Editor’s Take: अमेरिका और भारत के बीच टैरिफ तनाव पर ट्रेजरी सेक्रेटरी के बयान ने हल्की राहत तो दी है, लेकिन इसमें बाजार को जोश देने वाला बड़ा संकेत नहीं मिला. अब निवेशकों की नजरें ट्रंप के बयानों पर हैं, जिन पर बाजार की असली प्रतिक्रिया आएगी. अंदेशा है कि भारत का अमेरिका को एक्सपोर्ट $40-50 बिलियन तक कम हो सकता है. ऐसे में दूसरे देशों को कितना एक्सपोर्ट बढ़ाया जा सकता है, यह बड़ा फैक्टर होगा. एक्सपोर्ट प्रभावित सेक्टर्स को राहत कैसे दी जाएगी और GDP ग्रोथ पर असर कम करने के लिए क्या रिफॉर्म्स लाए जाएंगे, यह आने वाले दिनों में अहम होगा.
Anil Singhvi Market Data: निफ्टी-बैंक निफ्टी में दबाव
मार्केट गुरु अनिल सिंघवी ने कहा कि निफ्टी और बैंक निफ्टी का रोलओवर एवरेज से काफी नीचे रहा. एक्सपायरी से पहले निफ्टी का रोलओवर 64% और बैंक निफ्टी का 53.3% पर आ गया. निफ्टी, मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स भी एक हफ्ते के निचले स्तर पर बंद हुए. बैंक निफ्टी 54,396 तक गिरा, जो तीन महीने का लो है और यह 100 दिनों के EMA 55,016 के नीचे फिसल गया. HDFC बैंक भी 100 EMA 968 के करीब आकर दो महीनों के निचले स्तर पर पहुंचा.
FIIs-DIIs का Big Data: लॉन्ग पोजिशन हाई पर
FIIs ने इंडेक्स फ्यूचर्स में लॉन्ग पोजिशन बढ़ाई है, जो अब 14.32% तक पहुंच गई है. यह एक महीने का सबसे ऊंचा स्तर है.
ग्लोबल मार्केट से मिले-जुले संकेत
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अमेरिकी बाजार मजबूती दिखा रहे हैं. S&P 500 ने इस साल 17वीं बार नया रिकॉर्ड हाई बनाया. वहीं, बॉन्ड यील्ड 4.2% तक गिरकर दो हफ्तों के निचले स्तर पर पहुंच गई. सोना 1,02,250 के लाइफ हाई से सिर्फ 700 रुपए दूर है. रुपया लगातार चौथे महीने कमजोर हो रहा है और रिकॉर्ड लो से केवल 35 पैसे दूर है.
FII की भारी बिकवाली, DIIs ने किया मुकाबला
मंगलवार को FIIs ने कैश, स्टॉक और इंडेक्स फ्यूचर्स मिलाकर ₹7,784 करोड़ की बड़ी बिकवाली की. हालांकि, घरेलू फंड्स (DIIs) ने ₹7,060 करोड़ की खरीदारी कर सपोर्ट देने की कोशिश की. डाटा में ₹7,460 करोड़ के MSCI बदलाव और ₹2,671 करोड़ की Sai Life की ब्लॉक डील का असर भी शामिल रहा. इसके बावजूद लगातार हो रही FII बिकवाली और रिटेल सपोर्ट की कमी से बाजार दबाव में है.
निफ्टी 24,631 के गैप पर लेगा सपोर्ट?
निफ्टी अब 24,631 के उस स्तर के पास है, जो पीएम के GST ऐलान से पहले का स्तर था. टेक्निकली यहां निफ्टी गैप पूरा कर सकता है. जब तक निफ्टी इस लेवल के नीचे बंद नहीं होता, हालात बेहतर माने जाएंगे. मंथली एक्सपायरी पर शॉर्ट पोजिशन ज्यादा बनी हुई है, लेकिन शॉर्टकवरिंग कब आएगी यह साफ नहीं है. अगर शॉर्टकवरिंग आती है, तो इसकी शुरुआत सबसे ज्यादा ओवरसोल्ड बैंक निफ्टी से होगी.
गिरावट में निवेश का मौका कहां?
गिरावट के बीच निवेशकों की नजर रिलायंस इंडस्ट्रीज पर रहेगी, क्योंकि कंपनी की 50वीं AGM कल होने वाली है. AGM में टेलीकॉम, IPO या किसी बड़े ऐलान की घोषणा हो सकती है. इसके अलावा, घरेलू कंजम्प्शन से जुड़े सेक्टर्स मजबूत बने हुए हैं. ई-कॉमर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म कंपनियों में निवेश का मौका है. FMCG और ऑटो सेक्टर भी खरीदारी के लिए बेहतर विकल्प बने हुए हैं.
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