Trump Tariff On Medicines: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 50% टैरिफ लगाने के बाद अब नए टैरिफ की प्लानिंग कर रहे हैं। इस बार दवा कंपनियों पर 200% टैरिफ बढ़ाने की तैयारी चल रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दवाओं पर ये टैक्स लगाया जा सकता है। ऑटो और स्टील जैसी चीजों पर टैरिफ बढ़ाने के बाद दवाओं पर लगने वाले इस टैक्स से आम लोगों को काफी दिक्कत हो सकती है। आइए समझते हैं पूरी बात।
भारत पर क्या होगा असर?
एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप को कुछ दवा कंपनी के निर्माताओं ने पत्र लिखकर दवा को सस्ता करने का अनुरोध भी किया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ये दवाएं महंगी हो गई तो लोगों को भी ज्यादा दाम देने पड़ सकते हैं और इन दवाओं की सप्लाई पर भी असर हो सकता है।
ये भी पढ़ें- ‘ट्रंप ने खराब किए भारत के साथ रिश्ते’, अमेरिका के पूर्व NSA ने लगाए गंभीर आरोप
क्या है टैरिफ बढ़ाने की वजह?
ट्रंप सरकार दवाओं पर 200% टैक्स लगाने के लिए 1962 के ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट के सेक्शन 232 का हवाला दे रही है। उनका कहना है कि कोरोना महामारी के समय दवाओं की भारी कमी हुई थी और जमाखोरी देखने को मिली थी, इसलिए अब घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाना बेहद जरूरी हो गया है। अमेरिका और यूरोप के बीच हाल ही में हुए व्यापार समझौते के तहत कुछ सामानों पर 15% टैरिफ लगाया गया है, जिसमें फार्मा भी शामिल था।
ट्रंप के फैसला का पड़ेगा उल्टा असर
हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर ट्रंप दवाओं पर टैरिफ लगाते हैं तो उससे अन्य देशों के साथ-साथ अमेरिका में भी असर पड़ेगा। सस्ती विदेश दवा अमेरिका से बाहर हो सकती है, जिससे दवा की कमी हो सकती है।
इन दवाओं के बढ़ सकते हैं दाम?
बता दें कि अमेरिका में अधिकांश दवाइयां जेनेरिक होती हैं। रिटेल और मेल-ऑर्डर फार्मेसियों में बिकने वाली दवाओं में से करीब 92% जेनेरिक दवाएं हैं। जेनेरिक दवाओं का उत्पादन करने वाली कंपनियां कम मुनाफे पर काम करती हैं, इसलिए, वे भारी टैक्स का सामना नहीं कर पाएंगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कुछ कंपनियां टैक्स चुकाने के बजाय अमेरिकी बाजार छोड़ने का फैसला कर सकती हैं।
ये भी पढ़ें- भारत-अमेरिका तनाव के बीच बोले अमेरिकी वित्त मंत्री, जल्द मतभेदों का निकालेंगे समाधान
Read More at hindi.news24online.com