
घर-परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु की के बाद श्रद्धापूर्वक उनकी तस्वीर लगाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि घर पर पितरों की तस्वीर रहने से परिवार के लोगों पर पितृ अपनी कृपा बरसाते रहते हैं. लेकिन गलत दिशा में लगाई गई तस्वीर समस्याओं का कारण भी बन सकती है.

वास्तु शास्त्र में सभी चीजों के रख-रखाव के साथ ही पितरों की तस्वीर लगाने के लिए भी दिशा और नियम बताए गए हैं. इसलिए यह जान लीजिए कि पूर्वजों की तस्वीर किस दिशा में लगाएं और किस दिशा में नहीं लगाएं.

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पितरों की तस्वीर लगाने के लिए उत्तर दिशा शुभ मानी जाती है. तस्वीर लगाते समय इस बात का ध्यान रखें कि उनका मुख दक्षिण दिशा की तरफ रहे.

शास्त्रों के अनुसार दक्षिण को पितरों की दिशा माना जाता है, क्योंकि इस दिशा मे पितरों का वास होता है. इसलिए तस्वीर लगाते समय दक्षिण दिशा की ओर ही पूर्वज का मुख रखें.

वास्तु के अनुसार, पितरों की तस्वीर कभी भी लिविंग रूम, बेडरूम और पूजाघर में नहीं लगाएं. इन जगहों पर पितरों की तस्वीर होने से घर-परिवार में परेशानियां बढ़ती हैं.

इस बात का भी ध्यान रखें कि, जीवित व्यक्ति के साथ कभी भी मृत पूर्वज की तस्वीर न लगाएं. साथ ही पूर्वज की एक से अधिक तस्वीर भी लगाने से बचना चाहिए.
Published at : 03 Sep 2025 04:01 PM (IST)
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