जम्मू और उधमपुर में ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कई जगहों पर सर्च ऑपरेशन चलाया था. यह कार्रवाई कस्टोडियन लैंड घोटाले से जुड़ी है. जिसमें पटवारी, तहसीलदार, बिचौलिए और कुछ प्राइवेट लोग मिलकर सरकारी जमीन पर कब्जा करने और उसे बेचने के घोटाले में शामिल पाए गए है. इसमें ईडी की जम्मू इकाई ने नौ जगहों पर छापेमारी की. इनमें आठ जम्मू में और एक उधमपुर था. इस मामले में ED की जांच ACB और J&K पुलिस की दर्ज कई FIR के बाद शुरू हुई.
फर्जी कागज़ात बनाकर कब्जाया
जांच में पता चला है कि करीब 502.5 कनाल कस्टोडियन जमीन, जो पाकिस्तान गए लोगों की छोड़ी हुई जमीन मानी जाती है, उसको फर्जी कागज़ात बनाकर कब्जे में लिया गया. इस जमीन की कीमत लगभग 20 करोड़ रुपये आंकी गई है. इसके साथ ही ED ने बताया कि साल 2022 से एक पूरे नेटवर्क के जरिए ये काम किया जा रहा था. इसमें राजस्व विभाग के कुछ अधिकारी भी शामिल थे.
जानकारी के अनुसार, ईडी के मुताबिक जमीन पर कब्जा करने के लिए फर्जी पुराने म्यूटेशन रिकॉर्ड तैयार किए गए. फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनाई गई. इसके अलावा फर्जी सेल डीड्स और गलत राजस्व रिकॉर्ड एंट्री बनाई गई.
सरकार को हुआ था भारी नुकसान
इसमें बताया जा रहा है कि, इन जमीनों को कंडिट और अटॉर्नी धारकों द्वारा धोखाधड़ी के तरीकों का सहारा लेकर अपने स्वयं के गिरोह के नेताओं और सदस्यों सहित विभिन्न व्यक्तियों को बेच दिया गया था. इससे सरकार को भारी नुकसान हुआ था.
अलग-अलग अकाउंट्स का इस्तेमाल
इसके बाद कब्जाई गई जमीन को लोगों को बेच दिया गया और उससे मिली रकम को अलग-अलग अकाउंट्स में घुमाकर इस्तेमाल किया गया. तलाशी के दौरान ED को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, राजस्व रिकॉर्ड और डिजिटल एविडेंस मिले है. जिनसे पूरे घोटाले की जानकारी मिल रही है. फिलहाल अभी ED की जांच जारी है. इस मामले में अगे और खुलासे हो सकते है.
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