भारत को घेरने के लिए 13 साल बाद कोई पाकिस्तान नेता पहुंचा ढाका

नई दिल्ली। भारत पर दबाव बनाने के लिए पाकिस्तान अब नई चाल चल रहा है। एक दशक से लंबे समय से पाकिस्तान बांग्लादेश से दूरी बनाए हुए था। अब बांग्लादेश के साथ वह अपने रिश्ते मजबूत करना चाहता है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार 13 साल बाद दो दिवसीय दौड़े पर ढाका पहुंच गए है। पाकिस्तान अपने इस कदम से भारत को कूटनीतिक चुनौती देना चाहता है।

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बांग्लादेश के विदेश सचिव असद आलम सियाम ने शनिवार को ढाका हवाई अड्डे पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का स्वागत किया। 2012 के बाद पहली बार कोई पाकिस्तानी नेता बांग्लादेश पहुंचा है। इसलिए यह यात्रा अहम मानी जा रही है। डार का मकसद बांग्लादेश के साथ रिश्तों में नई शुरुआत करना है, खासकर ऐसे समय में जब शेख हसीना सत्ता से बाहर हो चुकी हैं और पड़ोसी देशों के साथ बांग्लादेश की विदेश नीति में बदलाव की संभावनाएं दिख रही हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्री अप्रैल में ही बांग्लादेश के दौड़े पर जा रहे थे, लेकिन पहलगाम में हुआ आतंकी हमला और भारत से बढ़ते तनाव के कारण यह यात्रा स्थगित करना पड़ा था। अप्रैल में पाकिस्तान की विदेश सचिव आमना बलूच ने 15 साल बाद बांग्लादेश का दौरा किया था और राजनयिक स्तर पर बातचीत की शुरुआत की थी।

आधा दर्जन समझौतों पर होगा हस्ताक्षर

पाकिस्तान के विदेश मंत्री रविवार को बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच आधा दर्जन समझौतों और एमओयू पर हस्ताक्षर की तैयारी है। इसके साथ ही डार अंतरिम सरकार प्रमुख मुहम्मद यूनुस से शिष्टाचार भेंट करेंगे। सूत्रों के मुताबिक डार बीएनपी की अध्यक्ष खालिदा जिया और जमात-ए-इस्लामी नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने साफ किया है कि इन बैठकों में न सिर्फ द्विपक्षीय संबंधों पर बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी गहन चर्चा होगी।

चीन से भी दोस्ती बढ़ा रहा है पाकिस्तान

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पाकिस्तान भारत को चौतरफा घेरने के लिए चीन से भी अपने रिस्ते मजबूत कर रहा है। इशाक डार कुछ दिन पहले ही चीन के विदेश मंत्री वांग यी से भी मिले थे। दोनों देशों के बीच औद्योगिक, कृषि और खनन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। इस्लामाबाद में हुई रणनीतिक वार्ता के दौरान चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा 2.0, व्यापार और बहुपक्षीय सहयोग जैसे मुद्दों पर भी गहन चर्चा हुई। पाकिस्तान अब एक बार फिर अपने सबसे पुराने सहयोगी चीन के साथ मिलकर एशिया में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश कर रहा है।

भारत पर किया होगा इस यात्रा का असर

देश के बटवारे के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे है। तीन बार पाकिस्तान भारत पर हमला कर चुका है और हर युद्ध में उसे हार की सामना करना पड़ा है। वहीं पाकिस्तान ने जब बांग्लादेश (पूर्व में पाकिस्तान) पर हमला किया था। तब भारत ने पाकिस्तान के 90 हजार से अधिक सैनिकों को बंधक बना लिया और बांग्लादेश एक नया देश बनाया था। इसके बाद पाकिस्तान से रिस्ते और भी खराब हो गए थे। दूसरी ओर, शेख हसीना के हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के बीच भी दूरी बढ़ी है। पाकिस्तान अब इस स्थिति का फायदा उठाकर ढाका के साथ रिश्तों को सुधारने की कोशिश में है। पाकिस्तान चाहता है कि भविष्य में भारत के खिलाफ उसे बांग्लादेश का साथ मिले। अगले साल बांग्लादेश में आम चुनाव होने वाले हैं और यदि सत्ता परिवर्तन हुआ तो भारत-बांग्लादेश संबंध दोबारा पटरी पर लौट सकते हैं। इसके अलावा, हाल के दिनों में भारत और चीन के रिश्तों में भी सुधार देखने को मिल रहा है। इस महीने के अंत में पीएम नरेंद्र मोदी चीन में होने वाली एससीओ बैठक में शामिल होंगे। ऐसे में पाकिस्तान की यह रणनीति शायद उतनी सफल न हो पाए।

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