नई दिल्ली। रूस से तेल (Russia Oil) खरीद को लेकर बौखलाए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है। इसके बाद भी भारत ने अमेरिका के सामने झुकने से इनकार कर दिया है। हालांकि उनका ये दांव भी फीका रहा और भारत पर इसका बहुत ज्यादा असर होता नहीं दिख रहा है। इससे ट्रंप लग रहा है कि और चिढ़ गए हैं। टैरिफ की काट के लिए पीएम मोदी 7 साल बाद चीन के दौरे पर पहुंच गए हैं। इससे बौखलाए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब भारत के खिलाफ यूरोपियन देशों को भड़काने में जुट गए हैं। व्हाइट हाउस ने यूरोपीय देशों से अपील की है कि वे भी भारत पर वैसे ही प्रतिबंध लगाए जैसे अमेरिका ने लगाए हैं। साथ ही तेल-गैस खरीद भी रोकें। साथ ही सेकंडरी टैरिफ भी लगाने की अपील की है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, व्हाइट हाउस ने यूरोपीय देशों से भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए अमेरिका जैसे प्रतिबंध लगाने को कहा है, जिसमें नई दिल्ली से खरीदे जाने वाले सभी तेल और गैस पर पूरी तरह से रोक लगाना भी शामिल है। गौरतलब है कि यूरोपीय नेता भी यूक्रेन में युद्ध समाप्त कराने के पक्ष में हैं। हालांकि जहां अमेरिका का दावा है कि भारत रूसी तेल खरीद रहा है और उससे मुनाफा कमा रहा है, वहीं अधिकांश यूरोपीय देश इस मुद्दे पर काफी हद तक चुप रहे हैं और उन्होंने ट्रंप के टैरिफ कदम का खुलकर समर्थन या विरोध नहीं किया है।
वहीं रिपोर्ट के अनुसार, कई यूरोपीय नेता सार्वजनिक रूप से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की युद्ध खत्म करने की कोशिशों का समर्थन करते दिखते हैं। हालांकि गुपचुप तरीके से अलास्का ट्रंप पुतिन शिखर वार्ता में हुई प्रगति को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों का मानना है कि यूरोपीय देशों का यूक्रेन पर “ज्यादा बेहतर डील” के लिए दबाव डालना युद्ध को और लंबा कर रहा है। इसी वजह से व्हाइट हाउस यूरोप के नेताओं से नाराज है।
इस बात से भी नाराज हैं ट्रंप
अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच 7 से 10 मई के बीच हुए संघर्ष को लगातार रुकवाने का दावा किया है। पाकिस्तान ने जहां ट्रंप के दावे को स्वीकृति दी है बल्कि ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार देने की भी मांग कर डाली है। वहीं भारत का रुख इस मामले में बिल्कुल अलग रहा है। भारत ने बार-बार कहा है कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष रुकवाने में किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं है और डीजी स्तर की बातचीत के बाद दोनों देशों में संघर्ष विराम पर सहमति बनी। इसे लेकर ट्रंप, भारत से नाराज बताए जा रहे हैं।
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