Shiv Stotra: स्वामी कैलाशानंद गिरी ने बताया शिवजी के 4 शक्तिशाली स्तोत्र! पाठ करने से मिलती है शिव कृपा

Swami Kailashanand Giri 4 Shiva Stotra: शिवजी जगत के संहारक, जो आदिगुरू के रूप में पूजनीय योग्य है. शिवजी को प्रसन्न करना बेहद आसान है. अच्छे कर्म और मन में शिवजी के प्रति श्रद्धा भावना आपको उनके समीप लाती है. लेकिन एक तरीका और है, जो काफी सरल और भक्ति से भरा है.

स्वामी कैलाशानंद गिरी जी कहते हैं कि शिवजी के 4 स्तोत्र जिनका नियमित रूप से पाठ करने पर भक्त को अपने भगवान यानी शिवजी की प्राप्ति होती है. आज के लेख में हम इसी स्तोत्र के बारे में जानेंगे.

शिवजी के 4 प्रिय स्तोत्र
स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज के मुताबिक शिवजी को प्रसन्न करने के लिए 4 ऐसे स्तोत्र हैं, जिनका नियमित रूप से उच्चारण करने पर भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है.

द्वादश ज्योतिर्लिंगाष्टकम
शिवजी का यह स्तोत्र उनके 12 ज्योतिर्लिंगों की महिमा का वर्णन करता है. इसके साथ ही इस स्तोत्र के पाठ से शिवजी प्रसन्न होते हैं.

रुद्राष्टकम स्तोत्र
रुद्राष्टकम स्तोत्र को तुलसीदास ने रचा है. यह स्तुति भक्तिभाव से भरी हुई है.

शिवमहिम्न स्तोत्र
इस स्तोत्र में शिवजी की विराठ महिमा का वर्णन किया गया है. इसमें शिवजी के भक्तिमय रूप का वर्णन किया गया है.

शिव तांडव स्तोत्र
इस स्तोत्र को रावण ने रचा था. इस स्तोत्र में शिव की प्रचंड शक्ति और तांडव का वर्णन किया गया है.

यदि इनमें से किसी भी स्तोत्र का पाठ श्रद्धापूर्वक किया जाए तो शिवजी की कृपा प्राप्त होती है.










शिव स्तोत्र पाठ के लाभ
शिव स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करने पर शिवजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसके साथ ही जीवन की बाधाएं भी दूर होती है.
धर्मशास्त्रों के मुताबिक शिव स्तोत्र का पाठ पापों का नाश करता है और आत्मा को शुद्ध करता है.
शिव स्तोत्र के जरिए उन्हें याद किया जाता है. शिव के स्मरण से भय, छल, कपट, माया अंहकार का नाश होता है.
शिवमहिम्न और ज्योतिर्लिंगाष्टकम का पाठ करने पर घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.
शिव को मोक्षदाता भी कहा जाता है. इस स्तोत्र के पाठ से साधक का मन अध्यात्म की ओर बढ़ता है.
रुद्राष्टकम और शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.

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