहीं उठाए। वहीं, ट्रंप ने भी दिल्ली में प्रस्तावित अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की प्रस्तावित यात्रा को रद्द कर दिया। हालांकि बाद में रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऐसा ट्रम्प के सार्वजनिक बयानों से संबंधित किसी भी संभावित “स्टंट” का हिस्सा बनने से बचने के लिए किया गया था। इसके पीछे की वजहों पर गौर करते हैं।
“मैंने मोदी को जंग रोकने के लिए धमकी दी थी”
◆ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा #DonaldTrump | PM Modi | #IndiaPakistan || Donald Trump pic.twitter.com/t9drATKyur
—विज्ञापन—— News24 (@news24tvchannel) August 27, 2025
यह भी पढ़ें: ट्रंप फिर देंगे टैरिफ का झटका, बोले- अमेरिका में निवेश न करने वाले चिप निर्माताओं पर लगेगा टैक्स
वजह एक: ट्रेड डिस्प्यूट एंड टैरिफ
ट्रंप प्रशासन ने ट्रेड डिस्प्यूट का हवाला देते हुए एक अगस्त 2025 को भारत से आयात होने वाली वस्तुओं पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया। 6 दिन बाद अमेरिका ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया, जिसे पेनल्टी टैरिफ कहा गया। यह पेनल्टी टैरिफ इसलिए लगाया गया, क्योंकि रूस से तेल और रक्षा उपकरण खरीदने के कारण भारत से अमेरिका नाराज है। अमेरिका का कहना है कि रूस से तेल और हथियार खरीदकर भारत अप्रत्यक्ष रूप से रूस को फंडिंग कर रहा है और रूस उस आर्थिक मदद का इस्तेमाल यूक्रेन के खिलाफ युद्ध लड़ने के लिए कर रहा है।
यह भी पढ़ें: ट्रंप को झटका दे सकती है ये खबर, NASA ने जारी किया अमेरिका के डूबते शहरों का नक्शा, खतरे में लाखों लोग
वजह दो: रूसी तेल की भारतीय खरीद
अमेरिका ने एशिया और प्रशांत महाद्वीप में बसे अन्य देशों की तुलना में भारत पर कहीं ज्यादा टैरिफ लगाया,जबकि कई देश रूस से तेल खरीद रहे हैं, लेकिन अमेरिका ने उन पर अतिरिक्त टैरिफ नहीं लगाया। भारत ने इसे अमेरिका की रणनीति बताया। रूस पर यूक्रेन के साथ युद्धविराम करने के लिए दबाव डालने का तरीका बताया, क्योंकि भारत पर अमेरिका ज्यादा टैरिफ लगाएगा तो भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा और रूस दबाव में आकर युद्धविराम कर लेगा। ट्रंप अब यूरोपीय देशों पर भारत पर टैरिफ लगाने के लिए दबाव डाल रहे हैं। वे चाहते हैं कि यूरोपीय देश भी भारत पर टैरिफ और प्रतिबंध लगाए।
PM Modi’s clear message to Doland Trump ~ “I Know I’ll have to pay a huge price for this stand, but I’m ready” 🔥
America can’t bully the world anymore 👍#Trump #TrumpTariffs #Tariffs#MissionBandhan #TarrifsOnIndia #VantaraForWildlife #RettaThala #RussianOil #Karunanidhi pic.twitter.com/utGsNv582c
— Sumit Jaiswal 🇮🇳 (@sumitjaiswal02) August 7, 2025
वजह तीन: ट्रंप के आगे नहीं झुकेगा भारत
प्रधानमंत्री मोदी टैरिफ लगने के बाद कई मौकों पर कह चुके हैं कि भारत न कभी झुका है और न ही झुकेगा। अमेरिका चाहे जितना मर्जी दबाव बना ले, लेकिन भारत हार नहीं मानेगा और टैरिफ से बचने का कोई न कोई रास्ता जरूर निकाल लेगा। अमेरिका ने रूस पर दबाव डालने के लिए भारत पर दबावा डाला है। केंद्र सरकार का फोकस आत्मनिर्भर भारत, नए और अलग-अलग बिजनेस पार्टनर्स और टैक्स सुधारों पर रहेगा, ताकि 50 प्रतिशत टैरिफ के प्रभाव को कम किया जा सके। भारतीय अर्थव्यवस्था टैरिफ जैसी चुनौती से उबरने में सक्षम है।
यह भी पढ़ें: अमेरिका ने उठाया एक और कदम, अब इन लोगों के वीजा पर लगाएगा प्रतिबंध, विदेश मंत्री ने किया ऐलान
वजह चार: रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत का रुख
ट्रंप प्रशासन के कुछ सदस्य इस संघर्ष पर भारत के रुख की आलोचना करते रहे हैं। ट्रंप के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने मोदी को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत करते देखना “शर्मनाक” बताया। जो बाइडेन की सरकार में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत पर 50% टैरिफ के डोनाल्ड ट्रंप के फैसले की आलोचना की है और कहा है कि ट्रंप द्वारा शुरू किया गया यह व्यापारिक टकराव भारत को चीन के और करीब ले गया है। अमेरिकी सहयोगी सहित दुनिया के कई देश अब अमेरिका को एक नष्ट करने वाले और अविश्वसनीय देश के रूप में देख रहे हैं।
During the Shanghai Cooperation Organisation (SCO) summit, PM Modi was seen walking hand in hand with Russian President Vladimir Putin. A similar scene was seen in Houston in 2019 when he walked around the stadium with US President Donald Trump. pic.twitter.com/vGr22XtJyt
— Brut India (@BrutIndia) September 1, 2025
वजह पांच: भारत ने नहीं स्वीकारी अमेरिका की मध्यस्थता
मई महीने में भारत-पाकिस्तान के बीच स्थिति तनावपूर्ण थी और हालात युद्ध जैसे हो गए थे, आतंकी हमले के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ लॉन्च किया था। ट्रंप अब तक कई बार यह कह चुके हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध उन्होंने ही रुकवाया है। मोदी ने इसे अस्वीकार करते हुए ट्रम्प से कहा कि युद्ध विराम भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत का प्रत्यक्ष परिणाम है और इसमें अमेरिका का कोई हस्तक्षेप नहीं है। ट्रम्प के दावे का समर्थन करने से इंकार करने तथा ट्रम्प के नोबेल पुरस्कार की चाहत को लेकर मोदी की सतर्कता के कारण उनके संबंधों में काफी खटास आ गई।
.@RoKhanna alleges that Donald Trump is destroying relationship with India because PM Modi refused to nominate him for Nobel Peace Prize & has put 50% tariffs (as retaliation). #RoKhanna #TariffsOnIndia #DonaldTrump pic.twitter.com/fOGEvnb551
— Rohit Sharma 🇺🇸🇮🇳 (@DcWalaDesi) September 2, 2025
वजह छह: अमेरिकी सरकार के ट्रेड एडवाइजर की धमकी
अमेरिकी सरकार के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो पहले भी भारत सरकार को धमकी दे चुके हैं। इस बार उन्होंने पीएम मोदी की रूस-चीन नेताओं से मुलाकात को ‘शर्मनाक’ करार दिया है। पीटर नवारो ने कहा कि भारत को रूस नहीं अमेरिका की जरूरत है। उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सरकार को मास्को से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदना बंद कर देना चाहिए। यह शर्मनाक है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग जैसे दो बड़े तानाशाही नेताओं के साथ नजदीकी दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे समझ नहीं आता कि पीएम मोदी क्या सोच रहे हैं?
Read More at hindi.news24online.com