बाजार में बड़ी गिरावट के बीच आई तगड़ी रिपोर्ट, 27,609 के नए हाई पर जा सकता है Nifty

Nifty Targets: टैरिफ को लेकर अनिश्चितताओं को छोड़ दें तो भारतीय शेयर बाजार के लिए सारे घरेलू ट्रिगर्स पॉजिटिव दिखाई दे रहे हैं. टैरिफ का ट्रिगर देखते हुए बाजार में फिलहाल गिरावट है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि भारतीय शेयर बाज़ार एक बार फिर मज़बूत तेजी की ओर बढ़ते दिखाई दे रहे हैं.

PL Capital की ताजा India Strategy Report में अनुमान जताया गया है कि निफ्टी अगले 12 महीनों में 27,609 के स्तर तक पहुंच सकता है. रिपोर्ट का शीर्षक है “Ready for next leg of growth”, जिसमें घरेलू खपत की वापसी, महंगाई पर नियंत्रण और सरकारी नीतियों को आने वाले समय का सबसे बड़ा सहारा बताया गया है.

क्यों आ सकती है बाजार में रैली?

रिपोर्ट कहती है कि देश में मांग धीरे-धीरे फिर से मजबूत हो रही है. उपभोक्ता मूल्य महंगाई (CPI) घटकर 1.6% तक आ गई है, जिसमें खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट का बड़ा योगदान है. इसका सीधा असर ग्रामीण इलाकों पर पड़ा है, जहाँ सामान्य मॉनसून से किसानों की आमदनी बढ़ी है और ग्रामीण खपत में सुधार देखने को मिल रहा है.

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मांग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने FY26 में 1,000 अरब रुपये (₹1 ट्रिलियन) का टैक्स कट करने का ऐलान किया है. यह टैक्स कट सीधे तौर पर उपभोक्ताओं की जेब में अतिरिक्त पैसा छोड़ेगा, जिससे वे अधिक खर्च कर पाएंगे. इसके साथ ही, भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 100 बेसिस पॉइंट की ब्याज दरों में कटौती की है. इससे घर, गाड़ी और पर्सनल लोन की EMI कम हो जाएगी. कम EMI से लोगों की खरीदने की क्षमता बढ़ेगी और हाउसिंग से लेकर ऑटो सेक्टर तक मांग को सहारा मिलेगा.

आने वाले समय में GST 2.0 सुधार भी लागू होने की उम्मीद है. इसमें टैक्स स्लैब्स को कम और सरल किया जाएगा. इसके बाद गाड़ियाँ, दवाइयाँ, घरेलू सामान और रोज़मर्रा की ज़रूरतों की चीजें सस्ती हो सकती हैं. इससे उपभोग यानी खपत और तेज़ हो सकती है.

ग्लोबल चुनौतियां हैं मौजूद

हालांकि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौतियां बनी हुई हैं. अमेरिका ने हाल में कुछ आयातित वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाए हैं और विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाज़ार से लगभग ₹41,000 करोड़ की निकासी भी की है. इसके बावजूद भारतीय शेयर बाज़ार ने मज़बूती दिखाई है. कॉर्पोरेट नतीजे भी अपेक्षा के अनुरूप रहे हैं और कंपनियों की कमाई (Earnings) में बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिली है.

PL Capital ने FY26 और FY27 के लिए निफ्टी की कमाई (EPS) के अनुमान थोड़े कम किए हैं, लेकिन इसके बावजूद वे अगले दो वर्षों में 13.2% CAGR (कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट) से कमाई बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं. वर्तमान में निफ्टी अपने एक साल आगे के EPS पर 18.9 गुना वैल्यूएशन पर ट्रेड हो रहा है, जो कि इसके 15 साल के औसत से थोड़ा नीचे है. इसी आधार पर FY27 के EPS को देखते हुए PL Capital ने निफ्टी का नया लक्ष्य 27,609 तय किया है, जो इसके पिछले अनुमान 26,889 से अधिक है.

सेक्टर की बात करें तो रिपोर्ट बैंकों, हेल्थकेयर, कंज्यूमर, टेलीकॉम, ऑटो और कैपिटल गुड्स पर सकारात्मक नज़र रखती है. वहीं, IT सर्विसेज़ और कमोडिटी सेक्टर पर कमजोर रुख अपनाने की सलाह दी गई है. रिपोर्ट का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए खपत का पुनर्जीवित होना सबसे अहम है.

सिर्फ खपत ही नहीं, बल्कि स्ट्रक्चरल थीम्स भी भारत की ग्रोथ स्टोरी को आगे बढ़ाएंगे. इनमें डिफेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, एनर्जी मैनेजमेंट सिस्टम्स, अस्पताल और पावर ट्रांसमिशन जैसे सेक्टर शामिल हैं. इन क्षेत्रों में लगातार निवेश और सरकारी सपोर्ट आने वाले वर्षों में बड़े ग्रोथ ड्राइवर्स साबित होंगे.

निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण FAQs

1. निफ्टी का 27,609 का टारगेट किस आधार पर दिया गया है?

यह टारगेट निफ्टी के FY27 के EPS अनुमान और उसके ऐतिहासिक वैल्यूएशन मल्टिपल्स पर आधारित है.

2. निवेशकों के लिए सबसे अच्छे सेक्टर कौन से बताए गए हैं?

बैंकिंग, हेल्थकेयर, कंज्यूमर, टेलीकॉम, ऑटो और कैपिटल गुड्स सेक्टर में मज़बूत ग्रोथ की संभावना जताई गई है.

3. क्या विदेशी निवेशकों की बिकवाली निफ्टी को नुकसान पहुंचा सकती है?

हालांकि FII ने हाल में बड़ी बिकवाली की है, लेकिन घरेलू मांग और मजबूत कॉर्पोरेट नतीजों से बाज़ार लचीला बना हुआ है.

4. RBI की दर कटौती से किस सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा होगा?

हाउसिंग, ऑटोमोबाइल और कंज्यूमर लोन से जुड़े सेक्टर को सबसे ज्यादा फायदा होगा क्योंकि EMI घटेगी और खपत बढ़ेगी.

5. क्या अभी निफ्टी में निवेश करना सही समय है?

लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह अच्छा अवसर हो सकता है क्योंकि आर्थिक सुधार, टैक्स कट और खपत में उछाल से बाजार को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है.

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