Lunar Eclipse: प्रयागराज में इस दिन दिखाई देगा खगोलीय नजारा, पूर्ण चंद्र ग्रहण के साथ दिखेगा ‘ब्लड मून’

प्रयागराज में इस साल का सबसे बड़ा खगोलीय नजारा 7 से 8 सितंबर की रात को दिखाई देगा, जब पूर्ण चंद्र ग्रहण यानी ब्लड मून देखने को मिलेगा. यह ग्रहण रात 8 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगा और 1 बजकर 25 मिनट तक चलेगा. सबसे खास पल रात 11 बजे से 12 बजकर 22 मिनट के बीच होगा, जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में होगा और लालिमा लिए चमकता दिखाई देगा. 

इस दौरान चंद्रमा का रंग तांबे या गहरे लाल जैसा नजर आएगा, जिसे आम भाषा में ब्लड मून कहा जाता है. प्रयागराज के लोग इसे खुले आसमान के नीचे आसानी से देख सकेंगे, बशर्ते मौसम साफ हो. चंद्र ग्रहण को नंगी आंखों से देखना पूरी तरह सुरक्षित है, जबकि दूरबीन या टेलीस्कोप से इसकी खूबसूरती और भी ज्यादा स्पष्ट दिखाई देगी.

चंद्रग्रहण पर वैज्ञानिकों क्या कहना है?

 वैज्ञानिकों का कहना है कि यह घटना इसलिए होती है क्योंकि पृथ्वी के वातावरण से गुजरती हुई सूर्य की किरणें नीला रंग सोख लेती हैं और लाल रंग चंद्रमा तक पहुंचता है. लगभग 82 मिनट तक चलने वाला यह पूर्ण ग्रहण प्रयागराजवासियों के लिए एक दुर्लभ और रोमांचक अनुभव होगा.

खगोलविदों ने दी यह जानकारी 

खगोलविदों के अनुसार, इस बार का ग्रहण विशेष इसलिए भी है क्योंकि इसकी अवधि लंबी है और यह पूरे भारत में साफ-साफ नजर आएगा. इस घटना को देखने के लिए प्रयागराज और आस-पास के इलाकों के लोग पहले से ही उत्साहित हैं.

चंद्रग्रहण धार्मिक दृष्टिकोण से भी है अहम

 धार्मिक दृष्टिकोण से भी चंद्र ग्रहण का महत्व माना जाता है, कई लोग इस दौरान पूजा-पाठ और मंत्रोच्चारण में समय बिताते हैं. वहीं वैज्ञानिक इसे एक अद्भुत खगोलीय अवसर के रूप में देखते हैं, जब चंद्रमा की सतह और वातावरणीय प्रभावों का बारीकी से अध्ययन किया जा सकता है. 

ज्योतिषियों का क्या मानना है?

स्थानीय ज्योतिषियों का मानना है कि ग्रहण के समय लोगों को संयम और ध्यान रखना चाहिए तथा ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और दान का महत्व बताया गया है. कुल मिलाकर यह ब्लड मून प्रयागराज की रात को और भी यादगार बना देगा.

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