‘वोटर अधिकार यात्रा’ से बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है. विपक्ष के नेताओं के बयान और इस यात्रा में हुई भीड़ ने सत्ता पक्ष की टेंशन बढ़ाई है या नहीं यह तो पता नहीं, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि चुनावी साल में इसका कितना असर होगा? क्या वोटर अधिकार यात्रा सत्ता के ताला की चाबी बनेगी? कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नेतृत्व में 16 दिनों में करीब 1300 किलोमीटर की यह यात्रा हुई है. यात्रा का मकसद एसआईआर का विरोध था. विपक्ष का कहना था कि गरीब, दलित, पिछड़ों का वोट काटा गया है. पढ़िए एसआईआर के अपडेट से लेकर यात्रा तक की बड़ी बातें.
कब शुरू हुई वोटर अधिकार यात्रा?
17 अगस्त को बिहार के सासाराम से वोटर अधिकार यात्रा की शुरुआत हुई थी. 16 दिनों में 20 से अधिक जिलों में यह यात्रा हुई है. करीब 1300 किलोमीटर तक यात्रा चली. इस दौरान एसआईआर के साथ-साथ महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को लेकर भी विपक्ष के नेताओं ने केंद्र को घेरा.
राजधानी पटना में हुआ यात्रा का समापन
सोमवार (01 सितंबर) को पटना में वोटर अधिकार यात्रा का समापन हुआ. शुरुआत गांधी मैदान से हुई. हालांकि मार्च को डाकबंगला पर ही रोक दिया गया. हाईकोर्ट के पास अंबेडकर पार्क तक मार्च को जाना था लेकिन प्रशासन की ओर से अनुमति नहीं दी गई. अंतिम दिन की इस यात्रा में अशोक गहलोत, गौरव गोगोई, मल्लिकार्जुन खरगे, संजय राउत, हेमंत सोरेन, यूसुफ पठान जैसे नेता शामिल हुए. यात्रा में शुरू से राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी, दीपांकर भट्टाचार्य आदि थे.
अंतिम दिन तेजस्वी यादव ने क्या कहा?
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ को संबोधित करते हुए कहा, “हमने जो कहा वही काम ये (NDA) ‘नकलची’ सरकार कर रही है. ये सरकार नकल तो कर सकती है लेकिन विजन और नई सोच नहीं ला सकती है, इसलिए आप लोगों को तय करना है कि आपको डुप्लीकेट मुख्यमंत्री चाहिए या ओरिजनल मुख्यमंत्री चाहिए.”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने क्या कहा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि अब ‘वोट चोरी’ का हाइड्रोजन बम आएगा. वोट की चोरी, आपके अधिकारों की चोरी है. हम संविधान की हत्या नहीं होने देंगे. बिहार का संदेश है- ‘वोट चोरी’ नहीं होने देंगे. यात्रा के समापन के बाद राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, “बिहार वोटर अधिकार यात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए लालू प्रसाद यादव जी, तेजस्वी यादव जी, दीपांकर भट्टाचार्य जी, मुकेश सहनी जी, बिहार कांग्रेस नेतृत्व, कांग्रेस के बब्बर शेरों, INDIA कार्यकर्ताओं और प्रदेश के युवाओं का दिल से धन्यवाद. हम संकल्प लेते हैं- बिहार में एक भी वोट चोरी नहीं होगा. लोकतंत्र और संविधान की रक्षा हम पूरी ताकत से करेंगे।
एसआईआर पर ताजा अपडेट क्या है?
सीपीआई (एमएल) लिबरेशन ने 15 नए नाम जोड़ने और 103 नाम हटाने की मांग की है. आरजेडी ने 10 नए नाम शामिल करने का दावा किया, जबकि बीजेपी ने 16 नाम हटाने की आपत्ति दर्ज कराई. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और जेडीयू जैसे दलों ने कोई आवेदन नहीं दिया है. ये आंकड़े सोमवार (01 सितंबर) सुबह 10 बजे तक के हैं. सीधे मतदाताओं की ओर से आए आवेदनों में 36,475 लोगों ने अपने नाम जोड़े जाने का दावा किया है, जबकि 2,17,049 ने नाम हटाने या सुधार को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है. इनमें से 40,630 मामलों का निपटारा सात दिनों में कर दिया गया है.
समझिए क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार
राजनीतिक जानकार और वरिष्ठ पत्रकार अशोक मिश्रा ने कहा कि इससे महागठबंधन को चुनाव में फायदा होगा. इस यात्रा से कांग्रेस मजबूत हुई है. यह दिखा कि 16 दिनों की यात्रा में कांग्रेस ने आरजेडी को पिछलग्गू बना दिया. बिहार विधानसभा चुनाव में इसका फायदा कांग्रेस को सीट बंटवारे में होगा. अपने खोए वोटरों को कांग्रेस लाने में कामयाब हुई है. ऐसे में देखा जाए तो कांग्रेस को फायदा हुआ है. हालांकि चुनाव में अभी वक्त है.
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