हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच बड़ा संघर्ष देखने को मिला था। सीजफायर होने के बाद ईरान धीरे-धीरे खुद को और बेहतर करने में जुटा है। इस बीच ईरान से एक चौंका देने वाली खबर सामने आ रही है। दरअसल ईरान पिछले करीब 5 सालों से जल संकट से जूझ रहा है। राजधानी तेहरान का बहुत बुरा हाल है। यहां नलों में पानी सूखने की कगार पर है। ईरान की खामनेई सरकार जल संकट से निपटने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है।
क्या है जल संकट का कारण?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान में पिछले करीब 5 सालों से लगातार सूखा पड़ रहा है। इसके पीछे हर साल रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ना कारण बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि रिकॉड तोड़ गर्मी की वजह से पूरे देश में जल संकट गहरा गया है। देश में बारिश की बात करें तो वो ना के बराबर हो रही है। ईरान की राजधानी तेहरान में हालात बहुत बेकार हैं। तेहरान के नलों में पानी सूखने के कगार पर है। यहां बांधों और जलाशयों में पानी बहुत कम रह गया है। पूरा देश पानी के साथ-साथ बिजली संकट से भी जूझ रहा है। तेहरान समेत पूरे देश में बड़े पैमाने पर बिजली कटौती हो रही है।
तेहरान में 90 लाख लोग पानी के लिए तरसे
बताया जाता है कि तेहरान की कुल आबादी 90 लाख है। इन लोगों को शहर के 5 बांधों से पानी सप्लाई किया जाता हे। इनमें से एक प्रमुख लार बांध लगभग पूरी तरह से सूख चुका है। साथ ही इस बांध में अब इसकी क्षमता का 1% पानी ही बचा है। बाकी 4 बांधों में भी लगातार सूखा पड़ने पर पानी कम होता जा रहा है। ईरान की सरकार तेहरान समेत पूरे देश को जल संकट से ऊबारने में लगी है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
आम लोगों में बढ़ रहा गुस्सा
पूरे ईरान में पानी की किल्लत और बिजली कटौती हो रही है। इससे आम लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। लोग स्थानी प्रशासन और सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। तेहरान समेत पूरे देश में धरना प्रदर्शन हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी की किल्लत की वजह से लोगों में गुस्सा है। बिजली भी 24 घंटे में सिर्फ 7 से 8 घंटे मिल रही है। सरकार को उनके बारे में सोचना चाहिए।
बड़े पैमाने पर पानी में होगी कटौती
स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि जल संकट से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। अब पानी की खपत पर बड़े पैमाने पर कटौती करने की तैयारी की जा रही है। तेहरान के कुछ हिस्सों में पानी की ज्यादा किल्लत है। हालात ‘डे जीरो’ वाले भी हो सकते हैं। यानी वो दिन दूर नहीं जब नलों में पानी ही नहीं बचेगा। लोगों को पानी के टैंकरों या सार्वजनिक नलों से ही पानी मिलेगा।
‘डे जीरो’ होने पर क्या होगी स्थिति?
एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगर ईरान में ‘डे जीरो’ जैसी स्थिति उत्पन्न होती है तो जरूरी सेवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। ऐसे में अस्पताल, फायर ब्रिगेड और कुछ सरकारी संस्थानों को पहले पानी दिया जाएगा। इसके बाद बारी-बारी दूसरे इलाकों में पानी की सप्लाई की जाएगी। अमीर परिवार अपनी पानी की टंकी के सहारे से कुछ राहत पा सकते हैं। वहीं गरीब परिवारों को पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ सकती है।
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