US tariffs : कल से भारत पर लागू होगा 50% टैरिफ, क्या हैं इससे निपटने के उपाय ?

Tariff war : अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। कल से भारत पर कुल 50 फीसदी टैरिफ लागू हो जाएगा। इसका क्या होगा असर, यह समझाते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के यतिन मोता ने कहा कि US ने भारत पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। भारतीय समयनुसार कल सुबह 9:31 बजे से 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लागू हो जाएगा। अतिरिक्त टैरिफ मिलाकर कुल टैरिफ बढ़कर 50 फीसदी हो जाएगा।

50% टैरिफ का भारत पर असर

50 फीसदी टैरिफ से 86.5 अरब डॉलर के 66 फीसदी एक्सपोर्ट पर असर होगा। कल से 60.2 अरब अरब डॉलर के गुड्स पर 50 फीसदी ड्यूटी लगेगी। इस टैरिफ की सबसे ज्यादा मार टेक्सटाइल्स, जेम्स और श्रिंप के कारोबार पर होगा। US के 50% टैरिफ का असर श्रिंप कारोबार पर पड़ेगा। देश से कुल 2.4 अरब डॉलर का श्रिंप एक्सपोर्ट होता है। इस एक्सपोर्ट में अमेरिका का हिस्सा 32 फीसदी है। इस लागू कुल टैरिफ 60 फीसदी होगा। टेक्सटाइल & एपेरल पर भी टैरिफ का भारी असर होगा। देश से कुल 10.8 अरब डॉलर का टेक्सटाइल & एपेरल एक्सपोर्ट होता है। इस एक्सपोर्ट में अमेरिका का हिस्सा 35 फीसदी है। इस पर लागू कुल टैरिफ 63.9 फीसदी होगा।

ऑर्गेनिक केमिकल्स पर भी टैरिफ का असर होगा। देश से कुल 2.7 अरब डॉलर का ऑर्गेनिक केमिकल्स एक्सपोर्ट होता है। इस पर लागू कुल टैरिफ 50 फीसदी होगा। मशीनरी & व्हीकल्स पर भी टैरिफ का असर होगा। देश से कुल 6.7 अरब डॉलर का मशीनरी & व्हीकल्स एक्सपोर्ट होता है। वही, EVs और ट्रैक्टर का 2.6 अरब डॉलर का एक्सपोर्ट होता है।

टैरिफ की वजह से वित्त वर्ष 20226 में देश से होने वाला एक्सपोर्ट 86.5 अरब डॉलर से घटकर 49.6 अरब डॉलर पर आ सकता है। कोई कदम नहीं उठाया गया तो एक्सपोर्ट में 43 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है।

टैरिफ की मार से बचे सेक्टर

टैरिफ की मार से बचे रहने वाले सेक्टरों की बात करें तो इनमें फार्मा, API, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो, ऑटो पार्ट्स और चुनिंदा कॉपर प्रोडक्ट्स शामिल हैं।

टैरिफ से निपटने के उपाय

एक्सपर्ट्स का कहना है कि टैक्स रिफॉर्म और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस से टैरिफ का झटका कम होगा। श्रिंप, अपेरल, ज्वैलरी और कार्पेट कारोबार को सस्ता कर्ज मुहैया करा कर राहत प्रदान की जा सकती है। RoDTEP और ROSCTL की तरफ से मदद की जा सकती है। मार्केट विस्तार से लिए सरकारी मदद अहम होगी। दूसरे देशों में भारत+1 एक्सपोर्ट हब बनाने की जरूरत है। कच्चे माल पर ड्यूटी कटौती की जरूरत है।

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