Flood In UP: This Year Rivers Are Angry With 43 Districts

Yogi government became the messiah of flood victims

लखनऊ। बढ़ते जलवायु परिवर्तन के इस दौर में नदियों का कोप बढ़ने लगा है। इस वर्ष उत्तर प्रदेश में मानसून के दौरान बरसात और नदियों के प्रकोप ने प्रदेश के 43 जिलों को प्रभावित किया। बावजूद इसके योगी सरकार (Yogi Government)  अपनी जनता के लिए ढाल की तरह खड़ी रही। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष अबतक 116 तहसीलें, 2673 ग्राम और 123 वार्ड जलभराव से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ (Flood) की चपेट में कुल 9,55,654 से अधिक लोग आए हैं। इस आपदा से निपटने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर राहत और बचाव कार्य तेज़ी से संचालित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अधिकारियों को लगातार निर्देशित कर रहे हैं। बीते दिन उन्होंने सभी प्रभारी मंत्रियों को आदेशित किया कि वे अपने-अपने जिलों में बाढ़ (Flood) राहत कार्यों की कमान खुद संभालें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस संकट की घड़ी में सरकार हर नागरिक के साथ खड़ी है।

राहत आयुक्त भानु चंद्र गोस्वामी के मुताबिक अब तक प्रदेश में 1796 बाढ़ चौकियां स्थापित की गईं हैं और 1273 मेडिकल टीमों का गठन किया गया है। 3579 नाव एवं मोटरबोट बचाव कार्य में लगाए गए। वहीं, 1391 बाढ़ शरणालय बनाए गए जिनमें से 557 वर्तमान में संचालित हैं, जहां 79,958 लोग आश्रय लिए हुए हैं। अब तक 1,00,404 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।

सरकार ने प्रभावितों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। अब तक 1,82,216 खाद्यान्न पैकेट और 10,30,534 लंच पैकेट वितरित किए जा चुके हैं। 774 मकान क्षतिग्रस्त हुए, जिनमें से 637 को सहायता राशि दी गई है, बाकियों को भी जल्द से जल्द सहायता राशि प्रदान करने की कवायद चल रही है। पशुओं के लिए 14,740 क्विंटल भूसा, पीने के पानी की शुद्धता के लिए 92,020 क्लोरीन टैबलेट और स्वास्थ्य की दृष्टि से 3,58,555 ओआरएस पैकेट वितरित किए गए हैं।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विषैले जीव-जंतुओं से बचाव के लिए एंटी स्नेक वैनम और एंटी रैबिज टीकों का पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) का कहना है कि “आपदा की इस घड़ी में सरकार हर पीड़ित के साथ खड़ी है और किसी को भी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।”

इस वर्ष बाढ़ (Flood) प्रभावित जिलों में…

बलिया, बहराइच, बदायूं, चंदौली, फर्रुखाबाद, गोंडा, गाजीपुर, हरदोई, कानपुर नगर, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मीरजापुर, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, उन्नाव, वाराणसी, मऊ, औरैया, अमरोहा, बस्ती, बांदा, बाराबंकी, कन्नौज, हापुड़, बिजनौर, संभल, संत कबीर नगर, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर, मुरादाबाद, कानपुर देहात, फतेहपुर, अयोध्या, जालौन, आगरा, इटावा, चित्रकूट, हमीरपुर, भदोही, मथुरा और श्रावस्ती समेत 43 जिले शामिल रहे।

आज तक की स्थिति

फिलहाल प्रदेश में बाढ़ (Flood) प्रभावित जिलों की संख्या घटकर 18 रह गई है, इनमें- बलिया, बहराइच, बदायूं, चंदौली, फर्रुखाबाद, गोंडा, गाजीपुर, हरदोई, कानपुर नगर, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मीरजापुर, मुजफ्फरनगर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, उन्नाव और वाराणसी शामिल हैं।

अब तक के आंकड़े साफ बताते हैं कि योगी सरकार ने हर स्तर पर तत्परता दिखाते हुए जन-जीवन की रक्षा की है।

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