US-India Tariff News: भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड रिलेशन एक अहम मोड़ पर आकर खड़े हैं. अमेरिका ने भारतीय टेक्सटाइल और अपैरल इम्पोर्ट पर अतिरिक्त 25% पेनल्टी टैरिफ लगाने का फैसला किया है. यह फैसला 27 अगस्त 2025 से लागू हो गया है और इसके साथ ही भारत से अमेरिका को जाने वाले लगभग 60% इम्पोर्ट पर कुल टैक्स का बोझ 50% तक पहुंच जाएगा. यह न केवल भारतीय कंपनियों के लिए बल्कि भारत की जीडीपी और निवेशकों के लिए भी चिंता का विषय है.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर क्या होगा असर?
RBI ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की ग्रोथ दर 6.5% रहने का अनुमान जताया है, लेकिन इसमें इस नए टैरिफ के असर को शामिल नहीं किया गया है. अगर इस पेनल्टी टैरिफ का पूरा प्रभाव सामने आता है तो भारत की जीडीपी पर 50–80 बेसिस प्वाइंट (0.5%–0.8%) तक का दबाव बन सकता है. यानी कि अगर पहले भारत की ग्रोथ 6.5% अनुमानित थी, तो नए टैरिफ के असर से यह घटकर लगभग 5.7%–6.0% के बीच रह सकती है.
अमेरिका का भारतीय टेक्सटाइल्स पर कितना टैरिफ है?
अमेरिका ने खासकर टेक्सटाइल और अपैरल सेक्टर को टारगेट किया है.
देश | टेक्सटाइल इम्पोर्ट पर टैक्स |
---|---|
भारत | 50% |
चीन | 30% |
बांग्लादेश | 20% |
पाकिस्तान | 19% |
वियतनाम | 20% |
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भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए अमेरिका को सामान भेजना अब बहुत महंगा हो जाएगा. अमेरिका में पहले जहां भारतीय उत्पाद कीमत और क्वालिटी दोनों वजह से कॉम्पिटिटिव थे, अब टैक्स बोझ बढ़ने से भारत का फायदा लगभग खत्म हो जाएगा.
भारत–अमेरिका ट्रेड कितना अहम है?
भारत का अमेरिका के साथ टेक्सटाइल ट्रेड बहुत अहम है. अमेरिका का हिस्सा भारत के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट्स में 28% (लगभग $10 अरब) है. इसमें से गारमेंट्स $4.9 अरब और होम टेक्सटाइल्स $3.9 अरब के हैं. अमेरिका को भारत का 4th सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन माना जाता है, जहां भारत की हिस्सेदारी लगभग 7–8% है. खासकर होम टेक्सटाइल्स में भारत की पकड़ मजबूत है. अमेरिका में बिकने वाले 60% बेडशीट्स और 43% टेरी टॉवेल्स भारत से जाते हैं. इस वजह से यह टैरिफ भारतीय कंपनियों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
किन कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर?
कंपनी | अमेरिका से रेवेन्यू शेयर | असर |
---|---|---|
Arvind Ltd | 35-38% | मध्यम से ज्यादा |
Welspun Living | ~60% | बहुत ज्यादा |
KPR Mill | ~10% | कम |
Welspun Living जैसी कंपनियां, जिनकी आधी से ज्यादा कमाई अमेरिका से आती है, इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी. वहीं KPR Mill पर असर सीमित रहेगा.
सरकार और RBI क्या कदम उठा सकते हैं?
एक्सपोर्ट लॉस की भरपाई: अनुमान है कि भारत को इस फैसले से 20–30 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट लॉस हो सकता है. इसका कुछ हिस्सा घरेलू खपत और दूसरे देशों को एक्सपोर्ट से पूरा किया जा सकता है.
मौद्रिक नीति (Rate Cut): अगर ग्रोथ स्लोडाउन ज्यादा बढ़ा तो RBI के पास 25 बेसिस प्वाइंट तक ब्याज दर कम करने का विकल्प होगा, जिससे लोन सस्ते होंगे और मांग बढ़ेगी.
GST कटौती: सरकार जीएसटी में 1.2–1.5 लाख करोड़ रुपये तक की कटौती कर सकती है. इसका सीधा असर कंजम्पशन पर होगा और यह मांग को 1.8–3.5 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ा सकता है.
मार्केट और निवेशकों पर क्या होगा असर?
टेक्सटाइल सेक्टर: सबसे ज्यादा दबाव यहीं देखने को मिलेगा. शेयरों में शॉर्ट टर्म में वोलैटिलिटी बढ़ सकती है.
IT, फार्मा, केमिकल्स और मेटल सेक्टर: इनका असर सीमित रहेगा क्योंकि इनकी अमेरिकी बिजनेस मॉडल सब्सिडियरी-आधारित है.
FPI Flows: अमेरिका से जुड़ी अनिश्चितता के चलते विदेशी निवेशक सतर्क हो सकते हैं. चूंकि FPIs में US का हिस्सा 40% है, इसलिए शॉर्ट टर्म आउटफ्लो संभव है.
घरेलू निवेशक: अच्छी खबर यह है कि भारतीय म्यूचुअल फंड्स और SIP इनफ्लोज मजबूत बने हुए हैं. यह इक्विटी मार्केट्स को सपोर्ट देंगे और बड़ी गिरावट को रोक सकते हैं.
क्या है एक्सपर्ट्स की राय?
कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह सेकेंडरी टैरिफ स्थायी नहीं रहेगा. हो सकता है कि अमेरिका इसे शुरुआती 3–6 महीनों के बाद वापस ले ले. शुरू में असर केवल सप्लाई चेन और डॉक्यूमेंटेशन तक सीमित रहेगा, लेकिन अगर यह टैरिफ लंबे समय तक बना रहा तो भारतीय कंपनियों पर 50–70% तक का वास्तविक दबाव आ सकता है.
FAQs
Q1. अमेरिका ने भारत पर टैरिफ क्यों लगाया?
A. यह कदम अमेरिका की प्रोटेक्शनिस्ट ट्रेड पॉलिसी का हिस्सा है, ताकि घरेलू कंपनियों को ज्यादा सुरक्षा मिल सके.
Q2. सबसे ज्यादा असर किन भारतीय कंपनियों पर होगा?
A. Welspun Living और Arvind Ltd जैसी कंपनियों पर बड़ा असर होगा क्योंकि इनकी कमाई का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है.
Q3. क्या भारत की जीडीपी पर बड़ा झटका लगेगा?
A. हां, RBI के अनुमानित 6.5% ग्रोथ पर 50–80 बेसिस प्वाइंट की गिरावट आ सकती है, जिससे जीडीपी 5.7–6% तक सिमट सकती है.
Q4. सरकार इस असर को कैसे कम कर सकती है?
A. जीएसटी कटौती, ब्याज दरों में कमी और घरेलू खपत को बढ़ावा देकर.
Q5. निवेशकों को क्या रणनीति अपनानी चाहिए?
A. टेक्सटाइल शेयरों में सावधानी बरतें, लेकिन आईटी, फार्मा और घरेलू consumption आधारित सेक्टर्स पर भरोसा बनाए रखें.
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