भारी तबाही के बाद एक बार फिर कांपी धरती, भूकंप के झटकों से दहला ये देश

अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. काबुल से करीब 138 किलोमीटर की दूरी पर शुक्रवार (5 सितंबर) सुबह 4.6 की तीव्रता का भूकंप आया. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने मुताबिक भूकंप सुबह करीब 7.46 बजे आया. अफगानिस्तान में 31 अगस्त को आए भूकंप के बाद लोगों का जीवन पटरी पर लौट रहा था, लेकिन अब फिर दहशत फैल गई है.

अफगानिस्तान में गुरुवार (4 सितंबर) को भी 5.6 की तीव्रता का भूकंप आया था. इसका केंद्र नांगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद से 14 किलोमीटर पूर्व में था. यह जानकारी अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण ने दी. यह ताजा भूकंप हाल के दिनों में नांगरहार और पड़ोसी कुनार, लघमन और नूरिस्तान प्रांतों में आए भूकंपों की एक सीरीज के बाद आया है. सबसे खतरनाक, 6.0 तीव्रता का भूकंप रविवार (31 अगस्त) देर रात आया, जिसकी वजह से भारी नुकसान हुआ.

अफगानिस्तान में भूकंप की वजह से 2200 से ज्यादा लोगों की मौत

आईएएनएस के मुताबिक आधिकारिक रिपोर्ट्स में 2,200 से ज्यादा लोगों की मौत और 3,600 से ज्यादा लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है. अभी भी प्रभावित क्षेत्रों में बचाव अभियान जारी है. फिर भूकंप आने के बाद इलाके को हाई अलर्ट पर रखा गया है. वहीं, अधिकारी और सहायता संगठन बढ़ते संकट से जूझ रहे हैं.

गौरतलब है कि अफगानिस्तान में इमारतें आमतौर पर कम ऊंचाई वाली होती हैं. इनमें से ज्यादातर कंक्रीट और ईंटों से बनी होती हैं, ग्रामीण और बाहरी इलाकों में घर मिट्टी की ईंटों और लकड़ी से बने होते हैं. इसकी वजह से भूकंप के झटके लगने के बाद मकान मलबे में तब्दील हो जाते हैं. 

अफगानिस्तान में क्यों ज्यादा आता है भूकंप

अफगानिस्तान हिंदू कुश पर्वत के पास स्थित है, जो कि यूरेशियन प्लेट और इंडो-ऑस्ट्रेलियन प्लेट के टकराव क्षेत्र में आता है. ये प्लेटें आपस में टकराती और खिसकती रहती हैं, जिससे जमीन में तनाव पैदा होता है. जब यह तनाव अचानक ज्यादा बढ़ता है तो भूकंप आ जाता है.

Read More at www.abplive.com