रामदेव अग्रवाल ने जताई अर्निंग्स ग्रोथ बढ़ने की उम्मीद, कहा- FY27 में यह 15-18 फीसदी तक पहुंच सकती है – raamdeo agrawal expects earnings growth to go up it may reach 15 18 percent in next financial year

अगर आप कंपनियों की कमजोर अर्निंग्स ग्रोथ से चिंतित हैं तो आपको रामदेव अग्रवाल की बातों पर गौर करने की जरूरत है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के चेयरमैन और को-फाउंडर रामदेव अग्रवाल का मानना है कि आने वाली तिमाहियों में कंपनियों की अर्निंग्स में अच्छी ग्रोथ देखने को मिलेगी। मोतीलाल ओसवाल एनुअल ग्लोबल इनवेस्टर कॉन्फ्रेंस में उन्होंहने कहा कि इंडिया ब्रेकआउट की दहलीज पर है। इकोनॉमी की तेज रफ्तार और रिफॉर्म्स से अर्निंग्स ग्रोथ आगे बढ़ने जा रही है।

अर्निंग्स ग्रोथ बढ़ने पर पीई मल्टीपल में कमी आएगी

उन्होंने कहा कि अर्निंग्स ग्रोथ 12, 13 और 14 फीसदी तक होने पर पीई मल्टीपल में कमी आनी शुरू हो जाएगी। अभी पीई मल्टीपल करीब 22 है। उन्होंने कहा कि अगले फाइनेंशियल ईयर में अर्निंग्स ग्रोथ बंपर रहने की उम्मीद है। यह 15-18 फीसदी के बीच रह सकती है। उन्होने कहा कि सरकार जीएसटी में बड़े रिफॉर्म्स करने जा रही है। क्रेडिट फ्लो बढ़ रहा है। घरेलू मांग मजबूत बनी हुई है। इन तीन वजहों से अर्निंग्स की नई साइकिल शुरू होगी।

घरेलू निवेशकों ने बाजार को दिया है सहारा

अग्रवाल ने कहा कि फॉरेन इनवेस्टर्स इंडियन मार्केट्स में बिकवाली कर रहे हैं,  और घरेलू निवेशक मार्केट को सहारा दे रहे हैं। सिर्फ अगस्त में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने करीब 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है। इससे बाजार में होने वाली बिकवाली का असर कम पड़ा है। मार्केट के सेंटिमेंट को भी ज्यादा गिरावट से बचाया जा सका है। सरकार आगे जो कदम उठाने जा रही है, उससे उम्मीद की किरण जगी है। जीएसटी काउंसिल की मीटिंग बड़े बदलाव का सबब बन सकती है।

जीएसटी में कमी से डिमांड बढ़ेगी

जीएसटी काउंसिल की मीटिंग 3 और 4 सितंबर को होने जा रही है। इसमें 28 फीसदी के स्लैब को खत्म करने का फैसला होगा। इस स्लैब में आने वाली मोटरसाइकिल और कारों को 18 फीसदी स्लैब में डाला जा सकता है। अगर ऐसा होतो है तो इन दोनों आइटम्स के साथ ही कई चीजों की डिमांड में इजाफा देखने को मिलेगा। हालांकि, अभी मार्केट ‘इंतजार करो और देखो’ की पॉलिसी अपना रहा है। उधर, अमेरिका टैरिफ ने हालात और खराब किया है। खासकर इस मसले पर अमेरिका और भारती की बातचीत को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। इसका असर शॉर्ट टर्म सेंटिमेंट पर पड़ रहा है।

घरेलू संस्थागत निवेशकों ने की सबसे ज्यादा खरीदारी

उन्होंने कहा कि फॉरेन इनवेस्टर्स की बिकवाली के बीच अगर घरेलू संस्थागत निवेशकों ने बाजार को सहारा नहीं दिया होता तो आज हालात अलग होते। अगस्त में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने घरेलू बाजार में करीब एक लाख करोड़ रुपये की खरीदारी की है। सेबी के डेटा के मुताबिक उनकी खरीदारी 95,000 से 96,000 करोड़ रुपये के बीच है। यह एक महीने में घरेलू संस्थागत निवेशकों की सबसे ज्यादा खरीदारी है।

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