Premanand Maharaj: घोड़े की नाल की अंगूठी पहनना चाहिए या नहीं ? प्रेमानंद जी महाराज ने बताया रहस्य

वास्तु के अनुसार घर में घोड़े की नाल भी टांगना शुभ होता है. साथ ही शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए अधिकतर लोग घोड़े की नाल की अंगूठी पहनते हैं. लेकिन क्या घोड़े की नाल की अंगूठी पहनने से लाभ होता है या फिर ये एक भ्रम है, प्रेमानंद महाराज ने इसकी सच्चाई से लोगों को रूबरू कराया है.

वास्तु के अनुसार घर में घोड़े की नाल भी टांगना शुभ होता है. साथ ही शनि की साढ़ेसाती से बचने के लिए अधिकतर लोग घोड़े की नाल की अंगूठी पहनते हैं. लेकिन क्या घोड़े की नाल की अंगूठी पहनने से लाभ होता है या फिर ये एक भ्रम है, प्रेमानंद महाराज ने इसकी सच्चाई से लोगों को रूबरू कराया है.

प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि ‘घोडे़ की नाल की अंगूठी नहीं पहनना चाहिए, इस अंगूठी को बनाने में घोड़े को बहुत यातनाएं दी जाती है. जो स्वंय दुख भोग रहा है उसकी नाल से तुम कैसे बच पाओगे’.

प्रेमानंद जी महाराज ने बताया कि ‘घोडे़ की नाल की अंगूठी नहीं पहनना चाहिए, इस अंगूठी को बनाने में घोड़े को बहुत यातनाएं दी जाती है. जो स्वंय दुख भोग रहा है उसकी नाल से तुम कैसे बच पाओगे’.

प्रेमानंद जी महाराज ने शनि के कष्टों के निवारण के लिए तरह-तरह के उपाय करने की बजाय एक अद्भुत उपाय बताया है, उन्होंने कहा कि ग्रह दोष की पीड़ा केवल ईश्वर का नाप जप करने से दूर या कम होती है.

प्रेमानंद जी महाराज ने शनि के कष्टों के निवारण के लिए तरह-तरह के उपाय करने की बजाय एक अद्भुत उपाय बताया है, उन्होंने कहा कि ग्रह दोष की पीड़ा केवल ईश्वर का नाप जप करने से दूर या कम होती है.

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार अगर आपका आचरण ठीक नहीं है और ऐसे में अंगूठी पहन रहे हैं या तेल चढ़ा रहे हैं तो भी इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा.

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार अगर आपका आचरण ठीक नहीं है और ऐसे में अंगूठी पहन रहे हैं या तेल चढ़ा रहे हैं तो भी इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा.

'ईश्वर की भक्ति मन से की जाए तो हर कष्ट दूर होता है, आचरण में सुधार हो तब ही ग्रह भी आपके अनुकूल होते है'

‘ईश्वर की भक्ति मन से की जाए तो हर कष्ट दूर होता है, आचरण में सुधार हो तब ही ग्रह भी आपके अनुकूल होते है’

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि जब तक भगवान के नाम का भजन नहीं करोगे, तब तक विघ्न नहीं टलेंगे. ‘सब हरि के अनुचर हैं, यदि तुम श्रीकृष्ण के दास हो तो तुम्हें किसी को तेल चढ़ाने की जरूरत नहीं, स्वयं को चढ़ा दो हरि के चरणों में

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि जब तक भगवान के नाम का भजन नहीं करोगे, तब तक विघ्न नहीं टलेंगे. ‘सब हरि के अनुचर हैं, यदि तुम श्रीकृष्ण के दास हो तो तुम्हें किसी को तेल चढ़ाने की जरूरत नहीं, स्वयं को चढ़ा दो हरि के चरणों में

Published at : 29 Aug 2025 05:30 AM (IST)

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