Israel Air Strike: इजरायल की सेना ने यमन में हूती विद्रोहियों पर भीषण हमला किया है। एयर स्ट्राइक करके इजरायल की सेना ने हूती सरकार के प्रधानमंत्री समेत पूरी कैबिनेट को ढेर कर दिया है। हमले में मरने वालों में हूती के प्रधानमंत्री अहमद अल-रहावी, रक्षा मंत्री मोहम्मद अल-अताफी, चीफ ऑफ स्टाफ मुहम्मद अब्दुल करीम अल-गामरी और अन्य वरिष्ठ मंत्री शामिल हैं।
बता दें कि 2 दिन पहले इजरायल की वायुसेना ने ‘ऑपरेशन लकी ड्रॉप’ के तहत हूती सरकार के सभी मंत्रियों को निशाना बनाया था। हमले के समय 28 अगस्त को हूती सरकार के कैबिनेट मेत्री सरकारी गतिविधियों की समीक्षा के लिए एक कार्यशाला में मौजूद थे। वहीं प्रधानमंत्री अहमद की मौत के बाद मुहम्मद अहमद मुफ्ताह को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है।

28 अगस्त के हमले की जवाबी कार्रवाई एयर स्ट्राइक
ईरान समर्थित आतंकी संगठन हूती ने शनिवार को एक बयान जारी करके इजरायल के हमले की जानकारी दी। साथ ही बताया कि हमले में उनके प्रधानमंत्री, आर्मी चीफ और कैबिनेट मंत्री भी मारे गए हैं। हूती विद्रोहियों ने यमन से इजरायल पर 28 अगस्त को मिसाइल और ड्रोन दागे थे। जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल की वायुसेना ने हूती विद्रोहियों के कंट्रोल वाले यमन के सना शहर पर एयर स्ट्राइक की।
हूतियों के सैन्य ठिकानों और राष्ट्रपति भवन पर बमबमारी में 10 हूती कमांडर, लड़ाके और 90 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। बता दें कि ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों फिलिस्तीन और हमास का समर्थक है। इसलिए फिलिस्तीन के समर्थन में हूतियों ने इजरायल पर हमला किया था, हालांकि इजरायल की सेना ने हूती विद्रोहियों की मिसाइलों और ड्रोन को एयर डिफेंस सिस्टम से इंटरसेप्ट करके हवा में ही मार गिराया।
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इजरायल से दुश्मनी क्यों रखते हैं हूती विद्रोही?
बता दें कि हूती विद्रोहियों को ईरान से हथियार, ट्रेनिंग और फंडिंग मिलती है, क्योंकि अमेरिका, इजरायल और सऊदी अरब दोनों के दुश्मन हैं। हिज्बुल्लाह के आतंकी भी हूती विद्रोहियों को ट्रेनिंग देते हैं। इजरायल से हूतियों की दुश्मनी का कारण हमास का समर्थन है। हूतियों का कहना कि इजरायल ने गाजा में जो नरसंहार किया है, उसका बदला वे इजरायल से लेंगे। हूतियों का नारा है, ‘ईश्वर महान है, अमेरिका और इजरायल खत्म हों, यहूदियों का विनाश हो और इस्लाम की विजय हो।
लाल सागर में जहाजों पर हमला करते हूती विद्रोही
बता दें कि हूती विद्रोहियों ने लाल सागर में आतंक मचा हुआ है। वे लाल सागर से गुजरने वाले समुद्री जहाजों पर हमला करते हैं। हूती विद्रोहियों ने हाल ही में लाल सागर में इजरायल के कमर्शियल शिप पर हमला किया था। जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल की सेना ने यमन की राजधानी सना और होदेदा शहर समेत कई हूती नियंत्रित शहरों में हमले किए। मई 2025 में हुए ताजा हमले में सना का एयरपोर्ट ध्वस्त हो गया था। इस हमले के बाद अमेरिका की सरकार ने हूती विद्रोहियों के साथ समझौता किया था कि वे लाल सागर में जहाजों पर हमला नहीं करेंगे, लेकिन हूती विद्रोहियों ने इजरायल समर्थक ठिकानों पर हमला करने की शर्त रखी थी।
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कौन हैं हूती विद्रोही और क्या है इनका मकसद?
बता दें कि हूतियों को अंसार अल्लाह यानी अल्लाह के समर्थक कहा जाता है, जो यमन में शिया जैदी मुस्लिमों के विरोधी हैं। यमन में करीब 35% शिया और करीब 60% सुन्नी समुदाय के लोग हैं। हूती संगठन की स्थापना हुसैन बदरुद्दीन अल-हूती ने 1990 के दशक में नॉर्थ यमन के सादा स्टेट में की थी। उनके नाम पर ही संगठन का नाम हूती रखा गया है। साल 2004 में यमन की सेना ने हुसैन को ढेर कर दिया था, उसके बाद हूती विद्रोहियों ने यमन पर कब्जा करना शुरू कर दिया था।
साल 2014 तक हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा किया था। यमन के कई इलाकों पर अब हूतियों का नियंत्रण है। अब्दुल मलिक अल-हूती अब हूती विद्रोहियों का लीडर है। हूती विद्रोही चाहते हैं कि शिया मुस्लिमों के अधिकारों की रक्षा हो। सुन्नी सलाफी विचारधारा का विस्तान न हो और यमन में स्वतंत्र सरकार बने। वे लोकतांत्रिक, गैर-सांप्रदायिक गणराज्य के समर्थक हैं। इसके लिए वे संघर्ष कर रहे हैं और यमन से लगने वाले लाल सागर पर कब्जा किए हुए हैं।
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