Dajjal: इस्लाम के मुताबिक कयामत से पहले आएगा ‘दज्जाल’, जानें बचने के तरीके और पहचान

Dajjal: इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार कयामत से पहले दज्जाल (धोखेबाज) आएगा. दज्जाल एक झूठा मसीहा होगा जो खुद को अल्लाह बताएगा और लोगों को गुमराह करेगा. वह अपने जादू और टोने से लोगों को धोखे में डालेगा और उसे मसीहा होने का झूठा दावा करेगा.

कयामत से तीन साल पहले दज्जाल आएंगे जिनमें लोग अकाल और परेशानियों से गुजरेंगे. वह 40 दिनों तक धरती का दौरा करेगा, मक्का और मदीना को छोड़कर लगभग हर शहर में जाएगा.

दज्जाल के बारे में जानें
इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, दज्जाल (या अल-दज्जाल) समय के अंत से पहले आने वाला एक दुष्ट व्यक्ति है, जो खुद को मसीहा और अल्लाह बताएगा और लोगों को अल्लाह से भटकाएगा.

उसे एक काना, धोखेबाज और शक्तिशाली व्यक्ति के रूप में चित्रित किया गया है, जो चमत्कार करता हुआ दिखेगा, दज्जाल अपने जादू से आसमान से बारिश बरसाएगा और खेत से फसले भी उगाएगा. उसी कोशिश यहीं होगी कि लोग मुझे ही अपना रब माने. 

दज्जाल की पहचान कैसे होगी?
दज्जाल की पहचान उसके माथे पर लिखे “काफिर” शब्द से होगी, जिसे हर ईमान वाला पढ़ सकेगा, साथ ही वह एक आंख वाला होगा और उसके पास अद्भुत शक्तियां होंगी, जिनसे वह धोखे से लोगों को फुसलाएगा. उसके चंगुल से बचने के लिए सूरह अल-कहफ़ की आयतें पढ़ना, ईमान मजबूत रखना और अल्लाह से हिफाजत की दुआ करना जरूरी है.

क्या दज्जाल कयामत से पहले आएगा?
दज्जाल कयामत से  पहले आएगा. दज्जाल एक ऐसा व्यक्ति है जो अल्लाह होने का दावा करेगा और झूठे तरीकों से लोगों को धोखा देगा. इस्लामी धर्मशास्त्र के अनुसार, दज्जाल का प्रकट होना न्याय के दिन कयामत से ठीक पहले की निशानों में से एक है.

दज्जाल के प्रकट होने से पहले तीन सालों में भयंकर अकाल पड़ेगा, जिसमें आकाश अपनी वर्षा और धरती अपनी उपज को रोकेगी. दज्जाल मक्का और मदीना शहरों के अलावा हर जगह प्रवेश कर पाएगा, क्योंकि फरिश्ते मक्का और मदीना  शहरों की रक्षा करेंगे.  

दज्जाल का अंत कैसे होगा?

ईसा अलैहिस्सलाम का आगमन:
हदीसों के अनुसार, दज्जाल का अंत मसीह ईसा अलैहिस्सलाम के आगमन के साथ होगा.

अंत:
ईसा अलैहिस्सलाम सीरिया में दमिश्क के पास दज्जाल को  मारेंगे. उसके बाद, दुनिया में एक नए युग की शुरुआत होगी, जिसमें हक और इंसाफ कायम होगा.

दज्जाल से बचने के तरीके:

शुरुआत:
दज्जाल के फितने से हर नबी ने अपनी उम्मत को डराया है.

सूरह अल-कहफ:
जो लोग सूरह अल-कहफ (कुरान का एक अध्याय) की पहली 10 आयतें याद करेंगे, उन्हें दज्जाल के फितने से सुरक्षित रखा जाएगा.

ईमान और दुआ:
अपने ईमान को मजबूत रखना और अल्लाह से दज्जाल के फितने से बचाने की दुआ करना भी महत्वपूर्ण है.

ये भी पढें: Namaz in Islam: इस्लाम में दुआ का सबसे बेहतरीन जरिया नमाज! जानें 5 वक्त की नमाज का सही तरीका

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

Read More at www.abplive.com