UPITS Becomes A Big Platform For Investment And Export

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का इंटरनेशनल ट्रेड शो (UPITS) अब राज्य की पहचान को वैश्विक व्यापार मानचित्र पर स्थापित करने का सशक्त जरिया बन गया है। 2023 और 2024 के सफल आयोजनों ने यह साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश न केवल घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार में भी मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है। अब तीसरा संस्करण और बड़ी उम्मीदों के साथ आयोजित होने जा रहा है, जहां निवेश और निर्यात के नए रिकॉर्ड बन सकते हैं। उम्मीद की जा रही है कि यह आयोजन पिछले दोनों संस्करणों से कहीं बड़ा और प्रभावी होगा। न केवल निर्यात और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे बल्कि उत्तर प्रदेश वैश्विक व्यापार जगत में अपनी मजबूत स्थिति को और पुख्ता करेगा।

2023 में मिली ऐतिहासिक शुरुआत

UPITS की शुरुआत वर्ष 2023 में हुई थी। इस पहले संस्करण में 2000 से अधिक प्रदर्शकों ने प्रदेश की कला, संस्कृति, कृषि और औद्योगिक ताकत को दुनिया के सामने रखा। 60 देशों के 350 विदेशी खरीदारों और करीब 3 लाख विजिटर्स की मौजूदगी में 1000 करोड़ रुपए से अधिक का बिजनेस वॉल्यूम दर्ज हुआ। मुख्यमंत्री के विजन को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदर्शित करने के लिए शुरू किया गया यह आयोजन स्थानीय उत्पादों को वैश्विक मंच दिलाने का बड़ा माध्यम साबित हुआ।

2024 ने दी नई ऊंचाई

दूसरा संस्करण 2024 में और भी प्रभावशाली साबित हुआ। वियतनाम को सहयोगी देश के रूप में शामिल करने वाले इस आयोजन में 2122 प्रदर्शक, 70 देशों से आए 350 विदेशी खरीदार और लगभग 5 लाख विजिटर्स ने हिस्सा लिया। बी2बी और बी2सी मॉडल के जरिए 2200 करोड़ रुपए से अधिक के निर्यात ऑर्डर प्राप्त हुए, वहीं प्रदर्शनी के दौरान 40 करोड़ रुपए से ज्यादा की सीधी बिक्री दर्ज की गई। सबसे खास उपलब्धि यह रही कि शीर्ष 20 उद्यमियों को ही 630 करोड़ रुपए से अधिक के निर्यात ऑर्डर मिले। इनमें मेरठ, हापुड़, गाजियाबाद, कानपुर, बागपत, बाराबंकी, मिर्जापुर, मथुरा, संभल और ग्रेटर नोएडा जैसे जिलों के उद्यमी शामिल रहे।

ग्लोबल ब्रांडिंग का बना प्रतीक

UPITS ने केवल कारोबार ही नहीं बढ़ाया बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘वोकल फॉर लोकल’ को वैश्विक पहचान देने का भी काम किया। ओडीओपी, स्टार्टअप, एमएसएमई, रोजगार और निर्यात प्रोत्साहन की राज्य सरकार की नीतियों ने इसमें नई ऊर्जा भर दी है।

UPITS 2025 को लेकर इस बार खास रणनीति बनाई जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि इस बार न केवल परंपरागत उत्पादों को वैश्विक बाजार मिलेगा बल्कि हाई-टेक सेक्टर्स में भी निवेश और निर्यात के बड़े मौके पैदा होंगे।

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