नई दिल्ली। रियल मनी गेमिंग को लेकर दो सदनों में बिल पारित हो चुका है और नया कानून भी बन चुका है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद रियल मनी गेमिंग के सभी ऐप बंद होने जा रहे है। ऐसे में ड्रीम11 भी बीसीसीआई से अपना करार तोड़ने जा रही है। ऐसे में सितंबर में होने वाले एसिया कप के लिए टीम इण्डिया के पास कोई स्पॉन्सरशिप नहीं रहेगा। इसके लिए टाटा ग्रुप, अंबानी और अडानी जैसी बड़ी कंपनियां स्पॉन्सरशिप लेने में जुट गई है।
जानकारी के मुताबिक एशिया कप 2025 से पहले ड्रीम11 भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी स्पॉन्सरशिप छोड़ रहा है। बताया जा रहा है कि इसका कारण नया ऑनलाइन गेमिंग कानून है, जो रियल मनी गेमिंग के प्रमोशन पर रोक लगाता है। ऐसे में अब बीसीसीआई नए स्पॉन्सर की तलाश में है।. टाटा, रिलायंस, अडानी ग्रुप, जीरोधा और पेप्सी जैसे बड़े ब्रांड इस मौके पर नजर गड़ाए हुए हैं। एशिया कप 2025 की शुरुआत 9 सितंबर से हो रही है। यूएई में होने वाले इस टूर्नामेंट में भारतीय टीम अपना पहला मुकाबला 10 सितंबर को खेलेगी। बड़ा सवाल है कि अब टीम इंडिया की जर्सी पर किसका लोगो होगा। क्या भारत बिना मुख्य स्पॉन्सर के एशिया कप खेलेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीसीसीआई और ड्रीम11 की ओर से इस बारे में कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं आई है। BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने कहा कि बोर्ड देश के कानूनों का पूरी तरह से पालन करेगा। उन्होंने कहा, अगर अनुमति नहीं है, तो हम कुछ भी नहीं करेंगे। इसका मतलब यह है कि बीसीसीआई स्पॉन्सरशिप को लेकर सरकारी पॉलिसी के अनुरूप ही आगे बढ़ेगा। ड्रीम11 के बाहर होने के बाद अब सभी की निगाहें बीसीसीआई की अगली चाल पर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कई बड़े कॉर्पोरेट घराने इस मौके पर नजर गड़ाए हुए हैं। इनमें टाटा ग्रुप, रिलायंस और अडानी ग्रुप जैसे दिग्गज इस स्पॉन्सरशिप के मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। टाटा पहले से ही IPL का स्पॉन्सर है, जबकि रिलायंस और अडानी का खेल जगत में बड़े स्तर पर निवेश रहा है।
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कई और बड़ी कंपनियां भी स्पॉनसशिप लेने में जुटी
इस दावेदारी में फिनटेक कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं। तेजी से बढ़ते फिनटेक और इनवेस्टमेंट प्लेटफ़ॉर्म भी बीसीसीआई के साथ रणनीतिक साझेदारी की कोशिश कर सकते हैं। इनमें जीरोधा, एंजेल वन और ग्रो जैसे निवेश प्लेटफॉर्म अपना ब्रांड विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए इस अवसर का फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा ऑटोमोबाइल और एफएमसीजी सेक्टर भी इस रेस में शामिल हैं। महेंद्र और टोयोटा जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियां भी रेस में है। इसके साथ ही बीसीसीआई का पेप्सी भी फिर से टीम इण्डिया की स्पॉन्सशिप लेना चाहता है।
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