राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नयीरुद्दीन चिश्ती की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने कहा कि मोहन भागवत ने जो कहा है वो सच कहा है। इस देश में हमेशा से मुसलमानों को किसी न किसी का डर दिखाकर वोट पाने की कोशिश होती रही है, चाहे वो किसी के भी द्वारा की गई हो। लेकिन पिछले 10 सालों से भाजपा की सरकार है। RSS भी इस देश के लिए काम कर रहा है। अब मुसलमानों की सोच बदल गई है। ये बात भी सही है कि देश में मुसलमान हो या कोई भी हो उसे किसी से भी डरना नहीं चाहिए।
दिलों में राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा मिले
अध्यक्ष सैयद नयीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि लोगों को अपने संवैधानिक अधिकार के प्रति तत्पर भी रहना चाहिए, लेकिन जिस तरह से डर दिखाया गया था। वो डर बिल्कुल बईमानी है। आज चाहे भारत सरकार हो या RSS हो, ये देशहित में सभी को साथ लेकर चलने का काम कर रहे हैं। ताकि देश तरक्की करे और सभी के दिलों में राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा मिले।
RSS प्रमुख ने सभी शंकाओं को किया दूर
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्होंने मोहन भागवत का बयान सुना है। कुछ लोगों को लगता है कि इस्लाम यहां ज्यादा दिन नहीं रहेगा। RSS के प्रमुख ने अपने बयान से इन सभी शंकाओं को दूर कर दिया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि इस्लाम यहां था, है और आगे भी रहेगा, लेकिन हम बस हिन्दुस्तानी हैं। हमें अपने मजहब के साथ-साथ अपने देश की जिम्मेदारियों को भी समझना चाहिए। साथ ही सब को मिलजुलकर एकजुटता के साथ रहना चाहिए। मेरा मानना है कि RSS प्रमुख का जो बयान था वो इसी संदर्भ में था।
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कई पीढ़ियों ने धार्मिक उन्माद देखा
उन्होंने आगे कहा कि इस देश ने कई उतार चढ़ाव देखे हैं। धार्मिक उन्माद भी बहुत हुआ है जिसको कई पीढ़ियों ने देखा है। हमे ऐसी राह पर अग्रसर होना चाहिए, जिस पर आने वाली पीढ़ी को एक साफ और सुरक्षित माहौल मिले जिससे देश तरस्की कर सके। आखिर हम कब तक धार्मिक उन्माद को लेकर और दूसरे मामलों को लेकर एक-दूसरे से उलझे रहेंगे।
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कयामत तक रहेंगे हिन्दुस्तानी
उन्होंने आगे कहा कि हम लोग मजहब से अलग है। हमारी इबादत और पूजा पाठ का तरीका अलग है, लेकिन हम हिन्दुस्तानी हैं। ता कयामत तक इंशाअल्लाह हिन्दुस्तानी ही रहेंगे। इसीलिए हमें देशहित में भी सोचना चाहिए। अगर कई मामले बैठने से सुलझ जाते हैं तो उन्हें बैठकर सुलझा लेना चाहिए। इसमें कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि लोगों को RSS प्रमुख के बयान को सकारात्मक रूप में लेना चाहिए।
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