लार्ज और डायवर्सिफाइड इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कंपनियों की इस वित्त वर्ष में राजस्व वृद्धि दर 9-11 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है. यह वृद्धि इंफ्रास्ट्रक्चर के कैपिटल एक्सपेंडिचर में स्थिरता, बेहतर ऑर्डर बुक, तेज परियोजना क्रियान्वयन और प्रभावी ऑर्डर मिक्स के कारण संभव हो पाएगी. क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार, सरकारी और निजी क्षेत्रों के कैपिटल एक्सपेंडिचर का EPC कंपनियों के प्रदर्शन पर अहम प्रभाव होता है, जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल एक्सपेंडिचर भारत के कुल कैपिटल एक्सपेंडिचर का 75% से अधिक है.
केंद्र और राज्य सरकारों की बजटीय प्रतिबद्धता तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ने से कुल घरेलू इंफ्रास्ट्रक्चर कैपिटल एक्सपेंडिचर में 7-9 फीसदी की वृद्धि हो रही है. विशेष रूप से सड़क क्षेत्र में निर्माण-संचालन-हस्तांतरण मॉडल के पुनरुद्धार और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निजी निवेश के कारण, निजी कैपिटल एक्सपेंडिचर का हिस्सा बढ़कर 11 फीसदी हो गया है. विदेशी परियोजनाओं की हिस्सेदारी भी बढ़कर 27 फीसदी हो गई है, जिससे तेज क्रियान्वयन और राजस्व वृद्धि की उम्मीद है. EPC कंपनियों की ऑर्डर बुक मार्च 2025 तक राजस्व का 3.7 गुना है, जो उनकी स्थिरता दिखाती है.
सेक्टोरल दृष्टिकोण से, एनर्जी प्रोजेक्ट्स खासकर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन की हिस्सेदारी बढ़ी है, जो हाई मार्जिन के जरिए परिचालन लाभप्रदता को आगे बढ़ाएगी. क्रिसिल के अनुसार, इस वित्त वर्ष में EPC कंपनियों की नकदी संचय दो अंकों में बढ़ेगी, जो कार्यशील पूंजी, इक्विटी प्रतिबद्धताओं और मध्यम कैपिटल एक्सपेंडिचर को पूरा करेगी. यह अध्ययन 15 EPC कंपनियों पर किया गया था, जिनका पिछला वित्त वर्ष 3.15 लाख करोड़ रुपए का वार्षिक राजस्व था.
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