US Postal Service Suspend: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ के जवाब में भारत ने बड़ा कदम उठाया है। भारत समेत 25 देशों ने राष्ट्रपति ट्रंप को झटका दिया है, क्योंकि भारत समेत 25 देशों ने अमेरिका को डाक पार्सल भेजना अस्थायी रूप से रोक दिया है। ट्रंप प्रशासन ने 29 अगस्त से नए टैरिफ लगाने और कस्टम नियम लागू करने का फैसला किया है, जिनमें 800 डॉलर तक के छोटे पार्सल पर मिलने वाली पुरानी टैक्स छूट हटा दी गई है, जिसका असर भारत पर पड़ेगा।
The Department of Posts has decided to temporarily suspend booking of all types of postal articles, destined for the USA, with effect from 25th August, 2025, except letters/documents and gift items up to USD100 in value. These exempt categories will continue to be accepted and… pic.twitter.com/sRt2NnmlEn
—विज्ञापन—— ANI (@ANI) August 23, 2025
अब लेटर और डॉक्यूमेंट ही भेजे जा सकेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति के नए आदेश के अनुसार, अब अमेरिकी अधिकारियों को डाक पार्सल भेजने पर दी जाने वाली कस्टम ड्यूटी पहले से ही जमा करनी होगी। नए नियमों के तहत केवल लेटर, डॉक्यूमेंट और 100 डॉलर तक के उपहार ही भेजे जा सकते हैं। 100 डॉलर से ज्यादा कीमत के सामान पर 50% तक टैरिफ लग सकता है। इससे भारतीय निर्यातकों और ई-कॉमर्स कंपनियों की लागत और देरी बढ़ जाएगा, लेकिन भारत समेत कई देशों ने पहले ही डाक पार्सल भेजने पर रोक लगा दी।
ट्रंप ने लगाया भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ
बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है, जो आज 27 अगस्त 2025 दिन मंगलवार से लागू भी हो गया है। ट्रंप टैरिफ का असर भारत की अर्थव्यवथा और GDP पर पड़ेगा। भारत की विकास दर में गिरावट आ सकती है, वहीं लाखों लोगों की नौकरियों पर भी असर पड़ सकता है। कई रोजगार ठप होने का खतरा मंडरा गया है। भारत के टेक्सटाइल, अपैरल, ज्वेलरी और ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री पर टैरिफ का नकारात्मक असर पड़ेगा।
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भारत के पास टैरिफ से निपटने के रास्ते
बता दें कि भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ से निपटने के लिए रणनीति बना ली है। भारत सरकार का फोकस अब आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पर रहेगा। प्रधामनंत्री मोदी भी देशवासियों से अपील कर चुके हैं कि वे स्वदेशी उत्पादों के इस्तेमाल करने पर जोर दे। वहीं भारत निर्यात के लिए नए बाजारों की भी तलाश करेगा। नए देशों और ट्रेडर्स के साथ व्यापारिक समझौते करेगा। WTO के नियमों के अनुसार अमेरिका पर जवाबी टैरिफ भी लग सकता है।
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