Market Outlook: पिछले हफ्ते भारतीय शेयर बाजार पर दबाव देखने को मिला। अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय सामान पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने के बाद बेंचमार्क इंडेक्स 1.8% टूटकर अगस्त के निचले स्तर के करीब पहुंच गए। FII की जबरदस्त बिकवाली के बीच DII की बड़ी खरीदारी भी बाजार को संभाल नहीं पाई। हालांकि, GST रेट में संभावित कटौती, बेहतर मॉनसून और सितंबर में फेड रेट कटौती की उम्मीद से थोड़ी राहत रही।
सोमवार को बाजार पहली तिमाही में उम्मीद से बेहतर जीडीपी डेटा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान और चीन की 4 दिन की यात्रा (29 अगस्त–1 सितंबर) से जुड़े विकास पर प्रतिक्रिया देगा। एक्सपर्ट्स के अनुसार, 1 सितंबर से शुरू होने वाला हफ्ता सीमित दायरे में रहने की संभावना है। इस दौरान जीएसटी काउंसिल की बैठक, ऑटो सेल्स, अमेरिका का जॉब डेटा, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज पीएमआई नंबर और भारत-अमेरिका ट्रेड नेगोशिएशन्स पर बाजार की नजर रहेगी।
Motilal Oswal Financial Services के रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि बाजार सीमित दायरे में रहेगा। यह पीएम नरेंद्र मोदी के जापान और चीन के शीर्ष नेताओं के के साथ रणनीतिक मुलाकातों पर फोकस करेगा।’ वहीं, Geojit Investments के रिसर्च हेड विनोद नायर का मानना है कि बाजार मिलाजुला रुख दिखा सकता है।
आइए जानते हैं उन 10 अहम फैक्टर के बारे में, जो अगले हफ्ते बाजार की दशा और दिशा तय करेंगे।
GST काउंसिल मीट
घरेलू स्तर पर सभी की नजरें 3-4 सितंबर को होने वाली GST काउंसिल की बैठक पर रहेंगी, जिसमें स्लैब के बारे में अंतिम फैसला लिया जाएगा। यह बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब 27 अगस्त से अमेरिकी सामानों पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ लागू हो गया है। इससे टेक्सटाइल, झींगा, फुटवियर, केमिकल और ज्वैलरी जैसे सेक्टर प्रभावित हुए हैं।
अधिकांश एक्सपर्ट का मानना है कि GST सुधार सितंबर में ही फाइनल और लागू हो जाएगा, यानी दिवाली से पहले। इससे पहले ही बजट में घोषित रियायतें और टैक्स कटौती मिलकर बाजार की सेंटिमेंट और खपत को समय पर मजबूती देंगी।
सरकारी प्रस्तावों के अनुसार, जल्द ही 2-रेट GST व्यवस्था (5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत) लागू हो सकती है। इसमें फर्टिलाइजर, टेक्सटाइल, फुटवियर, दवाइयां, सर्जिकल आइटम्स, मेडिकल डिवाइस, शिक्षा, पेपर समेत कई सेक्टर शामिल हो सकते हैं। यह जानकारी CNBC-TV18 ने सूत्रों के हवाले से दी है।
वैश्विक स्तर पर सभी बाजारों की नजर जुलाई के JOLTs जॉब्स ओपनिंग्स और क्विट्स रिपोर्ट के बाद अगस्त के बेरोजगारी दर और नॉन-फार्म पेरोल्स डेटा पर होगी। यह फेडरल रिजर्व की अगली नीति दिशा तय करने में अहम रहेगा। GDP रिवीजन और अनुमानित PCE आंकड़े पहले ही सितंबर पॉलिसी बैठक में रेट कट की संभावना का संकेत दे चुके हैं।
Kotak Securities की Kaynat Chainwala ने कहा, ‘हाल ही में फेड चेयर पॉवेल ने लेबर मार्केट में नीचे की ओर जाते रिस्क की तरफ इशारा किया है। ऐसे में अगर अगस्त की जॉब रिपोर्ट में कमजोरी दिखती है, तो पॉलिसी ईजिंग का मामला और पुख्ता हो जाएगा।’
अगले हफ्ते वैश्विक स्तर पर अगस्त के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज PMI के फाइनल आंकड़े अमेरिका, यूरोजोन, जापान और चीन जैसे प्रमुख देशों से जारी होंगे। इसके अलावा, अगस्त का फ्लैश इन्फ्लेशन, जुलाई का रिटेल सेल्स डेटा और यूरोजोन की जून तिमाही GDP का तीसरा अनुमान भी फोकस में रहेगा।
मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस PMI
अगले हफ्ते घरेलू मोर्चे पर भी कई अहम आंकड़े बाजार की दिशा तय करेंगे। 1 सितंबर और 3 सितंबर को अगस्त महीने के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस PMI के फाइनल आंकड़े जारी होंगे। शुरुआती अनुमान के अनुसार, अगस्त में HSBC मैन्युफैक्चरिंग PMI 59.8 और सर्विस PMI 65.6 पर पहुंच गया, जो जुलाई के फाइनल प्रिंट 59.1 और 60.5 से बेहतर है।
इसके अलावा, 29 अगस्त को समाप्त सप्ताह के विदेशी मुद्रा भंडार का ब्यौरा 5 सितंबर को जारी होगा। 22 अगस्त को खत्म सप्ताह में भंडार घटकर 690.72 अरब डॉलर रहा था, जबकि इससे पहले यह 695.11 अरब डॉलर था।
ऑटो सेल्स पर फोकस
अगस्त महीने के ऑटोमोबाइल सेल्स आंकड़े भी अगले हफ्ते घोषित किए जाएंगे, जिस पर निवेशकों की पैनी नजर रहेगी। इस वजह से Tata Motors, Mahindra & Mahindra, Ashok Leyland, Bajaj Auto, Hero MotoCorp, TVS Motor, Eicher Motors और Escorts के शेयरों में हलचल देखने को मिल सकती है।
FII-DII एक्टीविटीज
फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) का रुख फिलहाल बाजार के लिए चिंता का विषय है। टैरिफ नीतियों में बदलाव और ऊंचे वैल्यूएशन की वजह से उन्होंने पिछले हफ्ते आक्रामक बिकवाली की। बीते हफ्ते FIIने 21,152 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जिससे अगस्त महीने की कुल बिकवाली 46,903 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। जुलाई में यह 47,667 करोड़ रुपये रही थी। हालांकि, प्राइमरी मार्केट में उन्होंने खरीदारी बनाए रखी।
दूसरी ओर, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) ने लगातार बाजार को सहारा दिया और हर गिरावट पर खरीदारी की। उन्होंने पिछले हफ्ते 28,645 करोड़ रुपये और अगस्त में 94,829 करोड़ रुपये की खरीदारी की, जो अक्टूबर 2024 के बाद से सबसे बड़ी मासिक नेट खरीदारी है।
रुपया रिकॉर्ड निचले स्तर पर
इसी बीच, रुपया भी निवेशकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। शुक्रवार को रुपया 0.66 प्रतिशत गिरकर 88.12 प्रति डॉलर पर बंद हुआ, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। इंट्राडे में यह 88.31 तक पहुंच गया था। करंसी चार्ट पर लंबा बुलिश कैंडल बना और यह सभी मूविंग एवरेज से ऊपर कारोबार करता दिखा, जिससे शॉर्ट टर्म में दबाव बने रहने के संकेत हैं।
भारत-अमेरिका ट्रेड वॉर, इंपोर्टर्स की हेजिंग डिमांड और FPI आउटफ्लो ने रुपये पर दबाव बढ़ाया है। हालांकि, यह निर्यातकों के लिए आंशिक राहत का काम कर रहा है। Kotak Securities के हेड करंसी और कमोडिटी रिसर्च अनिंद्य बनर्जी ने कहा, ‘रुपया अभी भी अपने उभरते बाजार साथियों की तुलना में अंडरवैल्यूड है। लेकिन, निकट अवधि में ट्रेड वॉर चिंताओं के कारण दबाव बना रह सकता है।’
IPO मार्केट का हाल
कमजोर बेंचमार्क और ब्रॉडर मार्केट ट्रेंड्स के बावजूद प्राइमरी मार्केट में तेजी रहेगी। अगले हफ्ते आठ नए पब्लिक इश्यू खुलेंगे। इनमें मेनबोर्ड से सिर्फ Amanta Healthcare का ₹126 करोड़ का IPO 1 सितंबर को खुलेगा। बाकी सात इश्यू SME सेगमेंट से होंगे। इनमें Rachit Prints, Goel Construction, Optivalue Tek Consulting, Austere Systems, Vigor Plast India, Sharvaya Metals और Vashishtha Luxury Fashion शामिल हैं।
इसके अलावा Oval Projects Engineering, Sugs Lloyd, Snehaa Organics और Abril Paper Tech के IPO अगले हफ्ते बंद होंगे। वहीं, Anlon Healthcare और Vikran Engineering मेनबोर्ड पर 3 सितंबर को लिस्ट होंगे, साथ ही SME सेगमेंट में 11 लिस्टिंग देखने को मिलेंगी।
टेक्निकल नजरिया
टेक्निकल चार्ट्स संकेत दे रहे हैं कि Nifty 50 फिलहाल कमजोर है। शुक्रवार को इंडेक्स ने क्लोजिंग बेसिस पर ट्रेंडलाइन सपोर्ट लिया लेकिन यह शॉर्ट टर्म मूविंग एवरेज से नीचे रहा। पिछले हफ्ते बना ‘शूटिंग स्टार’ जैसा पैटर्न बेयरिश रिवर्सल का संकेत दे रहा है। MACD में नेगेटिव क्रॉसओवर और RSI का 49.7 पर टिकना कमजोरी दिखा रहा है। अगर इंडेक्स 24,400 के नीचे जाता है तो अगस्त का लो टेस्ट हो सकता है। वहीं, ऊपर की ओर 24,700 पार करने पर 25,000 तक का मूव संभव है।
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F&O ट्रेंड्स और वोलैटिलिटी इंडेक्स
ऑप्शंस डेटा बता रहा है कि 24,500-24,600 पर निफ्टी के लिए मजबूत रेजिस्टेंस है। इसके ऊपर टिकने पर ही 25,000 की ओर रैली संभव है। सपोर्ट 24,400-24,300 और इसके बाद सीधे 24,000 पर दिख रहा है। इंडिया VIX इस हफ्ते 0.21 प्रतिशत बढ़कर 11.75 पर रहा। कम वोलैटिलिटी के चलते बाजार में किसी भी दिशा में तेज मूव का रिस्क बना हुआ है।
कॉरपोरेट एक्शन
अगले हफ्ते कई कंपनियों में डिविडेंड और बोनस शेयर जैसे कॉरपोरेट एक्शन भी तय हैं, जिन पर निवेशकों की नजर रहेगी। (देखें चार्ट)
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