पीएम मोदी जापान-चीन दौरे पर रवाना, जानिए भारत के लिए क्यों अहम है ये यात्रा?

पीएम नरेंद्र मोदी गुरुवार को 5 दिवसीय यात्रा जापान और चीन के लिए रवाना हुए हैं। पीएम मोदी जापान के बाद चीन जाएंगे। इस यात्रा का मुख्य एजेंडा दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और मजबूत करना है। पीएम मोदी की इस यात्रा से जापान, चीन और रूस के समर्थन से भारत को अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव को कम करने में मदद मिलने की उम्मीद है। पीएम ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी साझा की है। यात्रा के दौरान पीएम मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यहां पीएम कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों से मुलाकात करेंगे।

पीएम मोदी ने एक्स पर बताया क्यों अहम है जापान दौरा?

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा के निमंत्रण पर मैं 15वें वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए जापान की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। इस यात्रा के दौरान हम अपनी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के अगले चरण को आकार देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे। हमारी रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी ने पिछले 11 वर्षों में निरंतर और महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने कहा कि हम अपने सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने, आर्थिक और निवेश संबंधों के दायरे और महत्वाकांक्षाओं का विस्तार करन है। साथ ही AI और सेमीकंडक्टर सहित नई और उभरती टेक्नोलॉजी में सहयोग को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे। यह यात्रा हमारे सभ्यतागत बंधनों और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का भी एक अवसर है जो हमारे लोगों को जोड़ता है।

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भारत SCO का एक सक्रिय सदस्य

पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट में लिखा कि जापान से, मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग के निमंत्रण पर तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन जाऊंगा। भारत SCO का एक सक्रिय सदस्य है। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपनी अध्यक्षता के दौरान, हमने इनोवेशन, मेडिकल और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के क्षेत्रों में नए विचार प्रस्तुत किए हैं और सहयोग की शुरुआत की है।

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वैश्विक शांति, सुरक्षा और विकास पर होगी चर्चा

उन्होंने कहा कि भारत साझा चुनौतियों का समाधान करने और क्षेत्रीय सहयोग को गहरा करने के लिए SCO सदस्यों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अन्य नेताओं से मिलने के लिए भी उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि जापान और चीन की ये यात्राएं हमारे राष्ट्रीय हितों और प्राथमिकताओं को और मजबूत करेंगी और क्षेत्रीय एवं वैश्विक शांति, सुरक्षा और सतत विकास को आगे बढ़ाने में सार्थक सहयोग स्थापित करेंगी।

व्यापार, निवेश सहित कई मुद्दों पर होगी बात

प्रधानमंत्री मोदी अपनी दो देशों की यात्रा के पहले चरण में जापान पहुंचेंगे। यहां वे 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। इस यात्रा का उद्देश्य भारत-जापान संबंधों को मजबूत करना और वैश्विक शांति पर चर्चा करना है। जापानी पीएम शिगेरु इशिबा से मुलाकात के साथ ही वह उद्योगपतियों और राजनीतिक नेताओं से भी बातचीत करेंगे। उनके एजेंडे में व्यापार, निवेश, रक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और संस्कृति शामिल हैं।

जापान, चीन और रूस की मदद से टैरिफ का प्रभाव होगा कम

जापान के बाद पीएम मोदी 30 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन में रहेंगे। इस दौरान वह शंघाई सहयोग परिषद (SCO) की 25वीं बैठक में हिस्सा लेंगे। करीब 7 साल में अपनी पहली चीन यात्रा के दौरान, पीएम दुनिया की कुछ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ निकटता बढ़ाकर मेक इन इंडिया पहल के लिए समर्थन जुटाएंगे।

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