Editor’s Take: सितंबर सीरीज बाजार के लिए लाएगी सुकून? इन 5 ट्रिगर्स पर रहेगी नजर

Editor’s Take: मार्केट के उतार-चढ़ाव को समझने के लिए सिर्फ कीमतें ही काफी नहीं होतीं, बल्कि उनके पीछे के बिग डेटा (Big Data) को देखना जरूरी है. इसी नजरिए से ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपने खास शो में मार्केट का पूरा एनालिसिस रखा है. सितंबर सीरीज की शुरुआत हो गई है. यहां निफ्टी, बैंक निफ्टी, ग्लोबल मार्केट्स और FIIs-DIIs के रुख पर समझ लीजिए पूरा विश्लेषण.

निफ्टी और बैंक निफ्टी का हाल

भारतीय बाजार में सबसे अहम इंडेक्स निफ्टी ने कल दो हफ्तों का निचला स्तर 24,481 छू लिया. निफ्टी का 100 DMA (24675) और 100 EMA (24632) दोनों के नीचे बंद होना इस बात का संकेत है कि बाजार की शॉर्ट टर्म ट्रेंड कमजोर हो चुका है. लगातार चार दिन से बैंक निफ्टी भी लाल निशान में बंद हो रहा है और तीन महीनों का निचला स्तर 53,768 छू चुका है.

बैंक निफ्टी का RSI पहली बार 7 महीनों में 30 से नीचे गया है. यह स्तर तकनीकी भाषा में ओवरसोल्ड ज़ोन कहलाता है. इसका मतलब है कि बैंकिंग शेयरों में अबतक जमकर बिकवाली हुई है और यहां से किसी समय पर तकनीकी उछाल की संभावना बन सकती है. इसी बीच मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी दबाव में आ गए हैं. मिडकैप इंडेक्स दो हफ्तों और स्मॉलकैप इंडेक्स तीन महीनों के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं.

Reliance और बैंकिंग शेयरों की चाल

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कल Reliance में AGM से पहले 1366 के लो से शानदार रिकवरी देखने को मिली और शेयर 1390 पर बंद हुआ. यह निवेशकों के भरोसे की तरफ इशारा करता है कि AGM में बड़े ऐलान हो सकते हैं. वहीं दूसरी ओर, HDFC Bank ने दो महीने का और ICICI Bank ने तीन महीनों का निचला स्तर छू लिया. इसका सीधा मतलब है कि फिलहाल बैंकिंग स्टॉक्स पर भारी दबाव है.

FIIs और DIIs का बिग डेटा

FIIs का मूड अब भी बेहद खराब है. उनकी इंडेक्स फ्यूचर्स में लॉन्ग पोजीशन सिर्फ 8.2% तक सिमट चुकी है. वे लगातार शॉर्ट पोजीशन रोलओवर कर रहे हैं और नई शॉर्ट पोजीशन भी बना रहे हैं. सबसे अहम बात यह है कि अभी दूर-दूर तक शॉर्ट कवरिंग या बिकवाली रुकने के संकेत नहीं हैं. अनिल सिंहवी का मानना है कि शायद किसी ट्रेड डील पर पॉजिटिव खबर आने के बाद ही FIIs अपना रुख बदल सकते हैं.

इसके ठीक उलट, घरेलू फंड्स यानी DIIs लगातार 8 महीनों से मजबूत खरीदारी कर रहे हैं और बाजार को संभालने की कोशिश कर रहे हैं.

ग्लोबल मार्केट्स से संकेत

वैश्विक बाजारों से मिले संकेत मिश्रित लेकिन सकारात्मक हैं. अमेरिकी बाजार में S&P 500 ने इस साल की 18वीं बार नया रिकॉर्ड हाई बनाया है. बॉन्ड यील्ड घटकर 4.2% पर आ गई है, जो तीन हफ्तों का निचला स्तर है. इसका मतलब है कि वहां महंगाई और ब्याज दरों पर दबाव कम हो रहा है.

गोल्ड और सिल्वर ने भी रिकॉर्ड बनाए हैं. सोना पहली बार 1,02,000 रुपए के ऊपर बंद हुआ और लाइफ हाई से सिर्फ 125 रुपए दूर है. चांदी ने भी 1,17,600 रुपए पर नया रिकॉर्ड बनाया. इसका संकेत साफ है कि दुनिया भर में निवेशक सेफ हेवन यानी सोने-चांदी में पैसा डाल रहे हैं.

सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल्स

अब सवाल है कि भारतीय बाजार में सपोर्ट कहां मिल सकता है. निफ्टी के लिए 8 अगस्त का इंट्राडे लो 24,337 और क्लोजिंग 24,363 पर बड़ा सपोर्ट माना जा रहा है. अगर यह स्तर भी टूटता है तो अगला सपोर्ट 23,900-24,100 की रेंज में है.

वहीं रिकवरी की स्थिति में निफ्टी के लिए 24,725-24,875 की रेंज बड़ी बाधा साबित होगी. बैंक निफ्टी के लिए 54,900-55,150 की रेंज में मजबूत रुकावट है. आमतौर पर तेज गिरावट के बाद शुरुआती उछाल में फिर से बिकवाली आती है. इसलिए सीरीज की शुरुआत में अगर उछाल मिले तो निवेशकों को अपनी पोजीशन हल्की करनी चाहिए.

निवेशकों के लिए संदेश

फिलहाल बाजार कई दबावों में है. FIIs लगातार बिकवाली कर रहे हैं, बैंकिंग स्टॉक्स कमजोर हैं और निफ्टी अहम सपोर्ट्स की ओर बढ़ रहा है. ऐसे माहौल में निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए. लंबी अवधि के निवेशक मजबूत स्टॉक्स में धीरे-धीरे खरीदारी कर सकते हैं, लेकिन शॉर्ट टर्म ट्रेडर्स को रिस्क मैनेजमेंट पर ध्यान देना चाहिए.

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