Waaree Energies vs Premier Energies: सोलर मॉड्यूल बनाने वाली देश की दो दिग्गज कंपनियों वारी एनर्जीज और प्रीमियर एनर्जीज के शेयरों में आज उठा-पटक दिख रही है। ये ग्रीन और रेड जोन में झूल रहे हैं। हालांकि वैश्विक ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने इनके शेयरों को लेकर जो टारगेट प्राइस दिया है, उसके हिसाब से तो इनमें गिरावट को खरीदारी के मौके के तौर पर देखना चाहिए। नोमुरा ने इनकी कवरेज शुरू की है। फिलहाल बीएसई पर वारी एनर्जीज के शेयर 0.38% की गिरावट के साथ ₹3211.40 (Waaree Energies Share Price) और प्रीमियर एनर्जीज के शेयर 0.79% की फिसलन के साथ ₹1017.40 (Premier Energies Share Price) पर हैं।
Waaree Energies पर क्या है Nomura का रुझान?
नोमुरा ने वारी एनर्जीज की खरीदारी की रेटिंग और ₹3,710 के टारगेट प्राइस के साथ साथ कवरेज शुरू की है। ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि कारोबारी अनिश्चितताओं के चलते इसे जो झटका लग सकता है, उसकी कुछ भरपाई इसके ग्रोथ की मजबूत संभावनाओं से हो जाएगी। ब्रोकरेज फर्म को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 से वित्त वर्ष 2028 के बीच कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट सालाना आधार पर 43% की रफ्तार से बढ़ सकता है जिसे ऑपरेशंस में तेजी और यूनिट इकनॉमिक्स में सुधार से सपोर्ट मिलेगा।
Premier Energies के लिए क्या है टारगेट प्राइस?
नोमुरा ने प्रीमियर एनर्जीज का टारगेट प्राइस ₹1100 फिक्स किया है। हालांकि ग्रोथ की हेल्दी संभावनाओं के बावजूद इसे न्यूट्रल रेटिंग दी है। नोमुरा का मानना है कि प्रीमियर एनर्जीज अपने मौजूदा सेल और मॉड्यूल कैपेसिटी का विस्तार कर वित्त वर्ष 2028 तक बैकवार्ड इंटीग्रेशन को काफी आगे ले जा सकती है। साथ ही यह 10-10 गीगावाट की इनगॉट और वेफर कैपेसिटी तैयार कर सकती है। वित्त वर्ष 2025-28 के बीच नोमुरा को उम्मीद है कि हाई वॉल्यूम के दम पर इसका ऑपरेटिंग प्रॉफिट सालाना 31% की रफ्तार से बढ़ सकता है।
भारतीय सोलर सेक्टर को लेकर क्या है रुझान?
नोमुरा का मानना है कि भारतीय सोलर सेक्टर में तेज ग्रोथ के आसार हैं। इसका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-28 में देश के सोलर पीवी इक्विपमेंट की मांग 1.4 गुना बढ़ सकती है जिसमें इंस्टॉल्ड सोलर एनर्जी कैपेसिटी में सालाना 23% की चक्रवृद्धि रफ्तार से सपोर्ट मिलेगा। वहीं सप्लाई साइड बात करें तो पॉलिसी इंसेंटिव से घरेलू मैन्युफैक्चरिंग और कैपेसिटी विस्तार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है तो आयात से स्थानीय मार्केट बचा रहेगा। नोमुरा को उम्मीद है कि अगले तीन साल में मॉड्यूल कैपेसिटी 100-110 गीगावाट बढ़ सकती है। कॉम्पटीशन और जियोपॉलिटिल रिस्क के बावजूद भारतीय कंपनियों के लिए निर्यात के शानदार मौके बन सकते हैं।
डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।
Read More at hindi.moneycontrol.com