बारिश-बाढ़ से जम्मू को 8 दिनों में 1500 करोड़ रुपये का नुकसान, व्यापारी परेशान

भीषण बाढ़ और मूसलाधार बारिश ने पूरे जम्मू क्षेत्र को हिलाकर रख दिया. सड़कों, पुलों और मकानों को पहुंचे नुकसान के साथ-साथ स्थानीय व्यापार पर भी इसका गंभीर असर पड़ा है. केवल आठ दिनों में जम्मू और कटरा क्षेत्र में करीब 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है. जानकारों का कहना है कि श्री माता वैष्णो देवी यात्रा के रुकने और ट्रेनों के सितंबर के अंत तक रद्द रहने से यह आर्थिक नुकसान कई गुना बढ़ सकता है.

प्राकृतिक आपदा के चलते जम्मू के लगभग हर जिले में हालात बदतर हो गए हैं. भारी जलप्रलय ने जहां लोगों के घर उजाड़ दिए, वहीं व्यवसायिक प्रतिष्ठान भी इससे नहीं बच पाए. जम्मू और कटरा जैसे प्रमुख केंद्र पूरी तरह प्रभावित हुए हैं.

जम्मू और कटरा क्षेत्र में 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान

जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अरुण गुप्ता के मुताबिक केवल आठ दिनों में जम्मू और कटरा क्षेत्र में 1500 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है. उन्होंने बताया कि अभी कई जिले सड़क मार्ग से कटे हुए हैं, इसलिए वास्तविक नुकसान का आकलन करने में समय लगेगा. “जब तक सड़क और रेल मार्ग बहाल नहीं होते और माता वैष्णो देवी यात्रा दोबारा शुरू नहीं होती, तब तक व्यापार सामान्य होना मुश्किल है.”

यातायात ठप और स्टेशन वीरान

बाढ़ और बारिश का असर परिवहन पर भी गहरा पड़ा है. श्री माता वैष्णो देवी यात्रा रुकने और ट्रेनों की रद्दीकरण से जम्मू रेलवे स्टेशन, जो सामान्य दिनों में 24 घंटे गुलजार रहता है, अब वीरान पड़ा है. स्टेशन परिसर की दर्जनभर दुकानें पानी में डूबने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं. अब मौसम साफ होने के बाद दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों पर पहुंचकर नुकसान का आकलन कर रहे हैं.

पर्यटन और व्यापार पर गहरा असर

जम्मू का व्यापार काफी हद तक श्रद्धालुओं और पर्यटकों पर निर्भर करता है. रेलवे और सड़क मार्ग बाधित होने से यहां का पर्यटन उद्योग पूरी तरह ठप हो गया है. होटल, दुकानदार और ट्रांसपोर्ट व्यवसायी सभी नुकसान की मार झेल रहे हैं. स्थानीय कारोबारियों का कहना है कि जब तक तीर्थयात्रा और परिवहन सेवाएं फिर से पटरी पर नहीं आतीं, तब तक आर्थिक स्थिति सुधरने की कोई संभावना नहीं है.

जम्मू में राहत और पुनर्वास कार्य जारी

जम्मू में आई इस आपदा ने प्रशासन और व्यापार जगत दोनों के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. राहत और पुनर्वास कार्य जारी हैं, लेकिन व्यापारियों को डर है कि लंबी अवधि तक यातायात और यात्रा ठप रहने से नुकसान अरबों तक पहुंच सकता है.

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