लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी और बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बसपा विधायक की पत्नी की फर्म ने सोनभद्र में जमकर अवैध खनन किया है।अधिकारियों की मिलीभगत से उन्होंने जुर्माने की राशि में भी हेरफेर किया है। दरअसल, जुर्माना नीलामी राशि के आधार पर होनी चाहिए थी लेकिन अधिकारियों से मिलीभगत से रायल्टी के आधार पर जुर्माना लगा दिया गया। इससे सरकार के राजस्व को करोड़ों का नुकसान हुआ है।
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CAG की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ। इसमें बताया गया कि, बसपा विधायक उमाशंकर सिंह की पत्नी की कंपनी छात्र शक्ति इंफ्रा-कंस्ट्रक्शन ने सोनभद्र में अवैध खनन किया है। ये अवैध खनन अधिकारियों और पट्टाधारकों की मिलीभगत से हुई है। इसमें बताया गया कि, पट्टाधारकों को फायदा पहुंचाने के लिए जुर्माने की राशि को कम किया गया है। यही नहीं, उमाशंकर सिंह के लिए जुर्माना वसूली के नियमों में भी बड़ा बदलाव कर दिया गया। नियमानुसार, जुर्माना नीलामी राशि के आधार पर होनी चाहिए थी लेकिन अधिकारियों ने रायल्टी राशि पर जुर्माना वसूला किया।
CAG की रिपोर्ट में बताया गया है कि, छात्र शक्ति इंफ्रा-कंस्ट्रक्शन को नीलामी में 3000 रुपये प्रति घनमीटर की दर से पत्थर खनन का पट्टा मिला थां इसकी रायल्ट 160 रुपये तय थी। हालांकि, कंपनी ने 33,604 घनमीटर गिट्टी का खनन कर लिया। ये मामला सामने आया तो अधिकारियों ने मिलीभगत कर बसपा विधायक और उनकी पत्नी की कंपनी को बचाते हुए सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाने की योजना बना दी। अधिकारियों ने रायलटी मूल्य के सापेक्ष 5 गुना जुर्माना वसूलने का काम किया, जबकि जुर्माने का निधारण नीलामी दर से होनी चाहिए थी। हालांकि, अधिकारियों ने ऐसा करते हुए सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया है।
करोड़ों के राजस्व का हुआ नुकसान
दरअसल, छात्र शक्ति इंफ्रा-कंस्ट्रक्शन ने सरकार को 6 करोड़ से ज्यादा का चूना लगाया है। 33,604 घनमीटर के वैध खनन से छात्र शक्ति को 10 करोड़ 8 लाख रुपए सरकार को देने होते। लेकिन, अवैध खनन की वजह से ये मामला 3 करोड़ 22 लाख रुपए में ही रफा-दफा हो गया और ये सब अधिकारियों की मिलीभगत से किया गया। दरअसल, यहां रायल्टी 160 रुपए थी, जबकि नीलामी दर 3000 रुपए थी।
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