India-China Direct Flight: आज चीन के तियानजिंग में SCO शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था। इस महा बैठक में भारत के प्रधानमंत्री समेत रूस के राष्ट्रपति पुतिन और पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी शामिल हुए हैं। चीन और भारत के लिए यह अवसर बहुमुल्य रहा क्योंकि दोनों देश के प्रतिनिधि पूरे 7 साल बाद मिले थे। हालांकि, ट्रंप के टैरिफ अटैक के बाद भारत और चीन की मुलाकात के मायने वर्ल्डवाइड पॉलिटिक्स के लिहाज से भी अहम है। शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों देशों के बीच एकबार फिर डायरेक्ट फ्लाइटों की शुरुआत होने की उम्मीद जगी है। कब शुरू होगी सीधी उड़ाने और इससे लोगों को क्या फायदा होगा।
क्यों बंद हुई थी फ्लाइट?
कोविड-19 महामारी का मुख्य केंद्र चीन था। चीनी वायरस और गलवान घाटी में चल रहे तनाव के चलते दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिए गए थे। साल 2019 से लेकर अबतक चीन और भारत के बीच उड़ाने नहीं चल रही है। आज शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद इस सुविधा की शुरुआत जल्द हो सकती है। इससे लोगों की यात्रा सुगम और किफायती हो जाएगी।
ये भी पढ़ें-इधर चीन गए पीएम मोदी, उधर भारत को लेकर सामने आया ट्रंप का फैसला
ट्रांजिट फ्लाइट से चीन पहुंचते थे लोग
फिलहाल, दोनों देशों के बीच सीधी उड़ाने नहीं है। इसलिए, लोग थर्ड रूट कंट्री के जरिए चीन से आना-जाना करते थे। इसके लिए भारतीय यात्री पहले थाईलैंज, सिंगापुर, कजाकिस्तान, मलेशिया और दुबई जाते थे और फिर वहां से चीन की फ्लाइट लेते थे। कई लोग हांगकांग या वियतनाम जाते थे और फिर वहां से ट्रेन या फ्लाइट से चीन पहुंचते हैं।
#WATCH | Tianjin, China: Prime Minister Narendra Modi holds a meeting with Cai Qi, Secretary of the Secretariat of the Chinese Communist Party.
(Source: ANI/DD News) pic.twitter.com/B1WFE3zfzE
— ANI (@ANI) August 31, 2025
सीधी फ्लाइट न होने के चलते होने वाली दिक्कतें
भारत-चीन के बीच व्यापारिक संबंध गहरे हैं। इस वजह से लोगों का यहां से वहां और वहां से यहां आना-जाना एक सामान्य गतिविधि है। साल 2019 तक लोग सीधे चीन पहुंच सकते थे लेकिन अब नहीं। ट्रांजिट फ्लाइट की वजह से लोगों को टिकट दो अलग-अलग लेनी पड़ती थी, जो काफी महंगी होती थी। इससे लोगों का समय भी बहुत ज्यादा लगता है। पहले दिल्ली से चीन की टिकट 35,000-50,000 हुआ करती थी, जो ट्रांजिट फ्लाइट के चलते 60,000-90,000 तक हो गई। सफर का समय भी 6 घंटे से बढ़कर 14 घंट हो गया है। लंबी दूरी की यात्रा करने से लोगों की सेहत पर भी असर पड़ रहा है।
कब उड़ी थी आखिरी फ्लाइट?
भारत और चीन के बीच आखिरी फ्लाइट कमर्शियल थी, जो 20 मार्च 2020 को ऑपरेट हुई थी। इसके बाद कोरोना महामारी के कारण सेवाएं निलंबित हो गई थी। उसके बाद से, दोनों देशों के बीच कोई नियमित डायरेक्ट फ्लाइट नहीं चल रही थी। हालांकि, शिखर सम्मेलन से पहले भारत दौरे पर चीन के विदेश मंत्री ने भी सीधी उड़ानों को लेकर आश्वासन दिया था।
औसतन कितनी फ्लाइटें उड़ती थी?
साल 2019 तक भारत और चीन के बीच औसतन प्रतिवर्ष 2,588 फ्लाइट्स ऑपरेट होती थी, जो अब बढ़ने की उम्मीद भी है। इस तरह देखें तो प्रतिदिन 7 फ्लाइट भारत से चीन के लिए रवाना होता था। सूत्रों के मुताबिक, फ्लाइटों की शुरुआत अक्टूबर, 2025 से हो सकती है। इसके लिए भारतीय एयरलाइनों को हवाई अड्डे के स्लॉट भी आवंटित हो सकते हैं। सीधी उड़ान होने से मानसरोवर यात्रा के लिए भी लोगों को आसानी होगी।
ये भी पढ़ें-चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच क्या हुई बातचीत, जानें 5 बातें
Read More at hindi.news24online.com