कन्फ़ेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जीएसटी में नेक्स्ट जनरेशन सुधारों के आह्वान का गर्मजोशी से स्वागत किया है. संगठन का कहना है कि यह कदम जीएसटी को उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों दोनों के लिए वास्तविक ‘कंज्यूमर बोनांजा’ बनाने की दिशा में ऐतिहासिक साबित होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे पत्र में कैट ने कहा कि टैक्स स्लैब को तर्कसंगत करने और जीएसटी को सरल बनाने से देश के आंतरिक व्यापार को मजबूती मिलेगी. खासकर रिटेल नेटवर्क की रीढ़ माने जाने वाले छोटे व्यापारी, किराना स्टोर, फेरीवाले और पान दुकानदारों को इस सुधार का सीधा लाभ होगा.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भारतीया ने कहा कि जीएसटी सुधारों के दौरान केवल कर स्लैब की पुनर्परिभाषा ही नहीं, बल्कि बहु-आयामी अनुपालनों (compliances) के बोझ को कम करना भी प्रमुख उद्देश्य होना चाहिए.
पेय पदार्थ छोटे व्यापारियों की बिक्री का 30% हिस्सा
हंसा रिसर्च के साथ कराए गए अध्ययन का हवाला देते हुए भारतीया ने बताया कि छोटे किराना स्टोरों की कुल बिक्री में लगभग 30% हिस्सा केवल पेय पदार्थों का होता है. लेकिन कार्बोनेटेड ड्रिंक्स पर उच्च कर दर ने उनकी तरलता और आय क्षमता दोनों को प्रभावित किया है, जबकि ये उत्पाद उनकी सबसे अधिक बिकने वाली श्रेणी में शामिल हैं.
‘कम मार्जिन पर काम करते हैं छोटे व्यापारी’
भारतीया ने कहा, पेय पदार्थ रोज़मर्रा के उपभोग की वस्तुएं हैं और इन्हें मुख्य रूप से छोटे व्यापारी ही बेचते हैं. वे बेहद कम मार्जिन पर काम करते हैं. अगर इस श्रेणी पर जीएसटी को तर्कसंगत किया जाता है तो न सिर्फ उनकी आय में सुधार होगा बल्कि इस क्षेत्र में औपचारिककरण को भी बढ़ावा मिलेगा, जो आज भी 80% से अधिक असंगठित है.
कैट ने यह भी उल्लेख किया कि, दुनिया भर में पेय पदार्थों पर औसत कर दर 16–18% के बीच है. अगर भारत में कार्बोनेटेड पेयों को 18% जीएसटी स्लैब में रखा जाता है तो यह अंतरराष्ट्रीय प्रथाओं के अनुरूप होगा. वित्तीय विश्लेषण के अनुसार, ऐसा कदम न केवल सामाजिक रूप से न्यायसंगत होगा बल्कि मध्यम अवधि में सरकार के लिए राजस्व-सकारात्मक भी सिद्ध होगा.
कैट का आग्रह: पेयों को 18% स्लैब में लाया जाए
व्यापारिक समुदाय की ओर से कैट ने मांग की कि, प्रधानमंत्री द्वारा सुझाए गए सुधारों के तहत कार्बोनेटेड पेयों को 18% स्लैब में रखा जाए. इससे छोटे व्यापारियों को राहत मिलेगी, वैल्यू चेन में रोजगार सृजन होगा और बढ़े हुए कर आधार से सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.
भारतीया ने अंत मे कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा ने व्यापारियों में नई उम्मीद जगाई है. हमें विश्वास है कि रोज़मर्रा के उपयोग वाली श्रेणियों जैसे पेय पदार्थों पर जीएसटी का तर्कसंगतिकरण छोटे व्यवसायों, उपभोक्ताओं और पूरी अर्थव्यवस्था के लिए परिवर्तनकारी साबित होगा.”
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