Bilateral meeting between PM Modi and Chinese President: चीन के तियानजिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक अब समाप्त हो गई है। इस बैठक के दौरान पीएम मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की चीन द्वारा सफल अध्यक्षता के लिए बधाई दी। चीन आने के निमंत्रण और बैठक के लिए धन्यवाद दिया।
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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान अपने प्रारंभिक भाषण में, पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “कज़ान में हमारी बैठक सार्थक रही। हमारे संबंधों को एक सकारात्मक दिशा मिली है। सीमाओं पर शांति और स्थिरता है। कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो गई है। दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें भी शुरू हो रही हैं। हमारे देशों के बीच सहयोग से 2.8 अरब लोगों के हित जुड़े हैं – यह मानवता के लिए आवश्यक है।”
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— Narendra Modi (@narendramodi) August 31, 2025
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उन्होंने आगे कहा, “हम आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ हैं। हम एससीओ शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी के लिए अपनी शुभकामनाएँ देते हैं, और इस यात्रा और इस बैठक के निमंत्रण के लिए आपका धन्यवाद करते हैं।”
पीएम मोदी के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान अपने प्रारंभिक भाषण में, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा, “प्रधानमंत्री महोदय, आपसे दोबारा मिलकर मुझे बहुत खुशी हुई। मैं एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन में आपका स्वागत करता हूँ। पिछले साल कज़ान में हमारी बैठक सफल रही थी…” जिनपिंग ने आगे कहा, “विश्व परिवर्तन की ओर बढ़ रहा है। चीन और भारत दो सबसे सभ्य देश हैं। हम दुनिया के दो सबसे अधिक आबादी वाले देश हैं और ग्लोबल साउथ का हिस्सा हैं… मित्र और अच्छे पड़ोसी बनना और ड्रैगन और हाथी का एक साथ आना अत्यंत महत्वपूर्ण है…”
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, “इस वर्ष चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। दोनों देशों को अपने संबंधों को रणनीतिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से देखना होगा। हमें बहुपक्षवाद, बहुध्रुवीय विश्व और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं में अधिक लोकतंत्र को बनाए रखने की अपनी ऐतिहासिक ज़िम्मेदारियों को भी निभाना होगा और एशिया तथा दुनिया भर में शांति और समृद्धि के लिए मिलकर काम करना होगा।”
बता दें कि पीएम मोदी करीब सात साल बाद चीन के दौरे पर हैं, वह शनिवार शनिवार शाम को तियानजिन पहुंचे। वह एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और कई विश्व नेताओं से मुलाकात करेंगे। अमेरिका की ओर से भारत पर टैरिफ थोपे जाने के बाद भारत-चीन के शीर्ष नेताओं के बीच बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
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