भारत की अर्थव्यवस्था ने इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2025-26) में 7.8% की शानदार वृद्धि दर्ज की है, जो पिछले साल की समान अवधि में 6.5% थी। यह अनुमानित 6.7% की दर से भी अधिक है। इस वृद्धि के साथ भारत ने चीन के 5.2% की तुलना में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था का खिताब बरकरार रखा है। भारत की जीडीपी में उछाल ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 50
पिछली 5 तिमाहियों में सबसे तेज वृद्धि
भारत की अर्थव्यवस्था ने इस साल अप्रैल से जून 2025 तक की पहली तिमाही में 7.8% की वृद्धि हासिल की है। यह आंकड़ा न केवल पिछले साल की समान तिमाही के 6.5% की वृद्धि से बेहतर है, बल्कि विशेषज्ञों के अनुमान 6.7% को भी पीछे छोड़ता है। यह पिछले पांच तिमाहियों में सबसे तेज वृद्धि है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती को दर्शाता है।
वैश्विक स्तर पर भारत का बढ़ रहा दबदबा
इस अवधि में चीन की अर्थव्यवस्था 5.2% की दर से बढ़ी, जबकि भारत की 7.8% की वृद्धि ने इसे दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बनाए रखा है। यह उपलब्धि तब और महत्वपूर्ण हो जाती है, जब वैश्विक स्तर पर अमेरिका जैसे देशों द्वारा लगाए जा रहे टैरिफ (आयात कर) की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
क्या हैं कारण?
इस शानदार प्रदर्शन के पीछे कई कारण हैं। सरकार की ओर से बुनियादी ढांचे जैसे रोड, बंदरगाह, और राजमार्ग पर खर्च, बेहतर ग्रामीण मांग और मजबूत कृषि उत्पादन ने अर्थव्यवस्था को गति दी है। इसके अलावा, निजी खपत मतलब लोगों द्वारा खर्च में भी वृद्धि देखी गई है, जिसने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया। हालांकि, शहरी क्षेत्रों में मांग और निजी निवेश में कुछ कमजोरी देखी गई, लेकिन कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था ने इन चुनौतियों को पार करते हुए मजबूत प्रदर्शन किया।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में 6.3% से 6.8% की दर से बढ़ सकती है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने भी अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए हाल ही में ब्याज दरों में कटौती की है। साथ ही, सरकार की नीतियां, जैसे टैक्स में छूट और निवेश को बढ़ावा देना, अर्थव्यवस्था को और मजबूत कर सकती हैं। यह वृद्धि भारत को वैश्विक मंच पर और मजबूत बनाती है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अनुसार, भारत 2025 के अंत तक जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। यह उपलब्धि भारत की आर्थिक नीतियों, मजबूत घरेलू मांग और तकनीकी रूप से कुशल युवा कार्यबल का परिणाम है।
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